गरीबों , मजलूमों और बेसहारों का सहारा बनकर उत्तर प्रदेश की सियासत में सफल हुए कैराना विधायक नाहिद हसन
डैस्क नई दिल्ली सलाम खाकी - 2 नवंबर 2020
गरीबों , बेसहारों तथा मजलूमों आदि की आवाज बनकर उत्तर प्रदेश की सियासत में उभरने वाले समाजवादी पार्टी के कैराना विधायक नाहिद हसन ने आज सोमवार को कैराना में जिला प्रशासन की भारी व्यवस्थाओं के बावजूद भी अपने समर्थन में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठे कर शामली जिला प्रशासन के सभी व्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया ।
जनपद शामली के कैराना थाने में गरीबों बेसहारों और मजलूमों का पुलिस द्वारा शोषण किए जाने के विरोध में और निर्दोष लोगों थाने में बिठाने के आरोप के चलते समाजवादी पार्टी के कैराना विधायक नाहिद हसन की कैराना कोतवाली में ही गत 29 नवम्बर 2020 को प्रभारी निरीक्षक प्रेम वीर राणा से तीखी झड़प हो गई थी । इसके बाद सीओ कैराना ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया था । मगर बाद मे इस मामले में कैराना कोतवाली में नाहिद हसन व उसके समर्थकों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज हो गया था ।
इसके तुरंत बाद विधायक नाहिद हसन ने शामली पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए 2 नवंबर 2020 को आज अपने हजारों समर्थकों समेत गिरफ्तारी देने की घोषणा की थी । साथ ही इस पंचायत के लिए नाहिद हसन ने प्रशासन से अनुमति भी लेनी चाही थी , मगर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी । जिससे नाहिद हसन और शामली जिला प्रशासन के बीच टकराव के आसार बन गए थे । मगर 2 नवंबर को शासन द्वारा की गई घोषणा को लेकर शामली जिला प्रशासन जहां चिंता में थी , वहीं इस पंचायत / भीड को रोकने के लिए लिए शामली पुलिस ने भारी तैयारियां की थी ।
इसी वजह से आज 2 नवंबर को शामली पुलिस ने कैराना को पुलिस छावनी में बदल दिया था । और कैराना में चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा बैठा दिया । इतना ही नहीं दूसरे जनपदों से कैराना पहुंचने वाले लोगों को भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की पुलिस ने रास्तों में ही रोक दिया था । और आसपास के जिलों से कैराना पहुंचने के सभी रास्ते पर पुलिस का पहरा बिठा दिया गया ताकि कोई कैराना मे ना जा सके ।
पुलिस की इतनी सभी व्यवस्थाओं के बावजूद भी आज 2 नवंबर को कैराना में नाहिद हसन के चबूतरे पर कई हजार लोग इकट्ठे हो गए । जिन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की । यदि ऐसे समय में विधायक नाहिद हसन अपनी घोषणा के अनुरूप गिरफ्तारियां दे देते तो शायद कोई बड़ी घटना कैराना में कर सकती थी ।
मगर शांति का रास्ता अख्तियार करते हुए नाहिद हसन ने एक नया सियासी दांव खेल दिया और वह यह था की उन्होंने कैराना तहसील के एसडीएम उद्भव त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंप दिया जिसमें उन्होंने कैराना प्रभारी निरीक्षक को तत्काल हटाने और अपने ऊपर लगे मुकदमे को वापस लेने और थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की मांग की , ताकि गरीबों और बेसहारों को भी न्याय मिल सके ।
कैराना में व्याप्त तनाव को देखते हुए आज पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के प्रदेशों के निगाह भी कैराना प्रकरण पर थी । यदि स्थिति पर गौर करें और ग्रामीणों की बात पर विश्वास करें तो नाहिद हसन गरीबों की आवाज बनकर जहां यह लड़ाई लड़ रहे थे तो इससे ऐसा लगा कि वास्तव में प्रदेश की योगी सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है और इस भ्रष्टाचार से आम जन परेशान हैं । बडी सूझबूझ से इस लड़ाई को नाहिद हसन ने बहुत ही शांतिपूर्वक तरीके से लड़ने का रास्ता अपनाया है । आज की सियासत की लड़ाई से नाहिद हसन का कद ऊंचा दिखाई पड़ रहा है । क्योंकि वहां पहुंची भीड़ नाहिद हसन के समर्थकों के रूप में कम और थानों में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रमाण के रूप में अधिक मानी गयी है । सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रकरण में ज्ञापन देकर जो मांग राज्यपाल से की गई है उस वजह से जहां तनाव खत्म हुआ है वही पुलिस और आम जनता ने राहत की सांस ली है ।
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