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ललितपुर : विकासखंड महरौनी के डोगरा पब्लिक स्कूल में कैसे पूजा लोह पुरुष को

रंजना देवी पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई लौह पुरूष की जयंती




सरदार बल्लभ भाई पटेल आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे: इन्द्रपाल सिंह

ललितपुर
विकास खण्ड महरौनी के ग्राम डोंगरा खुर्द के रंजना देवी पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास पूर्वक लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयन्ती मनाई गई। विद्यालय में प्रभात फेरी निकालकर एकता दिवस की शपथ दिलायी गयी। विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ लौह पुरुष के चित्र पर माल्यापर्ण एवं पुष्पार्पण के साथ हुआ।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए रंजना देवी पब्लिक स्कूल के प्रबन्धक पत्रकार इन्द्रपाल सिंह ने बताया कि सरदार बल्लभ भाई पटेल आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। देश की आजादी में वल्लभ भाई पटेल का बेहद खास योगदान है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि कैसे मिली, साल 1928 में गुजरात में बारडोली सत्याग्रह हुआ जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया यह प्रमुख किसान आंदोलन था उस समय प्रांतीय सरकार किसानों से भारी लगान वसूल रही थी सरकार ने लगान में 30 फीसदी वृद्धि कर दी थी जिसके चलते किसान बेहद परेशान थे. वल्लभ भाई पटेल  ने सरकार की मनमानी का कड़ा विरोध किया, सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश में कई कठोर कदम उठाए. लेकिन अंत में विवश होकर सरकार को पटेल के आगे झुकना पड़ा और किसानों की मांगे पूरी करनी पड़ी, दो अधिकारियों की जांच के बाद लगान 30 फीसदी से 6 फीसदी कर दिया गया. बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी।

 संरक्षक राजा सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने 562 देशी रियासतों का एकीकरण किया। देश आजादी से पहले अलग-अलग रियासतों में बटा हुआ था। लौहपुरुष सरदार पटेल ने 562 रियासतों का भारत में विलय करवाया था। भारत का जो नक्शा ब्रिटिश शासन में खींचा गया था, उसकी 40 प्रतिशत भूमि इन देशी रियासतों के पास थी। आजादी के बाद इन रियासतों को भारत या पाकिस्तान में विलय या फिर स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था। सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शिता, चतुराई और डिप्लोमेसी की बदौलत इन रियासतों का भारत में विलय करवाया था।
कहा कि हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान आसिफ ने स्वतंत्र रहने का फैसला किया, निजाम ने फैसला किया कि वे न तो भारत और न ही पाकिस्तान में शामिल होंगे, सरदार पटेल ने हैदराबाद के निजाम को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया, साल 1948 में चलाया गया ऑपरेशन पोलो एक गुप्त ऑपरेशन था, इस ऑपरेशन के जरिए निजाम उस्मान अली खान आसिफ को सत्ता से अपदस्त कर दिया गया और हैदराबाद को भारत का हिस्सा बना लिया गया।
इस दौरान। प्रबन्धक इन्द्रपाल सिंह, संरक्षक राजा सिंह, वरिष्ठ अध्यापक पुष्पेन्द्र राज,जगदीश विश्वकर्मा,श्रीकान्त सोनी,देवेन्द्र कुशवाहा,पुष्पेन्द्र सिंह,रामनरेश व्यास,रचना सोलंकी, रविन्द्र सिंह सहित छात्र/छात्राएं उपस्तिथ रहे।



सलाम खाकी न्यूज़ ललितपुर से इंद्रपाल सिंह की रिपोर्ट

ललितपुर जनपद में भी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मनाई गई लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 144 वी जयंती , राष्ट्रीय एकता की भी दिलाई गई शपथ ,

राष्ट्रीय एकता दिवस: शिक्षा के मंदिरों में हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई लौह पुरूष की जयंती



