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ललितपुर न्यूज : विद्यालय के शिक्षकों के माध्यम से ही बच्चों में होता है चौमुखी विकास - एबीएसए , नंदवारा के प्राथमिक विद्यालय में आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम

वार्षिकोत्सव बच्चों की  कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम : बीईओ अम्बिका ओझा





लखनऊ (उत्तर प्रदेश) 3 मार्च 2020


           विद्यालय सीखने का एक  परम्परागत केंद्र है, जहां बच्चे शिक्षकों के सान्निध्य में  अंतर्निहित क्षमता का विकास करते हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रम न केवल अपनी लोक संस्कृति से परिचित कराते हैं बल्कि बच्चों में कला के प्रति अनुराग भी पैदा करते हैं। वार्षिकोत्सव बच्चों की  कलात्मक अभिव्यक्ति का सहज माध्यम होता है।

 उक्त विचार प्राथमिक विद्यालय नंदवारा संकुल नौहाई क्षेत्र महुआ में आयोजित वार्षिकोत्सव में  मुख्य अतिथि के रूप में खंड शिक्षा अधिकारी अंबिका प्रसाद ओझा ने व्यक्त किये। आगे कहा कि बच्चों में केवल किताबी ज्ञान एवं सूचनाएं पहुंचाना शिक्षा का उद्देश्य नहीं है बल्कि  एक अच्छे नागरिक के रूप में विकसित करना है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बच्चे अपनी कला, संस्कृति को समझते हुए उसे जीवन में उतारते हैं श्रेष्ठ नागरिक के रूप में विकसित होते हैं। आज इस विद्यालय के वार्षिकोत्सव में बच्चों ने एकल एवं सामूहिक नृत्य तथा अन्य विविध मनोहारी प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया है। मैं इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

इसके पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी अंबिका प्रसाद ओझा और प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष के पी सिंह, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुधा राजपूत द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के द्वारा वार्षिकोत्सव के विधिवत शुरुआत की गई । विद्यालय की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कक्षा 4 और 5 की बच्चों ने  सामाजिक बुराइयों से दूर रहने का संदेश देते हुए पापा शराब मत पीना पर सामूहिक नृत्य कर दर्शकों की तालियां बटोरी ।

अन्य कार्यक्रमों में  स्कूल का रास्ता प्यारा लगे, पनघट पे मोहि श्याम छेड़ गयो रे, सूरज के मुखड़े पर मल दें मलाई, एक बटा दो और दो बटा चार, दिल है छोटा सा छोटी सी आशा तथा शिव तांडव को योग के माध्यम से दर्शकों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के समापन के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष के. पी. सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि परिषदीय विद्यालयों में संसाधन भले ही न हो पर शिक्षकों की साधना उच्च कोटि की है और इसी साधना के बल पर हमारे विद्यालयों से भारत के स्वर्णिम भविष्य बच्चे तमाम उपलब्धियां अर्जित कर रहे हैं।

अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय पचोखर -2 के प्रधान अध्यापक प्रमोद दीक्षित मलय ने कहा की शिक्षा तभी सफल है जब वह बच्चों के चेहरों पर मुस्कान पैदा कर सकें और यह मुस्कान आत्मविश्वास से पैदा होती है। विद्यालय में आयोजित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के द्वारा बच्चों में न केवल आत्मविश्वास पैदा होता है बल्कि मानवीय मूल्यों का विकास भी होता है।
अंत में सभी बच्चों को अतिथियों द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए।


विद्यालय की रसोइयों एवं सफाई कर्मी एवं साथी शिक्षकों को उपहार में  प्रधानाध्यापिका सुधा राजपूत द्वारा साड़ी , डायरी, पेन आदि भेंट किये गये। कार्यक्रम का संचालन गोकुल अग्निहोत्री ने किया वार्षिकोत्सव में 1 सैकड़ा से अधिक अभिभावक माता पिता ने उपस्थित रहकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया। संकुल प्रभारी रागिनी गुप्ता, यशवंत पटेल निसार खान आदि अध्यापकों ने सहयोग प्रदान किया।


सलाम खाकी न्यूज़ ललितपुर से पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की 

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