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“डिजिटल गिरफ्तारी का खेल! – नकली जज, फर्जी CBI अफसर और 46 करोड़ की साइबर ठगी का काला सच”

मुजफ्फरनगर की साइबर क्राइम पुलिस ने उस शातिर गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है, जो TRAI, ED, CBI और अदालत का जज बनकर लोगों को “डिजिटल गिरफ्तारी” की धमकी देता था और करोड़ों की वसूली कर चुका था। सस्पेंस फिल्म जैसी ठगी के इस केस में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का सरगना अब भी फरार है।

👉 ठगों ने WhatsApp कॉल पर सरकारी लोगो और कोर्ट की सील दिखाकर पीड़ित को भरोसे में लिया।
👉 नकली आदेश भेजकर कहा गया – “जांच पूरी होने तक आप डिजिटल गिरफ्त में हैं”
👉 डरे-सहमे शिकार ने ठगों को 33.33 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

गिरफ्तार आरोपियों से 39 सिम कार्ड, 21 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, 13 मोबाइल फोन और करीब एक लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। जांच में खुलासा हुआ कि इन खातों से अब तक 46.55 करोड़ रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी की जा चुकी है।

पुलिस की यह सफलता केवल एक गिरोह की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि उन “डिजिटल भूतों” का पर्दाफाश है, जो कानून और न्याय की नकली मुहर लगाकर आम आदमी की जेब खाली कर रहे थे।


📰 सलाम खाकी की खास रिपोर्ट
✍️ ज़मीर आलम, मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)


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