ललितपुर (उ०प्र०) 31 अक्टूबर 2019
 
विकास खण्ड मड़ावरा के शिक्षा के मंदिरों में हर्षोल्लास पूर्वक लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयन्ती मनाई गई। विद्यालयों में प्रभात फेरी निकालकर एकता दिवस की शपथ दिलायी गयी। विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ लौह पुरुष के चित्र पर माल्यापर्ण एवं पुष्पार्पण के साथ हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लौह पुरूष की जीवन गाथा सभी को बताई गई। सरस्वती मंदिर इण्टर कॉलेज मड़ावरा में प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति, सरस्वती मंदिर महाविद्यालय मड़ावरा में प्राचार्य डॉ. घूमन सिंह,  सीवी रमन एजुकेशन एकेडमी में प्रबंधक पुष्पेन्द्र सिंह यादव, सुमित विश्वास, प्रधानाध्यापक मदनमोहन पाल, प्राथमिक विद्यालय मड़ावरा-2 में प्रधानाचार्या आशा देवी, प्र.वि. प्रथम, प्र.वि द्वतीय, पू.मा.वि. डोंगराखुर्द में इं.प्र.अ. हकीमुद्दीन, दीपिका गुप्ता, स.अ. रबिन्द्र कुमार, अनुदेशक मानसिंह, अमित कुमार, पूर्व माध्यमिक विद्यालय दिदौनिया में इं.प्रा.अ. मनोज कुमार, प्रा. वि. रनगांव में प्र.अ. खिलावन सिंह द्वारा छात्र-छात्राओं को एकता दिवस की शपथ दिलाई गई। प्राथमिक विद्यालय मड़ावरा-2  में पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।

राष्ट्रीय एकता दिवस पर छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए सरस्वती मंदिर इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य रामसजीवन प्रजापति ने बताया कि सरदार बल्लभ भाई पटेल आजाद भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। देश की आजादी में वल्लभ भाई पटेल का बेहद खास योगदान है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि कैसे मिली, साल 1928 में गुजरात में बारडोली सत्याग्रह हुआ जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया. यह प्रमुख किसान आंदोलन था. उस समय प्रांतीय सरकार किसानों से भारी लगान वसूल रही थी. सरकार ने लगान में 30 फीसदी वृद्धि कर दी थी. जिसके चलते किसान बेहद परेशान थे. वल्लभ भाई पटेल  ने सरकार की मनमानी का कड़ा विरोध किया, सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की कोशिश में कई कठोर कदम उठाए. लेकिन अंत में विवश होकर सरकार को पटेल के आगे झुकना पड़ा और किसानों की मांगे पूरी करनी पड़ी, दो अधिकारियों की जांच के बाद लगान 30 फीसदी से 6 फीसदी कर दिया गया. बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि दी।

सरस्वती मंदिर महाविद्यालय में प्राचार्य डॉक्टर घूमन सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने 562 देशी रियासतों का एकीकरण किया। देश आजादी से पहले अलग-अलग रियासतों में बटा हुआ था। लौहपुरुष सरदार पटेल ने 562 रियासतों का भारत में विलय करवाया था। भारत का जो नक्शा ब्रिटिश शासन में खींचा गया था, उसकी 40 प्रतिशत भूमि इन देशी रियासतों के पास थी। आजादी के बाद इन रियासतों को भारत या पाकिस्तान में विलय या फिर स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था। सरदार पटेल ने अपनी दूरदर्शिता, चतुराई और डिप्लोमेसी की बदौलत इन रियासतों का भारत में विलय करवाया था।

कहा कि हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान आसिफ ने स्वतंत्र रहने का फैसला किया, निजाम ने फैसला किया कि वे न तो भारत और न ही पाकिस्तान में शामिल होंगे, सरदार पटेल ने हैदराबाद के निजाम को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन पोलो चलाया, साल 1948 में चलाया गया ऑपरेशन पोलो एक गुप्त ऑपरेशन था, इस ऑपरेशन के जरिए निजाम उस्मान अली खान आसिफ को सत्ता से अपदस्त कर दिया गया और हैदराबाद को भारत का हिस्सा बना लिया गया।

