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महिला महाविद्यालय मेरठ की NCC कैडेट्स ने मनाया सशस्त्र सेना झंडा दिवस—देशभक्ति, नेतृत्व और सेवा भाव की अनोखी मिसाल

शहीद मंगल पांडे राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, मेरठ की NCC इकाई ने इस बार सशस्त्र सेना झंडा दिवस को कुछ अलग ही रंग दिया। 22 यूपी गर्ल्स बटालियन, मेरठ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल होपेन्दर ठाकुर, महाविद्यालय प्राचार्य प्रो. अंजू सिंह और NCC अधिकारी कैप्टन (डा.) लता कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिक आयोजन नहीं रहा—यह कैडेट्स के जोश, जिम्मेदारी और राष्ट्रप्रेम का ज़िंदा उदाहरण बन गया।

झंडा दिवस की जानकारी और शहीदों को नमन

कार्यक्रम की शुरुआत NCC अधिकारी लेफ़्टि. प्रो. लता कुमार के प्रेरक संबोधन से हुई। उन्होंने कैडेट्स को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के ऐतिहासिक महत्व, शहीदों के बलिदान और धन-संग्रह के तीन प्रमुख उद्देश्यों से अवगत कराया—
1️⃣ युद्ध के समय में प्रभावित परिवारों की सहायता
2️⃣ सेना में कार्यरत जवानों व उनके परिवारों का कल्याण
3️⃣ सेवानिवृत्त सैनिकों व आश्रितों के लिए सहयोग

तीन रंगों (लाल, गहरा नीला और हल्का नीला) वाले झंडे का महत्व समझाते हुए उन्होंने बताया कि यह भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना—तीनों बलों की एकता व गौरव का प्रतीक है।

पोस्टर प्रतियोगिता में दिखी प्रतिभा की चमक

कैडेट्स द्वारा बनाई गई पोस्टर आर्ट ने सभी का ध्यान खींचा।
प्रथम स्थान: कैडेट तनुषा
द्वितीय स्थान: कैडेट तनीशा
तृतीय स्थान: कैडेट मानविका

निर्णायक मंडल में प्रो. मोनिका चौधरी और डा. कुमकुम ने कैडेट्स की रचनात्मकता की सराहना की।

कैडेट्स ने किया जनसंपर्क, जुटाई धनराशि

कार्यक्रम का सबसे प्रेरणादायक हिस्सा रहा—कैडेट्स का महाविद्यालय परिसर व आस-पास के क्षेत्रों में पहुँचकर ‘दान पेटिका’ के माध्यम से लोगों से सैनिकों के लिए धन एकत्रित करना। अनुशासन, साहस और संवेदनशीलता का यह संगम देखकर हर कोई अभिभूत हो गया।

प्राचार्य प्रो. अंजू सिंह ने कैडेट्स की मेहनत की प्रशंसा करते हुए कहा कि—
“राष्ट्रीय दायित्वों के निर्वहन का जो भाव NCC सिखाती है, वही युवा पीढ़ी को देश का सशक्त भविष्य बनाता है।”

42 कैडेट्स बने कार्यक्रम की ताकत

अंडर ऑफिसर आरुषि सिंह, सार्जेंट गौरी, कॉरपोरल आंचल, पूर्णिमा, लांस कॉरपोरल अन्नू, मानविका, वंशिका, अंशु सहित कुल 42 कैडेट्स ने पूरे अनुशासन व उत्साह के साथ सहभागिता की।


समापन — एक गहरा संदेश

सैंकड़ों अक़्लमंद मिलते हैं,
काम के लोग चंद मिलते हैं,
जब मुसीबत आती है,
तब "पुलिस" के अलावा
सबके दरवाज़े बंद मिलते हैं…!!


पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “सलाम खाकी” के लिए
मेरठ, उत्तर प्रदेश से पत्रकार ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

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