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विज का तर्क, आपात डयूटी देने पर मिले अतिरिक्त वेतन

चंडीगढ़। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने प्रदेश के पुलिस कर्मियों के मासिक वेतन से तीन दिन का वेतन काटकर कोविड राहत कोष में

 जमा किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। विज का तर्क है कि पुलिस कर्मियों को एमरजेंसी ड्यूटी के बदले अतिरिक्त वेतन दिए

जाने की बजाय तीन दिन का वेतन काटने का कोई औचित्य नहीं है।

हरियाणा के कई जिला पुलिस अधीक्षकों ने अपने मताहत कर्मचारियों व थाना प्रभारियों को एक पत्र जारी करके कहा था कि

हरियाणा सरकार द्वारा गठित कोविड राहत कोष में सभी पुलिस कर्मचारियों का तीन-तीन दिन का वेतन जमा करवाया जाए।

पुलिस अधीक्षकों द्वारा जारी इस पत्र में सभी पुलिस कर्मियों से 31 मार्च तक उनकी राय भी पूछी गई है।

पुलिस अधीक्षकों ने इस कोष में शामिल होने के लिए अपने अधीन कार्य करने वाले सभी प्रकोष्ठों को शामिल होने के लिए कहा है।

हालांकि प्रदेश के पुलिस कर्मियों द्वारा इस पत्र के जारी होने के बाद आपत्ति जताई गई थी लेकिन कोई भी खुलकर नहीं बोल रहा था।

इस बीच राज्य के गृहमंत्री अनिल विज ने मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह प्रस्ताव का विरोध किया।

अनिल विज ने मुख्यमंत्री के सामने यह मुद्दा रखते हुए कहा कि पुलिस कर्मी लॉकडाउन में भी आपात डयूटी दे रहे हैं।

पूरे प्रदेश के कर्मचारी अपने घरों में हैं और पुलिस कर्मी सडक़ों पर

हैं। कई जगह तो पुलिस कर्मियों द्वारा सामान्य दिनों के मुकाबले डबल ड्यूटी भी दी जा रही है।

विज ने पुलिस कर्मियों को अतिरिक्त वेतन दिए जाने की वकालत करते हुए कहा कि अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी स्वेच्छा से

इस कोष में पैसे जमा करवाता है तो ठीक है लेकिन किसी पर दबाव न डाला जाए। माना जा रहा है कि विज द्वारा इस मुद्दे पर आपत्ति

दर्ज करवाए जाने के बाद पुलिस विभाग में निचले स्तर के कर्मचारियों को तीन दिन का वेतन कटने से मुक्ति मिलेगी।

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