वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए प्रदेश के सभी आईजी व एसपी को दिए निर्देश
भोपाल, 07 जनवरी 2020/ महिला अपराधों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कराने के मकसद से पुलिस महानिदेशक श्री विजय कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए प्रदेश के सभी क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को विस्तार से दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की गाइड लाइन के अनुसार महिला अपराधों की तत्परता से विवेचना की जाए। महिलाओं से संबंधित अपराधों में एफआईआर दर्ज करने में कदापि देरी न हो, जो पुलिस अधिकारी व कर्मचारी एफआईआर कायम करने में देरी करें, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
यहाँ पुलिस मुख्यालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेसिंग कक्ष में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध श्री अन्वेष मंगलम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग श्री राजीव टंडन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एससीआरबी श्री जी.पी.सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुप्तवार्ता डॉ एस.डब्ल्यू नकवी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती अनुराधा शंकर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रबंध श्री डी श्रीनिवास राव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दूरसंचार श्री उपेन्द्र जैन, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शिकायत श्री विपिन माहेश्वरी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस श्री संजीव शमी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नारकोटिक्स श्री अजय शर्मा व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योजना श्री अनंत कुमार सिंह तथा पुलिस महानिरीक्षक प्रशासन श्री योगेश देशमुख सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
मंगलवार को सायंकाल हुई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में पुलिस महानिदेशक श्री सिंह ने निर्देश दिए कि पुलिस मुख्यालय द्वारा महिला अपराधों के संबंध में जारी की गई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन कराएँ। उन्होंने जोर देकर महिला संबंधी अपराधों में प्रोफेशनल पुलिसिंग के जरिए साक्ष्य जुटाएँ, जिससे न्यायालय में अपराधी को सजा मिल सके। श्री सिंह ने पीडि़त के साथ संवेदनशील एवं सहयोगात्मक व्यवहार करने पर भी विशेष बल दिया। साथ ही कहा कि पुलिस थानों को महिला फ्रेंडली बनाएँ अर्थात थानों में महिलाओं के लिए सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों।
पुलिस महानिदेशक ने महिला पुलिस बल का युक्ति-युक्तिकरण कर सभी पुलिस थानों में महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों की पदस्थापना सुनिश्चित की जाए, जिससे महिला अपराधों की विवेचना में देरी न हो। उन्होंने पुलिस के विभिन्न कार्यालयों में पदस्थ महिला पुलिस अधिकारी व कर्मचारी को थानों में पदस्थ करने के निर्देश दिए। श्री सिंह ने महिला संबंधी अपराधों की बेहतर विवेचना के लिए महिला पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की हिदायत भी दी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महिला अपराध श्री अन्वेष मंगलम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत महिला संबंधी अपराधों की विवेचना कम से कम उप निरीक्षक स्तर के महिला पुलिस अधिकारी से कराएँ। उन्होंने गवाहों को सुरक्षा देने व न्यायालय में उन्हें गवाही के लिए उपस्थित कराने के लिए कहा। श्री मंगलम ने विक्टम कम्पनशेसन स्कीम का लाभ पीडि़त महिलाओं को दिलाने की बात भी बैठक में कही।
बैठक में बताया गया कि डीएनए जाँच के लिए एक और नई लैब इसी माह भोपाल में बनकर तैयार हो जाएगी, जिससे डीएनए सैंपल जाँच में तेजी आएगी। प्रदेश के सभी क्षेत्रीय आईजी को संभाग मुख्यालय स्तर पर डीएनए लैब स्थापित करने के लिए जमीन आरक्षित कराने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही जानकारी दी गई ग्वालियर और इंदौर में लैब स्थापित करने के लिए 25-25 लाख रूपये की राशि पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी की गई है।*
*रिपोर्ट-कृष्णपाल सिंह मान्यता प्राप्त पत्रकार*
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