शामली पुलवामा में सैनिकों के सम्मान में उनके घर आंगन की मिट्टी एकत्रित करके अमन चैन का संदेश लेकर निकले बेंगलुरु के उमेश गोपीनाथ जाधव शनिवार को शामली पहुँचे।
संगीत शिक्षक उमेश जाधव ने बताया कि 14 फरवरी 2020 को पुलवामा हमले को पूरा एक वर्ष हो जाएगा । इस हमले में शहीद हुए जवानों के घर की मिट्टी से पुलवामा में भारत का नक्शा बनाकर सामुहिक एकता का संदेश दिया जाना है। उन्होंने बताया कि वे 9 अप्रैल को अपनी कार से बेंगलुरु से रवाना हुए थे। ग्रुप सेंटर सीआरपीएफ के डीआईजी संतन कमल ने हरी झंडी दिखाकर इस मिशन के लिये रवाना किया था।
कारगिल युद्ध के शहीदों के घरों की मिट्टी भी ले रहे है
उमेश जाधव ने सलाम ख़ाकी संवाददाता अजय बावरा को बताया कि पिछले साल अज़मेर में 10 से 14 फरवरी को देशभक्ति का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर जब घर जाने के लिये एयरपोर्ट पर पहुँचा तो वहाँ पुलवामा अटेक की खबर टीवी पर देखी इसको देखकर मन बहुत दुखी हुआ।
मिट्टी का सम्मान 42,750 किलोमीटर की यात्रा तय करके शामली पहुँचे उमेश
उन्होंने बताया कि हम पूरे रास्ते यही सोचता रहा कि शहीदों के सम्मान के लिये कुछ करना चाहिये । बस तभी सोच कर फैसला ले लिया था। कि जितने भी शहीद हुए है। उनके घरों की मिट्टी एकत्रित करने का अभियान चलाऊँगा । इसके बाद से अपने मिशन पर निकल गया । उमेश ने बताया कि वह पुलवामा ही नही कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों , आर्मी, पुलिस पैरामिलिट्री फोर्स में शहीद हुए जवानों की जन्मभूमि से भी मिट्टी एकत्रित कर रहे है।
कई प्रदेशों की यात्रा कर पहुँचे शामली
मिट्टी का सम्मान करने के उद्देश से निकले उमेश जाधव अभी 42,750 किलोमीटर की यात्रा कर चुके है और 13 राज्य केरल,कर्नाटक,गोवा,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, सहित अन्य जगहों की यात्रा करते हुए शामली पहुँचे है। पुलवामा में प्रदेश के शामली के वीर सपूत अमित कोरी , प्रदीप बनत शहीद हुए थे। वही से दोनों शहीदों की मिट्टी लेकर गए है।थानाध्यक्ष आदर्श मंडी कर्मवीर सिंह
का. तोषी ठाकुर, आरती ,पूजा ,अजित आदि से मुलाकात की
संगीत शिक्षक उमेश जाधव ने बताया कि 14 फरवरी 2020 को पुलवामा हमले को पूरा एक वर्ष हो जाएगा । इस हमले में शहीद हुए जवानों के घर की मिट्टी से पुलवामा में भारत का नक्शा बनाकर सामुहिक एकता का संदेश दिया जाना है। उन्होंने बताया कि वे 9 अप्रैल को अपनी कार से बेंगलुरु से रवाना हुए थे। ग्रुप सेंटर सीआरपीएफ के डीआईजी संतन कमल ने हरी झंडी दिखाकर इस मिशन के लिये रवाना किया था।
कारगिल युद्ध के शहीदों के घरों की मिट्टी भी ले रहे है
उमेश जाधव ने सलाम ख़ाकी संवाददाता अजय बावरा को बताया कि पिछले साल अज़मेर में 10 से 14 फरवरी को देशभक्ति का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर जब घर जाने के लिये एयरपोर्ट पर पहुँचा तो वहाँ पुलवामा अटेक की खबर टीवी पर देखी इसको देखकर मन बहुत दुखी हुआ।
मिट्टी का सम्मान 42,750 किलोमीटर की यात्रा तय करके शामली पहुँचे उमेश
उन्होंने बताया कि हम पूरे रास्ते यही सोचता रहा कि शहीदों के सम्मान के लिये कुछ करना चाहिये । बस तभी सोच कर फैसला ले लिया था। कि जितने भी शहीद हुए है। उनके घरों की मिट्टी एकत्रित करने का अभियान चलाऊँगा । इसके बाद से अपने मिशन पर निकल गया । उमेश ने बताया कि वह पुलवामा ही नही कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों , आर्मी, पुलिस पैरामिलिट्री फोर्स में शहीद हुए जवानों की जन्मभूमि से भी मिट्टी एकत्रित कर रहे है।
कई प्रदेशों की यात्रा कर पहुँचे शामली
मिट्टी का सम्मान करने के उद्देश से निकले उमेश जाधव अभी 42,750 किलोमीटर की यात्रा कर चुके है और 13 राज्य केरल,कर्नाटक,गोवा,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, सहित अन्य जगहों की यात्रा करते हुए शामली पहुँचे है। पुलवामा में प्रदेश के शामली के वीर सपूत अमित कोरी , प्रदीप बनत शहीद हुए थे। वही से दोनों शहीदों की मिट्टी लेकर गए है।थानाध्यक्ष आदर्श मंडी कर्मवीर सिंह
का. तोषी ठाकुर, आरती ,पूजा ,अजित आदि से मुलाकात की
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