फसल पर बरसा अमृत,किसानों के चेहरे खिले
ललितपुर 13 दिसम्बर 2019
ठंड के आगोश में समाए जनपद में गुरुवार का दिन किसानों के चेहरे में मुस्कान लेकर आया। जब बारिश की लगी झड़ी से खेतों में खड़ी फसल को टानिक मिला। वैसे रिमझिम बारिश के बीच सूर्यदेव धुंध व बादल में दिनभर छिपे रहे और शीतलहर से लोग ठिठुरते नजर आए। मौसम में लगातार दूसरे दिन किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं नजर आया। बुधवार शाम से बदले मौसम का दौर गुरुवार को भी जारी रहा। दिन में दोपहर रिमझिम पानी अमृत के रुप में बरसा।
रिमझिम के बीच घना कोहरा व धुंध से दोपहर में सड़कों पर अंधेरा सा छाया गया था। जिससे वाहन लाइट जलाकर चलते नजर आए।
रिमझिम बारिश से जनपद में सर्वाधिक खुशी अन्नदाता को मिली है। अन्नदाता के लिए यह बारिश अमृत समान हुई। सूख रही गेंहू, चना, मसूर व सरसों की खेती लहलहाती नजर आने लगेगी।
खेती के लिए पानी को जूझ रहे किसान बारिश को नए जीवन के रुप में देख रहे है। बता दें कि नवम्बर और दिसंबर में ठंड की जगह पर गर्मी महसूस हो रही थी। वैसे ही इस साल बारिश आशिक हुई थी जिससे किसान के खरीफ की फसल तो पूरी तरह से नष्ट हो गई थी। रबी की बोवाई में भी देरी हो पायी है।
कुछ किसानों ने गेहूं, चना, सरसो, मसूर और मटर आदि जल्द बो लिया था लेकिन दिन में हो रही तेज धूप ने उसको सूखाना शुरु कर दिया था। करीब 15 घंटा से मौसम में परिवर्तन आ जाने से बारिश की हल्की फुहारें सूख रही फसलों के लिए अमृत का काम करेंगी।
कल शाम से आए मौसम परिवर्तन ने सूखे से तबाह हो रहे किसानों को जीवन देने का काम किया है। पहले हल्का कोहरा और अब बारिश से संभावना है कि किसान पेट भरने के लिए कुछ अनाज पैदा कर लेगा।'
दीपक दुबे बहादुरपुर (कृषक) तहसील प्रभारीभारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति
'रबी की फसल के लिए कड़ाके की ठंड व कोहरा जरुरी होता है। जो अभी तक नहीं देखा जा रहा था। दो तीन दिन से मौसम किसानों के अनुकूल हुआ है। अब इस बारिश से सीजन की फसल बेहतर होने की उम्मीद हो गई है।'
सुरेश कुमार(कृषक)डोंगरा खुर्द(मड़ावरा)
'इस बारिश का सभी को लाभ मिलेगा। किसानों के लिए यह अमृत समान है। पानी से जूझ रहे जनपद में बारिश होनी जरूरी थी। देर से भले इंद्रदेव ने कृपा की है लेकिन जो बारिश हुई है उससे फसलों को नया जीवन मिल जाएगा।
अरविन्द्र कुमार मिश्रा(मोनू) (कृषक सौंरई)
'इस बारिश से जनपद में बढ़ रहा पलायन रुकेगा। जो किसान सूखे खेत देख रोजी रोटी के जुगाड़ में शहर जा रहे थे वह अब बुवाई कर फसल उगाने का काम करेंगे। साथ ही मनरेगा मजदूरों को भी मिट्टी खुदाई में सहूलियत होगी। अभी तक मिट्टी इतनी खड़ी हो गई थी कि कुदाल व फावड़ा नहीं चल पा रहा था।'
हाकम पाल
(कृषक सैदपुर)
'देर ही सही बारिश किसानों के लिए लाभ दायक है। इससे सभी फसलो को काफी फायदा होगा। रबी फसल के आच्छादन का जो क्षेत्रफल था उसमें भी बारिश के बाद बढोत्तरी होने की संभावना है। अभी भी यदि किसान बुवाई कर लेंगे तो उनको उपज मिलेगी।
राजा सिंह(कृषक) डोंगरा खुर्द-महरौनी
सलाम खाकी न्यूज ललितपुर से पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट
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