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जिला में कृषि आधारित उद्योग लगाने की संभावना तलाशेगा उद्योग विभाग : डीसी -लघु सचिवालय के सभागार में पत्रकारों से रूबरू हुए डीसी -बोले, जिला के किसानों को फसल विविधिकरण बारे किया जा रहा है जागरूक -कहा, जिला में बाढ़ राहत के सभी पुख्ता प्रबंध पूर्ण, 37 गांवों में रिंग बांध और तटबंध किए गए मजबूत



जिला में कृषि आधारित उद्योग लगाने की संभावना तलाशेगा उद्योग विभाग : डीसी
-लघु सचिवालय के सभागार में पत्रकारों से रूबरू हुए डीसी
-बोले, जिला के किसानों को फसल विविधिकरण बारे किया जा रहा है जागरूक
-कहा, जिला में बाढ़ राहत के सभी पुख्ता प्रबंध पूर्ण, 37 गांवों में रिंग बांध और तटबंध किए गए मजबूत
फतेहाबाद, 25 जून।
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने कहा है कि जिला में कृषि आधारित उद्योग लगाने की संभावना पर काम किया जा रहा है। उद्योग विभाग को इस बारे सर्वे करके कृषि पर आधारित उद्योग जैसे फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि जिला फतेहाबाद कृषि पर आधारित है, तो यहां इससे जुुड़े हुए उद्योग लगाए जा सकते हैं। डॉ. बांगड़ वीरवार को लघु सचिवालय के सभागार में पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।



उपायुक्त ने कहा कि फसल विविधिकरण बारे किसानों को जागरूक किया गया है। किसानों ने मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर स्वेच्छा से फसल विविधिकरण के लिए पंजीकरण भी करवाया है। जिला को 10 हजार एकड़ भूमि का लक्ष्य मिला था, उसके एवज में जिला के किसानों ने 13 हजार एकड़ से भी ज्यादा भूमि पर फसल विविधिकरण के लिए पंजीकरण किया है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने के लिए उन्हें जागरूकता के साथ-साथ दूसरी फसलों के उत्पादन और बाजार बारे भी बताया जा रहा है। कृषि विभाग फसल विविधिकरण योजना के बारे में किसानों को प्रदर्शनी प्लांट लगवाकर भी जागरूक कर रहे हैं। जिला के हर ब्लॉक में कृषि विभाग ऐसी फसलों का प्लांट लगवाएंगे, जिनमें कम पानी की खपत होती हो। उपायुक्त ने बताया कि जागरूकता शिविरों के माध्यम से जहां किसानों को फसल विविधिकरण बारे बताया जाता है वहीं धान लगाने वाले किसानों को पराली न जलाने बारे भी जागरूक किया गया है।



डॉ. बांगड़ ने बताया कि प्रदेश सरकार की योजना के तहत जिला में वाटर रिचार्ज के लिए बोरवेल भी किए जाएंगे, जिसमें अनुदान राशि भी शामिल है। इस पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग अपनी रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। उपायुक्त ने बताया कि बारिश के मद्देनजर प्रशासन ने बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में बचाव राहत कार्य पूरे कर लिए है। 37 गांवों बाढ़ संभावित क्षेत्र में आते हैं, इसमें रिंग बांध सहित दूसरे तटबंध और बचाव के कार्य किए गए है। 76 वाटर पानी निकासी के लिए पम्प उपलब्ध है, जो चैक कर लिए गए है और पूर्णरूप से ठीक है। बाढ़ से निपटने के लिए सभी प्रकार के पुख्ता प्रबंध किए जा चुके हैं।


उपायुक्त ने कोविड-19 महामारी में लोगों को मास्क लगाने और सोशल दूरी रखने के लिए प्रशासन द्वारा चलाए गए अभियान में मीडिया के सहयोग के लिए धन्यवाद किया और कहा कि लोगों ने इसमें जागरूकता ली तथा दिशा निर्देशों की पालना की है, जिसके फलस्वरूप जिला में कोविड-19 की स्थिति संतोषजनक है। उन्होंने बताया कि जिला में 98 पॉजिटिव केस आए थे, जिनमें से 73 ठीक हो गए है। जिला में ठीक होने का रिकवरी रेट बहुत अच्छा रहा है। उपायुक्त ने कहा कि जिला में जितने भी पॉजिटिव केस आए है, उनके हिस्ट्री बाहरी राज्यों की ट्रैवल की रही है, सिर्फ एक केस पॉजिटिव केस के संपर्क में आने से पाया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के मरीजों की 



संख्या बढऩे की स्थिति में भी प्रशासन ने सभी प्रकार की तैयारियां कर रखी है। हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट भी उन्हें दुरूस्त करवाकर आईसोलेशन रूम में इस्तेमाल करने के लिए अधिग्रहण किया जा चुका है। तीनों सब डिवीजन पर प्रशासन ने पुख्ता तैयारी की हुई है। डॉ. बांगड़ ने बताया कि आयुष विभाग ने भी लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवाईयां वितरित की है। इसके लिए आयुष विभाग ने विशेष अभियान चलाया और कंटेनमेंट जोन में जाकर लोगों को ये दवाईयां वितरित की है। रेडक्रॉस सोसायटी का भी जिला में लोगों में 




जागरूकता लाने का अह्म रोल रहा है। रेडक्रॉस सोसायटी ने लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता वाहन भी शुरू किए है। पत्रकारवार्ता में नगराधीश अनुभव मेहता, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी आत्मा राम कसाना व सहायक सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. विनय बेनीवाल आदि मौजूद रहे।

फोटो कैप्शन (25 डीआईपीआरओ एफटीबी फोटो 01 व 02): लघु सचिवालय के सभागार में पत्रकारों से बातचीत करते जिला उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़।

ब्युरो चीफ़
 उजागर सिंह की रिपोर्ट 

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