वाराणसी, 20 सितंबर 2025 – जब वाराणसी की गलियों और चौक-चौराहों पर सुरक्षा की बात आती है, तो एक नाम हर किसी के दिल में तुरंत आता है—नीतू कात्यान। ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर नीतू कात्यान ने सिर्फ वाराणसी में ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में अपनी एक अलग छवि बना ली है।
नीतू कात्यान की निडरता और साहस ने उन्हें हर पुलिसकर्मी के लिए प्रेरणा का स्तंभ बना दिया है। वह एक ऐसी अधिकारी हैं, जो अपने कड़े फैसलों में कभी समझौता नहीं करतीं, लेकिन अपने अधीनस्थों के प्रति हमेशा स्नेह और मार्गदर्शन का भाव रखती हैं। उनके नेतृत्व में काम करना न केवल गर्व की बात है, बल्कि सीखने का अनुभव भी है।
वारुणा जोन में उनकी कार्यशैली और समर्पण ने पुलिसिंग के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। नीतू कात्यान ने यह साबित कर दिया है कि एक अधिकारी सिर्फ आदेश देने वाला नहीं होता, बल्कि एक अभिभावक की तरह अपने टीम की सुरक्षा और उन्नति के लिए हमेशा खड़ा रहता है। उनके अडिग निर्णय और निष्ठापूर्ण काम ने उन्हें पूरे विभाग में सम्मान और विश्वसनीयता दिलाई है।
उनकी कहानी युवा पुलिसकर्मियों के लिए प्रेरक है। नीतू कात्यान यह दिखाती हैं कि सच्ची मेहनत, अनुशासन और कर्तव्यपरायणता से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है। चाहे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो या समाज में शांति और सुरक्षा बनाए रखना—नीतू कात्यान हर मोर्चे पर उदाहरण पेश करती हैं।
आज के समय में, जब पुलिसिंग सिर्फ कानून लागू करने तक सीमित नहीं रह गई है, नीतू कात्यान जैसे अधिकारी यह संदेश देते हैं कि नेतृत्व और मानवता का संतुलन ही एक प्रभावी पुलिसिंग की कुंजी है। उनके समर्पण और साहस ने वाराणसी को सुरक्षित बनाने में योगदान दिया है और पूरे उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं।
नीतू कात्यान केवल एक अधिकारी नहीं, बल्कि गौरव, प्रेरणा और समर्पण का प्रतीक हैं। उनके जीवन और कार्यों की यह कहानी हर युवा पुलिसकर्मी के लिए एक मिशाल है—साहस और निष्ठा से बढ़कर कोई मार्गदर्शन नहीं।
विशेष रिपोर्ट
पत्रकार ज़मीर आलम, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
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