खाकी हुई शर्मशार:
पुत्र को खाना देने चौकी आयी महिला को चौकी इंचार्ज ने जातिसूचक शब्दो के साथ किया अपमानित,छोड़ने के एवज में दो हजार लेने के वावजूद भी किया चालान
ललितपुर:-
विगत मामला 7 अप्रैल को दो पक्षों में आपस में झगड़ा हो गया था जिसमे दोनो पक्षों को चोट आई थी प्रथम पक्ष राजा पुत्र खलक सिंह अहिरवार दीपक पुत्र खलक का विवाद द्वितीय पक्ष राजेन्द्र पुत्र कल्लू अहिरवार से विवाद हुआ था। जिस पर चौकी इंचार्ज ने 7 अप्रैल की ही शाम को दोनों पक्षो को घर से उठा लिया था। पुलिस द्वारा दोनो पक्षो को दो दिन तक चौकी में बैठाये रही।
बैठने के साथ- साथ दोनों पक्षो से दो दिन सुबह से लेकर शाम तक काम कराया गया। साथ ही एक पक्ष के सिर में चोटे भी आई थी लेकिन फिर भी चौकी इंचार्ज अजयपाल सिंह द्वारा इस कड़ाके की धूप में सुबह से ही फावड़ा गेंती देकर काम कराया गया। जो चौकी इंचार्ज द्वारा मानवाधिकार का खुलेआम उलंघन किया गया है। एक पक्ष खलक सिंह व उसकी पत्नी का कहना है कि बिरधा चौकी में वह अपने पुत्र को 9 अप्रैल को खाना देने गई थी तो चौकी इंचार्ज ने खाना नही देने से मना कर दिया साथ ही चौकी इंचार्ज द्वारा जाति सूचक शब्दो से अपमानित करते हुए गाली गलौज की कहा कि अगर द्वारा चौकी में आये तो तुम्हारे पूरे घर को जेल भेज देंगे साथ ही खलक सिंह ने आरोप लगाया है कि चौकी में तैनात राघवेंद्र सिंह राजावत दीवान ने दोनों पुत्रों के छोड़ने के एवज में 2000 रुपये भी ले लिए।
पीड़ितो से पैसा लेने के वावजूद भी चालान भी कर दिया।
जहाँ एक ओर जनपद की पुलिस द्वारा इस महामारी के दौरान लॉक डाउन में गरीब लोगो की मदद करते हुए नजर आ रही है तो वही चौकी इंचार्ज बिरधा लॉक डाउन का पूरा फ़ायदा उठाकर गरीबो के साथ गाली गलौज कर उनका शोषण कर रहे।
सलाम खाकी न्यूज से प्रदेश ब्यूरो
पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट
पुत्र को खाना देने चौकी आयी महिला को चौकी इंचार्ज ने जातिसूचक शब्दो के साथ किया अपमानित,छोड़ने के एवज में दो हजार लेने के वावजूद भी किया चालान
ललितपुर:-
विगत मामला 7 अप्रैल को दो पक्षों में आपस में झगड़ा हो गया था जिसमे दोनो पक्षों को चोट आई थी प्रथम पक्ष राजा पुत्र खलक सिंह अहिरवार दीपक पुत्र खलक का विवाद द्वितीय पक्ष राजेन्द्र पुत्र कल्लू अहिरवार से विवाद हुआ था। जिस पर चौकी इंचार्ज ने 7 अप्रैल की ही शाम को दोनों पक्षो को घर से उठा लिया था। पुलिस द्वारा दोनो पक्षो को दो दिन तक चौकी में बैठाये रही।
बैठने के साथ- साथ दोनों पक्षो से दो दिन सुबह से लेकर शाम तक काम कराया गया। साथ ही एक पक्ष के सिर में चोटे भी आई थी लेकिन फिर भी चौकी इंचार्ज अजयपाल सिंह द्वारा इस कड़ाके की धूप में सुबह से ही फावड़ा गेंती देकर काम कराया गया। जो चौकी इंचार्ज द्वारा मानवाधिकार का खुलेआम उलंघन किया गया है। एक पक्ष खलक सिंह व उसकी पत्नी का कहना है कि बिरधा चौकी में वह अपने पुत्र को 9 अप्रैल को खाना देने गई थी तो चौकी इंचार्ज ने खाना नही देने से मना कर दिया साथ ही चौकी इंचार्ज द्वारा जाति सूचक शब्दो से अपमानित करते हुए गाली गलौज की कहा कि अगर द्वारा चौकी में आये तो तुम्हारे पूरे घर को जेल भेज देंगे साथ ही खलक सिंह ने आरोप लगाया है कि चौकी में तैनात राघवेंद्र सिंह राजावत दीवान ने दोनों पुत्रों के छोड़ने के एवज में 2000 रुपये भी ले लिए।
पीड़ितो से पैसा लेने के वावजूद भी चालान भी कर दिया।
जहाँ एक ओर जनपद की पुलिस द्वारा इस महामारी के दौरान लॉक डाउन में गरीब लोगो की मदद करते हुए नजर आ रही है तो वही चौकी इंचार्ज बिरधा लॉक डाउन का पूरा फ़ायदा उठाकर गरीबो के साथ गाली गलौज कर उनका शोषण कर रहे।
सलाम खाकी न्यूज से प्रदेश ब्यूरो
पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट
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