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तहसील प्रशासन के साथ मिलकर , मन्दिर की भूमि को कब्जाना या सामाजिक समपत्ति बनाने पर तुले है गांव के दबंग

खेत मे बने निजी मन्दिर को समाजिक समपत्ति बनाने पर क्यो तुला है तहसील प्रशासन






* मन्दिर की आड मे कुछ लोग जमीन हडपने की कर रहे गन्दी राजनिती ?


*  मन्दिर मे दीवार को तोडना या शिवलिंग को खंडित करने राजस्व कर्मियों की भूमिका संदिग्ध ?




ऊन ( शामली ) 27 दिसम्बर 2019

            जनपद शामली की ऊन तहसील के गांव गढी - अब्दुल्ला के जंगल मे कृषि की जयभूमि मे करीब डेड सौ वर्ष पहले बने मन्दिर को आज कुछ विरोधियों द्वारा तोड - फोड की राजनिती कर नुकसान पहुंचाया जा रहा है । मगर तहसील प्रशासन उस जमीनी विवाद को सामाजिक मुद्दा बनाने पर तुला है । इस कार्यवाही से मन्दिर के मालिकान परेशान है । हालांकि यह मामला तहसील कोर्ट मे विचाराधीन है ।


                  ऊन तहसील के गांव गढी - अब्दुल्ला निवासी पीड़ित सुशील कुमार पुरी पुत्र राजपाल पुरी ने बताया कि परगना थानाभवन के खाता नम्बर 908 तथा खसरा नम्बर 1381 के रक्बा  0.2050 व 1413 के रक्बा 0.9700 पर अपना नाम द्वारा पंजीकृत वसीयत दिनांक 22 मार्च 2017 के आधार पर दर्ज है ।


                        उक्त भूमि पर हमारे पूर्वजों द्वारा करीब डेड सौ साल पहले एक शिवालय बनाया हुआ है । जो केवल हमारे ही परिवार के लिए है । हालांकि हमने आजतक किसी अन्य को भी वहां पूजा - पाठ करने से नहीं रोका । मगर गांव के राकेश सैनी पुत्र रूढ़ा , नकली सैनी पुत्र आशाराम , सोनू सैनी पुत्र कालूराम , आशु सैनी पुत्र जानी ,  मनोज अरोरा पुत्र अर्जुन अरोरा , जय कुमार धीमान आदि निवासीगण गढ़ी अब्दुल्ला खां , थाना गढ़ी पुख़्ता , जनपद शामली नें मिलकर इस शिवालय को गिरा दिया है

 और इससे पहले भी लोगों ने मंदिर में  शिवलिंग को क्षति पहुंचाई थी । आरोप है कि यह सभी लोग गुंडा किस्म की प्रवृत्ति और भूमाफिया हैं । इन लोगों से हमे जान माल का खतरा भी बना हुआ है । इन लोगों द्वारा इस भूमि को हड़पने की कोशिश की जा रही है । इस संबंध में एक प्रार्थना पत्र गत 5 मई 2019 को उप जिला मजिस्ट्रेट तहसील ऊन को दिया गया था ।‌ इसी तरह के प्रार्थना पत्र उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव तथा शामली डीएम को भी भेजे हुए हैं

             सुशील कुमार का यह भी कहना है की इस मंदिर का का निर्माण करीब 150 वर्ष पूर्व हमारे पूर्वज गुलाब पुरी ने कराया था । यहीं पर हमारे पूर्वजों की समाधियां भी हैं ।  हमारी माताओं के धाम भी यहीं पर हैं । इस वंशानुगत वसीयत को ऊन तहसीलदार भी अपने 25 मई 2019 को दिए गए अपने आदेश में घोषित कर चुके हैं । मगर लेखपाल व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण इस मंदिर विवाद को सामाजिक विवाद से जोड़ा जा रहा है , जो गलत है ।

         एसडीएम गौरव कुमार सिंह का कहना है कि हमारे पास शिकायत आयी थी कि मन्दिर के प्रबंधक जीर्ण मन्दिर का निर्माण नही करवा रहे है और वह कभी भी गिर सकता है । जबकि दुसरे पक्ष ने आरोप - प्रत्यारोप लगाये है । हमने इस मामले मे हजारों लोगों के माध्यम से पंचायत कराकर चाहा कि आपस मे बैठकर इस मामले को निपटा ले । जबकि ग्राम पंचायत को यह अधिकार है कि वे अपने तरीके से समिति का निर्माण कराकर इस समस्या का हल कराएं ।


 ‌‌‌      तहसीलदार ऊन अजय कुमार शर्मा का कहना है कि मामला हमारे यहां विचाराधीन है सबूतों और दस्तावेजों के मुताबिक जो उचित बनेगा वह फैसला दिया जाएगा ।




सलाम खाकी न्यूज ऊन ( शामली ) से विक्रान्त वर्मा की रिपोर्ट

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