गड़वार(बलिया)
कारण कि यहां तैनात एकमात्र चिकित्सक डा.राकिब अख्तर को जनपद के लेवल वन कोविड19 अस्पताल बसंतपुर में स्पेशल ड्यूटी
पर भेज दिया गया है। कोरोना इमरजेंसी के बावजूद यहां सैकड़ों मरीज इलाज के लिए रोज आते है और चिकित्सक के ना मिलने पर
मजबूरन झोलाछाप चिकित्सकों से इलाज कराने को मजबूर है। इमरजेंसी की स्थिति में इलाज के लिए 25 से 30 किमी. दूर जिला
मुख्यालय जाना ग्रामीणों के लिए आज की स्थिति में बहुत मुश्किल है। लोंगो ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अपील की है
कि जनपद में कई अस्पताल ऐसे है जहां दो या तीन चिकित्सक मौजुद है जहां से स्पेशल ड्यूटी कोविड - 19 के लिए बने अस्पताल
में व्यवस्था करनी चाहिए। एक बड़ी आबादी के बीच एकल तैनात
चिकित्सक को हटा देने से कोरोना जैसी महामारी में चिकित्सक के ना होने से क्या स्थिति होगी यह सहज ही समझा जा सकता है।
कारण कि यहां तैनात एकमात्र चिकित्सक डा.राकिब अख्तर को जनपद के लेवल वन कोविड19 अस्पताल बसंतपुर में स्पेशल ड्यूटी
पर भेज दिया गया है। कोरोना इमरजेंसी के बावजूद यहां सैकड़ों मरीज इलाज के लिए रोज आते है और चिकित्सक के ना मिलने पर
मजबूरन झोलाछाप चिकित्सकों से इलाज कराने को मजबूर है। इमरजेंसी की स्थिति में इलाज के लिए 25 से 30 किमी. दूर जिला
मुख्यालय जाना ग्रामीणों के लिए आज की स्थिति में बहुत मुश्किल है। लोंगो ने उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अपील की है
कि जनपद में कई अस्पताल ऐसे है जहां दो या तीन चिकित्सक मौजुद है जहां से स्पेशल ड्यूटी कोविड - 19 के लिए बने अस्पताल
में व्यवस्था करनी चाहिए। एक बड़ी आबादी के बीच एकल तैनात
चिकित्सक को हटा देने से कोरोना जैसी महामारी में चिकित्सक के ना होने से क्या स्थिति होगी यह सहज ही समझा जा सकता है।
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