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दरिंदे का अंत… ‘ठोकू कोतवाल’ बिजेंद्र सिंह रावत की फायरिंग में घायल, नाबालिग से दरिंदगी की कोशिश करने वाला मुठभेड़ में दबोचा, अवैध तमंचा व बाइक बरामद

शामली। ‘ठोकू कोतवाल’ बिजेन्द्र सिंह रावत का खौफ एक बार फिर अपराधियों पर भारी पड़ा। थानाभवन क्षेत्र में नाबालिग बच्ची से दरिंदगी की कोशिश करने वाला दरिंदा पुलिस की गोली खाकर आखिरकार गिर पड़ा। महज 24 घंटे में आरोपी समीर को मुठभेड़ में घायल कर गिरफ्तार कर पुलिस ने ये साफ कर दिया कि मासूमों के खिलाफ जुर्म करने वालों को अब गोली खाए बिना चैन नहीं मिलेगा।

घटना 14 जून की है जब कस्बा जलालाबाद में रहने वाली एक नाबालिग के साथ आरोपी समीर ने छेड़छाड़ और दुष्कर्म की कोशिश की। मामले की गूंज थाना थानाभवन से होते हुए पुलिस कप्तान रामसेवक गौतम तक पहुंची, और फिर मैदान में उतरे वो अफसर जिनका नाम सुनते ही अपराधी रास्ता बदल लेते हैं — कोतवाल बिजेन्द्र सिंह रावत, जिनकी पहचान अब इलाके में ‘ठोकू कोतवाल’ के नाम से होती है।

24 घंटे का अल्टीमेटम – और फिर भिड़ंत

कोतवाल बिजेन्द्र सिंह रावत ने केस को मिशन मानकर पूरी टीम के साथ मोर्चा संभाल लिया। हर एंगल खंगाला गया, मुखबिर लगाए गए, और 15 जून की सुबह सूचना मिली कि आरोपी समीर जलालाबाद के पास दिव्या पब्लिक स्कूल के पास किसी वारदात की फिराक में है।

टीम ने तुरंत घेराबंदी की। खुद को फंसा देख समीर ने पुलिस पर फायर झोंक दिया। लेकिन जो सामने था वो कोई आम टीम नहीं — ठोकू कोतवाल बिजेन्द्र सिंह रावत और उनकी टीम ने जवाबी फायरिंग में समीर को पैर में गोली मार गिराया।

अवैध तमंचा और चोरी की बाइक बरामद

मौके से पुलिस ने आरोपी के पास से 315 बोर का देसी तमंचा, दो जिंदा कारतूस, एक खोखा कारतूस, और बिना नंबर की स्पलेंडर बाइक बरामद की। घायल आरोपी को तुरंत सीएचसी थानाभवन में भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज जारी है। पुलिस ने बताया कि समीर पर पहले भी आपराधिक रिकॉर्ड है और अब उसे सलाखों के पीछे पहुंचाना तय है।

कोतवाल की नर्म आंखों में आग — बच्चों के खिलाफ जुर्म नहीं बर्दाश्त

कोतवाल बिजेन्द्र सिंह रावत, जिनकी नजर में अपराधी चाहे जितना बड़ा हो — उसके लिए कानून से बचने की कोई जगह नहीं। उन्होंने मुठभेड़ के बाद दो टूक कहा,
"बच्चों के साथ दरिंदगी करने वालों के लिए एक ही रास्ता है — या जेल, या अस्पताल।"

टीम का भी दिखा दम

इस कार्रवाई में कोतवाल बिजेन्द्र सिंह रावत के साथ उप निरीक्षक पवन कुमार, हेड कांस्टेबल शेखर, भगत सिंह भाटी, आकाश जैनर, कांस्टेबल संदीप और अमित शामिल रहे — जिन्होंने बिना थके, बिना डरे इस ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया।

जनता ने बजाई तालियां, अपराधियों को मिला अल्टीमेट संदेश

घटना के बाद इलाके में पुलिस की इस कार्रवाई की जमकर सराहना हो रही है। लोग कह रहे हैं —
"ठोकू कोतवाल बिजेन्द्र सिंह रावत जैसे अफसर जब तक हैं, हमारी बेटियां महफूज़ हैं।" सलाम खाकी न्यूज कैराना , शामली उत्तर प्रदेश से पत्रकार शौकीन सिद्दीकी की रिपोर्ट 

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