दिल्ली पुलिस के स्थापना दिवस पर सलाम खाकी न्यूज ओन लाईन एवं मासिक पत्रिका की ओर से
हार्दिक शुभकामनाएं
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
सलाम खाकी मुख्यालय दिल्ली 16 फरवरी 2020
बाह्य या आन्तरिक रूप से हम सभी को सुरक्षा के साथ - साथ खाकी हर कानूनी रूप से सुरक्षा प्रदान करती है। और यह बहुत बडी जिम्मेदारी है । किसी ने सही कहा है ....
खाकी वर्दी वाला बनना
कहां आसान होता है दोस्तों
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
हमारे भारत के संविधान मे खाकी को कुछ इस तरह की जिम्मेदारी मिली ...
ना किसी के ख्वाबों में मिलेंगे ना किसी के अरमानों में मिलेंगे
याद करना अच्छे बुरे वक्त में सामने खड़े मिलेंगे
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पुलिस किसी भी प्रदेश की हो सुरक्षा के प्रति उनकी जिम्मेदारी 24 घंटे की होती है । भरी सर्दी हो या फिर गर्मी हो या भरी बरसात हो । इस बारे में किसी ने सच ही कहा है .......
गर्मी सर्दी बरसात यू ही चली जाती है
नींद पूरी होती नहीं कि रात गुजर जाती है
होली दीवाली हो या हो कोई भी त्योहार
याद करना एक बार अच्छे बुरे वक्त में साथ खड़े मिलेंगे यार
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
दूसरों के प्रति वफादारी और अपनी बेगुनाही पर कुछ इस तरह रोती है वर्दी ....
जमाने भर की खुशियों से अलग हैं हम फिर भी लोगो को लगता है कितने गलत हैं हम
बीमार होकर भी ठीक रहती है तबीयत हमारी
कोई आकर भी पूछता नहीं तबियत हमारी
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
पुलिस की जिम्मेदारियां किसी अपनों से ही नहीं , बल्कि उन सभी अपने - पराये लोगों से होती है जिन से पहचान का कोई दूर दूर तक वास्ता तक नहीं होता जो अजनबी होते हैं इसके बारे में भी किसी ने सच ही कहा है ...........
कभी अनजान घायल लोगो को अस्पताल ले जाना तो कभी उन घायल लोगो के लिए खून देना तो कभी ट्रैफिक जाम से निजात दिलाना
हमें अच्छा कहो या बुरा
बस एक बार याद करना अच्छे बुरे वक्त में साथ खड़े मिलेंगे
,🇮🇳🌹🇮🇳🌹🇮🇳🌹🇮🇳🌹🇮🇳🌺🇮🇳🌺🇮🇳🌺
सलाम खाकी न्यूज ओन लाईन एवं मासिक पत्रिका के सम्पादक
श्री जमीर आलम
तथा समाचार सम्पादक 👇
सलेक चन्द वर्मा
की ओर से दिल्ली पुलिस के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
सलाम खाकी न्यूज मुख्यालय दिल्ली से समाचार सम्पादक सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट
हार्दिक शुभकामनाएं
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सलाम खाकी मुख्यालय दिल्ली 16 फरवरी 2020
बाह्य या आन्तरिक रूप से हम सभी को सुरक्षा के साथ - साथ खाकी हर कानूनी रूप से सुरक्षा प्रदान करती है। और यह बहुत बडी जिम्मेदारी है । किसी ने सही कहा है ....
खाकी वर्दी वाला बनना
कहां आसान होता है दोस्तों
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हमारे भारत के संविधान मे खाकी को कुछ इस तरह की जिम्मेदारी मिली ...
ना किसी के ख्वाबों में मिलेंगे ना किसी के अरमानों में मिलेंगे
याद करना अच्छे बुरे वक्त में सामने खड़े मिलेंगे
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पुलिस किसी भी प्रदेश की हो सुरक्षा के प्रति उनकी जिम्मेदारी 24 घंटे की होती है । भरी सर्दी हो या फिर गर्मी हो या भरी बरसात हो । इस बारे में किसी ने सच ही कहा है .......
गर्मी सर्दी बरसात यू ही चली जाती है
नींद पूरी होती नहीं कि रात गुजर जाती है
होली दीवाली हो या हो कोई भी त्योहार
याद करना एक बार अच्छे बुरे वक्त में साथ खड़े मिलेंगे यार
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दूसरों के प्रति वफादारी और अपनी बेगुनाही पर कुछ इस तरह रोती है वर्दी ....
जमाने भर की खुशियों से अलग हैं हम फिर भी लोगो को लगता है कितने गलत हैं हम
बीमार होकर भी ठीक रहती है तबीयत हमारी
कोई आकर भी पूछता नहीं तबियत हमारी
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पुलिस की जिम्मेदारियां किसी अपनों से ही नहीं , बल्कि उन सभी अपने - पराये लोगों से होती है जिन से पहचान का कोई दूर दूर तक वास्ता तक नहीं होता जो अजनबी होते हैं इसके बारे में भी किसी ने सच ही कहा है ...........
कभी अनजान घायल लोगो को अस्पताल ले जाना तो कभी उन घायल लोगो के लिए खून देना तो कभी ट्रैफिक जाम से निजात दिलाना
हमें अच्छा कहो या बुरा
बस एक बार याद करना अच्छे बुरे वक्त में साथ खड़े मिलेंगे
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सलाम खाकी न्यूज ओन लाईन एवं मासिक पत्रिका के सम्पादक
श्री जमीर आलम
तथा समाचार सम्पादक 👇
सलेक चन्द वर्मा
की ओर से दिल्ली पुलिस के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
सलाम खाकी न्यूज मुख्यालय दिल्ली से समाचार सम्पादक सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट
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