व्यापारियों की शिकायत पर पुलिस ने भाग जाने को बोल दिया , साप्ताहिक पटरी लगाने वाले दुकानदारों को
* पटरी वाले दुकानदारों ने इकट्ठे होकर पुलिस से मांगी राहत , तो ऊन के उप जिलाधिकारी से परमिशन लेने भेजा व्यापारियों को
सोमवार को ही ऊन के एसडीएम व तहसीलदार ने पैठ स्थल पहुँच कर दौरा किया और सब दुकानदारों से पहचान पत्र मांगे
झिंझाना (शामली) 2 दिसंबर 2019
कस्बे में बिडौली स्टैंड के पीछे पिछले करीब साढे 3 वर्षों से सोमवार के दिन साप्ताहिक पेंट लगती है और इस साप्ताहिक पेठ का अब कस्बे के व्यापारियों ने विरोध जताते हुए इसको बंद कराने की मांग थाना पुलिस से की है । पुलिस द्वारा पेठ वालों से पैठ लगाने की परमिशन लेने की बात कही है । पैठ लगाने की परमिशन हेतु सैकड़ों दुकानदार ऊन एसडीएम से मिले , उसके बाद ऊन के एसडीएम व तहसीलदार ने मौका मुआयना किया ।
मिली जानकारी के अनुसार झिंझाना कस्बे में बिडौली बस स्टैंड के पीछे खाली पड़े प्लाट में सोमवार के दिन पिछले साढे 3 साल से साप्ताहिक पेठ लगती आ रही है अब ऐसा क्या हुआ जो झिंझाना के दुकानदारों ने इस पैठ का विरोध करते हुए पुलिस से गुहार लगायी तो पुलिस ने उन्हे हडकाकर भाग जाने को कहा ।
झिंझाना कस्बे के दुकानदारों ने इसका विरोध करते हुए झिंझाना पुलिस से शिकायत की थी । उनका कहना था कि पेठ के दुकानदार बिना जीएसटी दिए , सेल टैक्स की चोरी करके सामान को सस्ते रेट पर बेचते हैं । जिससे हमारा कारोबार ठप्प हो गया है ।
इस पर पुलिस ने पैठ व्यापारियों को परमिशन दिखाने की बात कही , तो वे परमिशन नहीं दिखा पाए । पुलिस ने आज सोमवार की अनुमति देते हुए तुरंत एसडीएम ऊन से परमिशन लेने की बात कही ।
इस मामले में सबसे बड़ा सवाल कस्बे के दुकानदारों और पुलिस से यही है कि यह पेठ पिछले साढे 3 सालों से बिडौली स्टैंड के पीछे खाली प्लाट में लग रही है तो अब इतने दिन बाद कस्बे के व्यापारियों को शिकायत क्यों हुई
यदि कस्बे के दुकानदार कहते हैं कि ये पटरी वाले लोग बिना जीएसटी दिए सामान बेचते हैं । और हम नंबर 1 में सामान बेचते हैं तो यह सरासर गलत है । क्योंकि यदि दुकानदार नंबर 1 में अपना माल बेचते हैं तो किसी सैंपल लेने वाले जांच अधिकारी , किसी इंस्पेक्टर या वाणिज्य कर वालों के आने की सूचना मिलते ही शटर गिराकर क्यों भाग जाते हैं । जब कस्बे में सोमवार का दिन साप्ताहिक अवकाश का रखा हुआ है तो फिर अपने प्रतिष्ठान या दुकानें क्यों खोलते हैं या फिर इंस्पेक्टर के आने की सूचना पर भाग खड़े हो जाते हैं , ऐसा क्यों
आदि इसके अलावा और भी बहुत से ऐसे कारण है जिनका पालन दुकानदार नहीं करते तो ऐसे में पटरी लगा कर पुराना व फाल्टेड सामान बेचने वाले छोटे दुकानदारों को क्यों परेशान किया जा रहा है ।
और यह पटरी झिंझाना में ही नहीं अपितु हर जिले, प्रदेश और देशों में लगती है
पुलिस द्वारा हरकत मे आने के बाद पेठ बाजार के काफी व्यापारी आज सोमवार को पहले थाना पुलिस से मिले और फिर एसडीएम ऊन से अनुमति लेने ऊन तहसील पहुंचे ।
पटरी लगाने वालों की मांग पर ऊन तहसील के एसडीएम व तहसीलदार ने पटरी स्थल का मौका मुआयना किया और आसपास के लोगों से पूछताछ की कि ये खाली प्लाट किसके है और क्या पटरी वाले दुकानदारो से किराया लिया जाता है । किराए का कोई प्रमाण न मिलने पर दोनों अधिकारियों ने शायद उन्हें मौन स्वीकृति दे दी और उनसे अपना पहचान पत्र जमा कराने की बात कही और जांच के बाद कहने पर दोनों अधिकारी वापस लौट गये ।
इस संबंध में एसडीएम से वार्ता करनी चाहिए तो फोन संपर्क नहीं हो पाया ।
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