इस दौरान अध्यापक शम्भूदयाल वर्मा, भवानी शंकर, स.अ. इन्दिरा जैन, शि.मि. बेवी राजा, राजीव बख्शी, स.अ. संदीप कुमार, सन्तोष कुमार त्रिपाठी, खिलावन सिंह, ध्रुव प्रसाद विश्वकर्मा, प्रताप सिंह, पवन सिंह, राहुल कुमार झां, घूमन सिंह, रामपाल सिंह, कीरत सिंह, यशवंत कुमार शर्मा, संजय सिंह, वी.पी. भर्तेले, इन्द्रपाल सिंह, रामेश्वर सिंह, ऋतुकीर्ति, ज्योति मिश्रा, प्रतीक्षा दुवे, सुमित झा, अरविंद सिंह, हरीराम,  ऊदल सिंह, शंकर लाल आदि सहित छात्र-छात्रायें उपस्थित रहीं।


सलाम खाकी न्यूज़ ललितपुर से इंद्रपाल सिंह की रिपोर्ट

ललितपुर के जिण मंदिरों मैं कैसे कराया गया सैकड़ों बच्चों को उपनयन से संस्कारित

सैकड़ो बच्चे उपनयन संस्कार से हुए संस्कारित

मुनि संघ के सानिध्य में आयोजित हुआ उपनयन संस्कार कार्यक्रम

 आजीवन सप्तव्यसन से दूर रहने का लिया संकल्प


ललितपुर 30 अक्टूबर 2019

    ग्यारह भव्य जिनमंदिरों की नगरी वर्णी नगर मड़ावरा के इतिहास में मंगलवार का दिन ऐसे पल लेकर आया जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता आचार्य विशुद्ध सागर जी के आशीर्वाद व् मुनि सुप्रभ सागर,प्रणत सागर जी के मंगल सानिध्य व् प्रेरणा से जैन समाज के एक सैकड़ा बच्चों ने आजीवन सप्तव्यसन का त्याग करते हुए श्रावक दीक्षा के उपनयन संस्कार मुनि श्री के कर कमलों से ग्रहण किये।


       उपनयन संस्कार से संस्कारित होने के लिए बच्चों में अलग ही उत्साह देखने को मिला सोमवार शाम से ही बच्चों ने अपने अपने मुंडन स्वतः करा लिए गए आलम यह था कि मुंडन करने वाले नाई कम पड़ गए लेकिन बच्चों की लाइन खत्म न हुयी बतादें कि प्राचीन भारतीय संस्कृति अनुसार आठ वर्ष की आयु पार कर चुके व् अविवाहित बच्चों को संस्कारबान बनाने के उद्देश्य से ऋषि मुनियों द्वारा उनका उपनयन संस्कार किया जाता था इसी मंगल उद्देश्य भारतीय संस्कृति को पुनः जीवित करने के उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए धर्मनगरी मड़ावरा में विराजमान मुनि सुप्रभ सागर,प्रणत सागर जी द्वारा करीब एक सैकड़ा बच्चों को विधि विधान पूर्वक मंत्रोचारण करते हुए उपनयन संस्कार प्रदान किया ।


 कार्यक्रम के पूर्व पुराना बाजार स्थित नेमि नाथ जिनालय से उपनयन संस्कार लेने जा रहे श्रावकों की शोभायात्रा निकाली गयी जो की कस्वे के मुख्य मार्ग से होते हुए विद्याविहार पहुंची कार्यक्रम के शुभारंभ के पूर्व मंगलाचरन बहिन हिमांसी जैन ने अपने भजन के माध्यम से किया व् आचार्य श्री के चित्र का अनावरण प्रमोद जी पियूष जी बारदाना परिवार सागर व् सुनील संचय जी ललितपुर एवं मुनि संघ के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य अनिल जैन,अभय जैन रजोला परिवार,प्रमोद पियूष जी बारदाना परिवार ने एवं मुनि संघ को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य मुन्नालाल जी संगोरया, खुशाल चन्द्र नीरज जैन दुकानवाला परिवार को प्राप्त हुआ।


