जीन्द पुलिस
सलाम खाकी न्यूज
*ऑनलाइन ठगी करने वालों के खिलाफ जीन्द पुलिस सख्त।*
*ऑनलाइन ठगी के मामले निपटाने के लिए बनाई गई स्पेशल टीम, साईबर अपराधा शाखा।*
*मोबाईल, ई-मेल, फोन-काॅल या किसी भी प्रकार से अपनी गोपनीय जानकारी व ओ.टी.पी. सांझा ना करें - वसीम अकरम, एस.पी जीन्द।*
जीन्द, 18 जून। *पुलिस अधीक्षक जीन्द वसीम अकरम* ने सक्रिय साइबर अपराधियों से नागरिकों को सावधान व सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी मोबाइल ऐप, ईमेल, व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेज लिंक तथा फोन पर बात करके गोपनीय जानकारी ले लेते हैं, इसलिए नागरिक ऐसे साइबर अपराधियों से सावधान रहते हुए अपनी गोपनीय जानकारियां या किसी प्रकार का ओटीपी शेयर ना करें। उन्होने कहा कि कोरोना काल में लोगों की सहायता और इलाज में खर्च रकम की प्रतिपूर्ति करने के नाम पर ई-मेल, वाट्सएप मैसेज भेजकर ठग झांसे में ले सकते हैं। बैंक खाते की पूरी जानकारी लेने के बाद ऑनलाइन फ्रॉड किया जा सकता है। इसी प्रकार से पेंशन धारकों को भी जालसाजी से सावधान रहने की आवश्यकता है। रिटायर हुए कर्मचारियों का डाटा लेकर पेंशनधारकों से भी फ्रॉड किया जा सकता है। पेंशन धारकों का भरोसा जीतने के लिए अपराधी उनकी सर्विस रिकार्ड, बैंक अकाउंट, पेंशन भुगतान आदेश व मासिक पेंशन की जानकारी देते हैं। ऐसे में पेंशनधारक साइबर अपराधियों को पेंशन निदेशालय का कर्मी समझ कर विश्वास न करें। अपराधी जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं होने के कारण पेंशन रोके जाने की बात कहते हैं और इसका फायदा उठाकर पेंशन धारक के मोबाइल पर एक एसएमएस भेजते हैं, जिसमें ओटीपी होता है। इसके बाद पेंशन धारक से ओटीपी बताने के लिए कहा जाता है। यह ओटीपी मिलते ही ठग पेंशनधारक के खाते में जमा रुपये ऑनलाइन दूसरे खाते या ई-वालट में ट्रांसफर कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन धारकों को ऑनलाइन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विभाग की तरफ से कोई फोन नहीं किया जाता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने का फोन आता है, तो वह ठगी का मकसद हो सकता है। यदि किसी पेंशन धारक ने अभी तक अपना जीवन प्रमाण पत्र ट्रेजरी या बैंक आदि में जमा नहीं करवाया है तो वे स्वयं उपस्थित होकर या आधिकारिक माध्यमों से ही अपना प्रमाण पत्र जमा करवाएं।
साइबर क्राइम पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए एसपी जीन्द ने सराहनीय पहल करते हुए साइबर क्राईम सैल की शुरुआत की है। पुलिस लाईन जीन्द में खोले गए साईबर अपराध सैल पर पीड़ित तत्काल काॅल करके अपराध की सूचना दे सकते हैं। जिसके बाद सम्बंधित थानों मे मुकदमा दर्ज किया जाएगा और एफआइआर की प्रति भी पीडित को दी जाएगी। साइबर अपराध शाखा ASP सफीदों नितिश अग्रवाल आईपीएस के नेतृत्व में कार्य करेगी।
*एएसपी नितिश अग्रवाल* ने बताया कि जिले में लोग साइबर ठगों के शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधी लोगों को झांसे में लेकर आनलाइन कैश ट्रांसफर और अन्य अपराध कारित कर रहे हैं। वारदात के बाद पीड़ित बैंक और थानों के चक्कर काटते रहते हैं। पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए पुलिस लाईन जीन्द में साईबर अपराध की शाखा खोली गई है। एएसपी ने बताया कि थानों में मुकदमा दर्ज होने के बाद साईबर अपराध शाखा पर उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा। घटना के बाद पीड़ित साइबर अपराध शाखा पर फोन कर घटना के बारे में बता सकते हैं। साइबर अपराध शाखा में साइबर एक्सपर्ट पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहेगी। निरिक्षक सोमबीर ढाका इस सैल के इन्चार्ज होगे। साइबर अपराध से संबंधित समस्या के समाधान के लिए पीड़ित साईबर हेल्प सेंटर के फोन नंबर 8814011545 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
*साइबर अपराधियों* की धरपकड़ करना, आॅनलाईन ठगी के मामलों की तफ्तीश और आरोपियों की गिरफ्तारी, क्रेडिट व डेबिट कार्ड से हेराफेरी और फ्राड, इंटरनेट बैंकिंग से फ्राड, ऑनलाइन शापिंग में फ्राड, कंप्यूटरीकृत बैंक खातों में की जाने वाली हेराफेरी और फैसबुक व अन्य साइटों को हैक करने के मामलों की जांच साइबर अपराध शाखा के माध्यम से होगी।
सलाम खाकी न्यूज से क्राइम रिपोर्टर सुमित कुमार
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