जहरीली शराब गांवों में बिक रही थी। पुलिस और आबकारी विभाग की टीम सो रही थी। एक-एक करके तीन दिन में दस लोगों की मौत हो गई। विसरा रिपोर्ट में शराब के जहरीली होने की पुष्टि के बाद एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने सख्त रुख अख्तियार किया। इंस्पेक्टर ताजगंज, इंस्पेक्टर डौकी और एसओ शमसाबाद सहित नौ पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। वहीं दो आबकारी निरीक्षक सहित तीन आबकारी सिपाहियों के निलंबन की संस्तुति की है।
जहरीली शराब से तीन थाना क्षेत्रों में लोगों की जान गई। कार्रवाई सिर्फ थाना प्रभारियों के खिलाफ नहीं हुई है। दो चौकी इंचार्ज भी कार्रवाई की जद में आए हैं। बुधवार देर रात एडीजी जोन ने इंस्पेक्टर ताजगंज उमेश चंद त्रिपाठी, चौकी इंचार्ज एकता कुलदीप मलिक, बीट सिपाही देवरी अरुण कुमार, इंस्पेक्टर डौकी अशोक कुमार, बीट सिपाही कौलारा कला सोमवीर, हेड कांस्टेबल जगजीत सिंह, एसओ शमसाबाद राजकुमार गिरी और गांव गढ़ी जहान सिंह के बीट सिपाही उदयप्रताप और गांव मेहरामपुर के बीट सिपाही श्यामसुंदर के निलंबन के आदेश दिए। कार्रवाई की जानकारी होते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई।
दो आबकारी इंस्पेक्टर सहित पांच फंसे
एडीजी जोन ने अपनी जांच में सेक्टर तीन फतेहबाद के आबकारी निरीक्षक संजय कुमार विद्यार्थी, सेक्टर सात ताजगंज के आबकारी निरीक्षक रजनीश कुमार पांडेय और तीन आबकारी सिपाही विशाल कुमार, राजेश कुमार शर्मा व अमरजीत तेवतिया को भी प्रथम दृष्टया जांच में दोषी पाया है। जिन इलाकों में ग्रामीणों की मौतें हुईं वहां अवैध रूप से शराब नहीं बिके यह देखना इनकी जिम्मेदारी थी। पुलिस के साथ इनकी निष्क्रियता भी उजागर हुई। एडीजी जोन ने इनके निलंबन की संस्तुति की है। निलंबन की कार्रवाई आबकारी विभाग के अधिकारियों को करनी है।
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