     उपनयन संस्कार हेतु आये बच्चों ने सर्वप्रथम मुनि श्री के चरणों में विनयवत होकर संस्कार प्रदान करने हेतु निवेदन किया मुनि संघ से निवेदन करते हुए बच्चों ने आजीवन सप्तव्यसन से दूर रहने का संकल्प लेते हुए आशीर्वाद ग्रहण किया ततपश्चात पंडितों ने जिनमें प्रदीप शास्त्री ललितपुर,पंडित संतोष जी ललितपुर,देवेंद्र शास्त्री सौंरई,ने उपनयन संस्कार लेने को आतुर बच्चों को रक्षासूत्र,अंग शुद्धि,रक्षाकबच के रूप में ऊँ नाम का लोकिट,जनेऊ आदि पहनाये साथ ही पंचकल्याणक महोत्सव में मुख्य पात्रों की भूमिका निभा रहीं समाज की महिलाओं ने उपनयन संस्कार लेने वाले बच्चों को केशर से तिलक लगाया गया। ततपश्चात मुनि सुप्रभ सागर जी मुनि प्रणत सागर जी ने मंत्रोच्चारण करते हुए प्रत्येक बच्चे के सिर पर केशर से स्वस्तिक बनाकर व् अस्टद्रव्य से क्षेपण करते हुए उपनयन के संस्कार विधिविधान पूर्वक दिए गए
    धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि सुप्रभ सागर जी ने कहा कि जब तक बालक पूर्ण रूप से व्यस्क नहीं हुआ है तब तक उसके भविष्य की जिम्मेवारी परिवार की है इसीलिए बालकों द्वारा लिए गए नियमों का पालन करवाना या उन्हें जागरूक करने की जिम्मेदारी मातापिता की है हम एक प्रेरणा मात्र हैं
अपने बच्चों को संतान बनाना चाहिए लड़का नहीं लड़का तो लड़लड कर परिवार को बर्बाद कर देते है सच्चे संस्कार प्राप्त बच्चे ही संतान बन पाते हैं बालक जैसे ही आठ वर्ष की आयु को पा लेता है वह उपनयन संस्कार प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त कर लेते हैं मुनि श्री ने कहा कि एक जन्म आपका माँ के गर्भ से हुआ था एक जन्म आज उपनयन संस्कार के उपरांत हुआ आज से आप संस्कारित होकर नियमपूर्वक अपना जीवन निर्वाह करने का कार्य करेंगे यह मड़ावरा की धरती जो कि प्राचीन जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्द थी वहाँ पुण्य योग से बच्चों के उपनयन संस्कार का कार्यक्रम भी एक इतिहास है ये मड़ावरा वासियों का पुण्य ही है जो हर समय बड़े से बड़ा कार्य भक्ति भाव पूर्वक सानंद निर्विघ्न सम्पन्न हो जाता है श्रद्धा विस्वास व् समर्पण से ही जीवन साकार हो सकता है इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा के साथ ही सादूमल, बम्होरी, सैदपुर, ललितपुर, टीकमगढ़, सागर आदि जगहों की समाज ने कार्यक्रम उपस्थित रहकर धर्मलाभ लिया।


सलाम खाकी न्यूज़ ललितपुर से इंद्रपाल सिंह की रिपोर्ट

ललितपुर में नवरात्रों के समापन पर मां देवी की प्रतिमाओं का विसर्जन भी आज विजय दशमी के दिन हुआ

रोहणी बांध पर भक्तों ने नम आँखों से दी माँ को अंतिम विदाई



 श्री राधे क्लब-देवा क्लब व भारत युवा जागरण संघ द्वारा प्रसाद /भंडारे का किया गया आयोजन


