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मासूम अनवर की मौत: क्राइम पेट्रोल देखकर रची दिव्यांग किरायेदार की खौफनाक साजिश

लेखक: तसलीम अहमद, पिरान कलियर (हरिद्वार, उत्तराखण्ड)

प्रकाशन: "सलाम खाकी" – पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार पत्रिका



हरिद्वार के पिरान कलियर कस्बे में एक ऐसी वारदात सामने आई जिसने पूरे क्षेत्र को हिला दिया। महज़ 19 साल का मासूम युवक अनवर, जो सपनों से भरी उम्र जी रहा था, अचानक अपहरण और हत्या का शिकार बन गया। हैरानी की बात यह रही कि हत्यारा कोई और नहीं बल्कि उसके घर का किरायेदार और रोज़ सामने बैठने वाला दर्जी निकला।

दर्दनाक सच यह है कि यह साजिश किसी फिल्मी कहानी से भी ज्यादा डरावनी थी, क्योंकि आरोपी ने यह सबकुछ लोकप्रिय टीवी शो “क्राइम पेट्रोल” देखकर सीखा और उसी के आधार पर मासूम की जान ले ली।


पिता का दुःख और घर का सन्नाटा

6 सितंबर की रात से नसीर अपने बेटे अनवर का इंतज़ार कर रहे थे। मोबाइल की घंटी बजी तो लगा शायद अनवर खुद फोन कर रहा है। लेकिन दूसरी ओर से आवाज़ आई – “25 लाख रुपये दो, तभी अनवर को जिंदा पाओगे।”

यह सुनकर पूरा परिवार टूट गया। मां की आंखों से आंसू रुक ही नहीं रहे थे और बहनें दरवाज़े की ओर टकटकी लगाए खड़ी थीं कि शायद भाई अंदर आता दिख जाए।


दिव्यांग किरायेदार निकला दरिंदा

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि अमज़द नाम का दर्जी, जो अनवर के पिता की दुकान में किराए पर बैठता था, इस वारदात का मास्टरमाइंड है। एक पैर से दिव्यांग अमज़द को पैसों की ज़रूरत थी। उसने अनवर से दोस्ती बढ़ाई और दो महीने तक लगातार क्राइम पेट्रोल देख-देखकर प्लान तैयार किया।

उसने अनवर से ही नींद की गोलियां मंगवाई और 6 सितंबर को चाय में मिलाकर उसे पिला दीं। जैसे ही अनवर बेहोश हुआ, अमज़द ने अपने साथी फरमान उर्फ़ लालू के साथ मिलकर उसका गला दबा दिया।


हत्या के बाद भी बेरहमी

हत्या के बाद शव को बोरी में भरकर बाइक पर रखा, लेकिन रास्ते में बाइक पंचर हो गई। तब ई-रिक्शा का इंतज़ाम किया गया और शव को गंग नहर में फेंक दिया गया। इसके बाद दोनों आरोपी मेला घूमने चले गए और वहीं से मृतक के मोबाइल से परिवार को फिरौती के लिए कॉल किया।

यह सब जानकर दिल दहल उठता है कि इंसानियत कितनी गिर सकती है।


पुलिस की मेहनत रंग लाई

थाना पिरान कलियर पुलिस और एसओजी टीम ने मिलकर बड़ी तेजी से काम किया। सीसीटीवी, कॉल डिटेल और लगातार घेराबंदी के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस खुलासे में सीओ रुड़की नरेंद्र पंत, थाना अध्यक्ष रविंद्र कुमार और पूरी टीम – एसआई बबलू चौहान, उमेश कुमार, पुष्कर सिंह चौहान, रामअवतार राही, हेड कांस्टेबल सोनू कुमार, जमशेद अली और अन्य पुलिसकर्मियों का अहम योगदान रहा।

आज भी पुलिस गंग नहर में अनवर के शव की तलाश में जुटी हुई है।


सवाल समाज से

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि टीवी या यूट्यूब पर दिखने वाले अपराध-आधारित कार्यक्रम कभी-कभी अपराधियों को “नक्शा” दे देते हैं। जहां इन कार्यक्रमों का मकसद चेतावनी देना है, वहीं कुछ लोग इन्हीं से अपराध की तरकीबें सीखकर मासूमों की ज़िंदगी उजाड़ देते हैं।

अनवर की मौत केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि लालच और अपराध की सोच इंसान को दरिंदा बना देती है।


✍️ विशेष रिपोर्ट: तसलीम अहमद, पिरान कलियर, हरिद्वार
📌 "सलाम खाकी" – पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार पत्रिका
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