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सच्चाई की गोली — IG वाई पूरन कुमार की आख़िरी जंग जातिवाद, सिस्टम और अन्याय से


रोहतक, हरियाणा — मंगलवार की दोपहर देश के पुलिस तंत्र को झकझोर देने वाली खबर आई। सीनियर आईपीएस अफसर IG वाई पूरन कुमार ने खुद को गोली मारकर जीवन समाप्त कर लिया। लेकिन यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, बल्कि सिस्टम के खिलाफ दर्ज की गई एक आखिरी गवाही है।

वाई पूरन कुमार ने 8 पन्नों का अंग्रेजी सुसाइड नोट छोड़ा है — जिसमें 30 से 35 IPS और IAS अधिकारियों के नाम शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जातिवाद, पोस्टिंग में भेदभाव, ACR में गड़बड़ी, सरकारी आवास न मिलने, और प्रशासनिक उत्पीड़न के चलते परेशान किया गया। उन्होंने लिखा कि एक DGP रैंक अधिकारी ने उन्हें बार-बार बेवजह नोटिस भेजकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।

इसके साथ ही उन्होंने एक वसीयत भी छोड़ी है, जिसमें अपनी संपत्ति पत्नी के नाम कर दी है। वसीयत पर 6 अक्टूबर, और सुसाइड नोट पर 7 अक्टूबर की तारीख दर्ज है — यानी उन्होंने अपनी मृत्यु की तैयारी पहले से कर रखी थी।

पूरन कुमार ने 2021 में भी अंबाला कैंट में रहते हुए जातिगत भेदभाव की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था — “मैं दलित परिवार से हूं, इसलिए DGP मनोज यादव मुझे घर में घुसने नहीं देते थे… मुझे पूजास्थल से भी दूर रखा गया।”

हाल ही में सरकार ने उन्हें रोहतक रेंज IG से हटाकर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज, सुनारिया में स्थानांतरित किया था — जिसे विभाग में “पनिशमेंट पोस्ट” कहा जाता है। उन्होंने वहां अब तक जॉइन नहीं किया था और 7 अक्टूबर तक छुट्टी पर थे।

वह भिवानी की हाईप्रोफाइल टीचर मनीषा केस की जांच कर रहे थे, जिससे कई शक्तिशाली लोगों की भूमिका पर सवाल उठे थे। क्या यही जांच उनकी परेशानी का कारण बनी?

IG वाई पूरन कुमार की मौत ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है —
👉 क्या सिस्टम ईमानदार अफसरों को तोड़ देता है?
👉 क्या जातिवाद और भ्रष्टाचार वर्दी के अंदर भी जिंदा हैं?

सच्चाई यह है कि इस देश में कई मौतें गोली या अपराध से नहीं, बल्कि सिस्टम, जाति और भ्रष्ट ताकतों से होती हैं।

✍️ रोहतक (हरियाणा) से ज़मीर आलम की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
📜 पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय पत्रिका — “सलाम खाकी”
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