ललितपुर (उ०प्र०) 8 अक्टूबर 1019

           नवरात्रि के अंतिम दिन नगर के विभन्न स्थानों सहित अंचलभर के दुर्गा प्रतिमाओ का विसर्जन किया गया। भक्तों ने मां दुर्गा को नम आंखों से विदाई दी । सेवा गीत गाते सेवा मंडली के साथ भक्त बाना लिए मां अम्बे की शोभा यात्रा निकालकर कस्बा मड़ावरा भ्रमण कराते हुए प्रतिमाओ को रोहणी बांध में विसर्जन किया गया। प्रतिमाओं का विसर्जन सुबह से ही शुरू हो गया था। देर शाम तक विसर्जन का दौर जारी रहा।

मड़ावरा क्षेत्र के विभिन्न ग्रामो से मां दुर्गा की विसर्जन शोभायात्रा बाजे-गाजे के साथ निकली गई। महिलाएं भी माँ के विसर्जन में कतारबद्ध चल रही थी। भक्त मां का जसगान करते हुए झूमते हुए चल रहे थे। शरीर के विभिन्न अंगों में सांग-बाना लेने वाले भक्त भी आकर्षण के केंद्र रहे। कस्बे के प्रमुख पथ से होते हुए विसर्जन शोभायात्रा रोहणी बांध तक पहुंची। जहां आरती पूजा के बाद दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। बांध में विसर्जन का सिलसिला दिनभर चलता रहा।
कस्बा में जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि मनोज खटीक द्वारा 11वीं बार महाआरती का आयोजन किया गया।
इस दौरान बांध के चारो ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। मां दुर्गा की विदाई देखने के लिए कस्बे की सडक़ों पर श्रद्धालु उमड़ पड़े थे। पुलिस ट्रैफिक कंट्रोल करने में लगी रही।


देवी विसर्जन को लेकर प्रभारी निरीक्षक देवेन्द्र कुमार सिंह,कस्बा इंचार्ज सब इंस्पेक्टर रामकरन सिंह,अनिल कुमार कृष्ण कुमार राम भजन यादव महिला कॉंस्टेबल एवं कॉंस्टेबल द्वारा सुरक्षा के चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी। ज्ञात हो कि प्रतिमा विसर्जन के लिए मड़ावरा थाने में हुई शांति समिति की बैठक में रोहणी बांध जामनी बांध एवं लोहर चौका बांध को विसर्जन के लिये चयनित किया गया था।

देवी विसर्जन में आये भक्तो के लिए प्रसाद का आयोजन रोहणी बांध पर देवा क्लब एवं देवा युवा शक्ति द्वारा प्रसाद व भंडारे का लगातार 21वीं बार

कस्बे में थाने के पास श्री राधे क्लब द्वारा 8 वीं साल व् डाक बंगले पर भारत युवा जागरण संघ द्वारा दूसरी बार किया गया प्रसाद,विशाल भंडारा व् पेयजल की व्यवस्था सुशील सोनी,दिनेश नारायण सोनी,नीलेश नामदेव,कैलाश सोनी,श्री नारायण सोनी,कमलेश जैन,डॉ नारायण सिंह,डॉ बलराम,अवधकिशोर तिवारी,निजाम खान,योगेश नायक, श्याम सुंदर,गफ्फार खान,साहिल जैन,रामकिशोर साहू,रिजवान खान भारत,राकेश सोनी,गौरीशंकर सोनी,दीपक कुमार सोनी,राहुल खटीक,अंगद पटेल,मंटू नामदेव,अरविन्द्र सिंह दद्दा,राजेश यादव,वाहिद खान फैजल,मनोहर पंथ,मोनू सेन, राजाराम प्रजापति,गोलू खटीक आदि मौूूजूद रहे ।



सलाम खाकी न्यूज ललितपुर से इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट