ललितपुर न्यूज : कोरोना को भगाने हेतू , हम सब डट कर मुकाबला करे , घरो मे रह कर सुरक्षित रहे और दुसरो की भी सुरक्षा करे - जैन मुनि आचार्य 108 श्री ज्ञान सागर जी महाराज
दसलक्षण पर्व और नवरात्रा में विश्व शांति की मंगल कामना के साथ घर पर रहकर ही करें धर्म ध्यान- विशाल जैन पवा
ललितपुर ( उ०प्र०) 29 मार्च 2020
आज सम्पूर्ण विश्व वैश्विक महामारी की समस्या से जूझ रहा है, कोरोना वायरस दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिस से बचाव हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने साहसिक कदम उठाते हुए २४ मार्च को रात्रि मे १२:०० बजे से सम्पूर्ण देश में लोकडाउन की घोषणा की है, जिसका समर्थन करना हम सभी का कर्त्तव्य एवं दायित्व है। आज रविवार से जैन धर्म के दसलक्षण महापर्व का शुभारंभ हो गया है एवं २५ मार्च से नवरात्रा चल रही हैं, जिसमें हो रहे धार्मिक अनुष्ठान निश्चित ही हमें इस वैश्विक महामारी से मुक्ति दिलाने में सफल रहेंगे। अहिंसा सेवा संगठन के संस्थापक विशाल जैन पवा ने कहा कि

आज से प्रारम्भ हो रहे दसलक्षण महापर्व एवं नवरात्रा में सभी धर्माबलम्बी माननीय प्रधानमंत्री महोदय के उद्बोधन का स्वागत करते हुए देश में लॉकडाउन का पूर्ण सम्मान एवं शासन प्रशासन का सहयोग करें, घर पर ही रहकर वैश्विक महामारी से जूझ रहे विश्व के लिए शांति की मंगल कामना के साथ धर्म ध्यान करना होगा जो कि कोरोना वाायरस से बचाने में सहायक होगा। उन्होंने बताया परम पूज्य प्रशममूर्ति, योगीसम्राट, तपोनिधि, दिगम्बर जैनाचार्य 108 श्री शांतिसागर जी महाराज छाणी(उत्तर) परम्परा के षष्ठपट्टाचार्य, राष्ट्रसंत, सराकोद्धारक आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी महाराज ने कोरोना वायरस के सम्बंध में अपने विशेष संदेश में कहा कि

भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता की संस्कृति रही है और जब जब इस देश पर और विश्व में संकट आये हैं तो साम्प्रदायिक सद्भाव, दया करुणा, वात्सल्य, मैत्री, सेवा की भावना हमारे देश की विशिष्ट पहचान रही है। वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व पर बहुत बड़ा संकट आया है, कोरोना वायरस की यह महामारी पूरे विश्व के लिये घातक सिद्ध हो रही है।आचार्य श्री ने कहा कि वतन सब को प्यारा है, यद्यपि अन्य देशों में तकनीकी के क्षेत्र में कुछ विकास हुआ होगा लेकिन आज पूरे विश्व के सारे प्राणियों को इस महामारी कोरोना वायरस से बचने की आवश्यकता है। हमें प्रधानमंत्री से जो शासकीय आदेश दिये जा रहें हैं, हमें सरकार का सहयोग करना चाहिये। इस महामारी से बचने के लिये सभी लोग अपने अपने प्रयास करें जिससे जिस रूप में बन सके सहयोग करे। कोई भी हमारा देशवासी भूखा नही सो पाये, यह प्रत्येक बाल-गोपाल की जिम्मेदारी है। हर व्यक्ति, हर देश का नागरिक भारतीय है। इस महाविपत्ति काल मे आवश्यकता है कि लोग अपने घरों में ही पूजा-पाठ, भक्ति आदि विशेष रूप से करें। एक मीटर की दूरी रखें और सावधानी रखे ताकि हम और हमारे देश एवं विश्व का प्रत्येक प्राणी सुरक्षित रह सके। इस महाबीमारी से बचने के लिये मनोबल बढ़ाये, जाप, धार्मिक अनुष्ठान करें और संयम से रहें। खानपीन में विशेष रूप से शुद्धि रखें, आसपास में कही कोई गंदगी न फैलाये और न फैलाने दें और हर व्यक्ति का जिस रूप से जैसे सहयोग बन सके सहयोग करके हम मानवीयता व नैतिकता का परिचय दें। भारत संत महात्माओं का देश रहा है, हमारे इस्लामधर्मी 1-1 महिनों का रोजा करते हैं, जैन 10 दिन के दशलक्षणपर्व में व्रत रखते हैं। आचार्य श्री ने कहा कि पहले देश है बाद में धर्म व अन्य सारी चीजें हैं। किसी को घबराने की आवश्यकता नही है,अपना मनोबल मजबूत बनाइये, डरे नही लेकिन जो आपको निर्देश दिये जा रहें हैं, उन निर्देशों का पालन करना यह बहुत बड़ी देशभक्ति है एवं राष्ट्र की सेवा है। यह प्रत्येक जन जन का, प्रत्येक बालगोपाल का दायित्व व कर्तव्य बनता है कि वह धैर्य और साहस से काम लेते हुए पुलिस का सहयोग करे क्योकि पुलिस, शासन-प्रशासन आपकी सुरक्षा चाहती है। इस महामारी का सबसे बड़ा उपाय है कि आप घरो में ही रहे, घरों से बाहर नही निकलें, जो आवश्यक कार्य हैं उन कार्यों को छोड़कर सिर्फ जन-जन की सेवा में लगे और पूरे देश मे, पूरे विश्व मे सुख और शांति हो, सबका मंगल हो, सबका कल्याण हो। सुबह शाम यही भावना भायें कि इस संसार के सभी प्राणी सुखी रहें। जो इस रोग का शिकार हो गए हैं, उनकी आत्मा को शांति मिले। इसी भावना के साथ "अहिंसा विश्व धर्म की जय"
सलाम खाकी न्यूज ललितपुर से पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट
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