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मिशन शक्ति के अंतर्गत “अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह”

लेखक – ज़मीर आलम, विशेष संवाददाता, सलाम खाकी (लखनऊ, उत्तर प्रदेश)


👧 बेटियाँ बदलेंगी समाज की तस्वीर

उत्तर प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग ने मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है। इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य है – बालिकाओं और महिलाओं के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सशक्तिकरण को जन-जन तक पहुँचाना।

गौरतलब है कि हर साल 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है और इसी कड़ी में यह पूरा सप्ताह बालिकाओं के जीवन, सुरक्षा और सम्मान को समर्पित रहेगा।


🎯 कार्यक्रमों की मुख्य झलकियाँ

  1. 3 अक्टूबर – “ड्राइविंग माय ड्रीम्स”

    • ग्रामीण व दूरस्थ अंचलों से चयनित बालिकाओं और महिलाओं को न्यूनतम एक माह का ड्राइविंग कोर्स
    • प्रत्येक जिले में कम से कम 100 महिलाओं/बालिकाओं को प्रशिक्षण व ड्राइविंग लाइसेंस दिलाने का लक्ष्य।
  2. 4 अक्टूबर – “पर्सनल सेफ्टी अवेयरनेस”

    • विद्यालयों व संस्थानों में सुरक्षा एवं आत्मरक्षा पर सत्र।
    • विशेषज्ञ बताएंगे कि आपात स्थिति में आत्मरक्षा कैसे करें।
  3. 6 अक्टूबर – सेल्फ डिफेंस वर्कशॉप

    • बाल देखरेख संस्थानों में व्यावहारिक आत्मरक्षा प्रशिक्षण
  4. 7 अक्टूबर – “एक दिन की जिलाधिकारी”

    • चयनित बालिकाओं को एक दिन के लिए डीएम बनने का अवसर।
    • उद्देश्य – नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक समझ विकसित करना।
  5. 8 अक्टूबर – कन्या जन्मोत्सव

    • सरकारी अस्पतालों में जन्मी बालिकाओं और उनकी माताओं का सम्मान।
    • “माँ-बेटी अभिनंदन” और वृक्षारोपण भी कार्यक्रम का हिस्सा।
  6. 9 अक्टूबर – “बाल विवाह को ना”

    • रोके गए बाल विवाहों में शामिल बालिकाओं का सम्मान।
    • बाल विवाह की चुनौतियों और उससे लड़ने की कहानियों पर चर्चा।
  7. 10 अक्टूबर – व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद

    • किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता पर मार्गदर्शन।
    • सैनिटरी पैड के सुरक्षित प्रयोग व निस्तारण की जानकारी।
  8. 11 अक्टूबर – “शक्ति संवाद” (समापन कार्यक्रम)

    • मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना व अन्य योजनाओं की लाभार्थी बालिकाओं का अधिकारियों से संवाद।
    • बालिकाएँ अपनी चुनौतियाँ व अनुभव साझा करेंगी।

🗣️ महिला एवं बाल विकास विभाग का दृष्टिकोण

उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव लीना जोहरी ने कहा –

“अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह बालिकाओं को उनके अधिकारों और संभावनाओं से जोड़ने का सशक्त प्रयास है। उद्देश्य यह है कि हर बेटी योजनाओं की जानकारी तक सीमित न रहे, बल्कि वास्तविक लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बने और समाज के निर्माण में सक्रिय भागीदार बने।”


📊 अब तक की उपलब्धि

मिशन शक्ति के पाँचवें चरण (22 सितम्बर – 1 अक्टूबर 2025) के दौरान 13 लाख से अधिक व्यक्तियों तक जागरूकता पहुँचाई गई है।


✨ निष्कर्ष

“अंतरराष्ट्रीय बालिका सप्ताह” न सिर्फ़ बेटियों के अधिकारों की बात करता है, बल्कि उन्हें सशक्त, आत्मनिर्भर और सम्मानित नागरिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मिशन शक्ति के तहत चल रहा यह अभियान यह संदेश देता है कि –
👉 “बेटी बोझ नहीं, भविष्य की पहचान है।”


📰 पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका
“सलाम खाकी” के लिए
लखनऊ से पत्रकार – ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट

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