प्यार, शक और जलन ने एक गहरी दोस्ती को खून में बदल दिया। बडौत में हुए इस हाई-प्रोफाइल मर्डर ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है।
गुरुवार को पुलिस ने एसडीएम के भाई और पूर्व गृह सचिव के भतीजे संयम की हत्या का सनसनीखेज खुलासा किया। जांच में सामने आया कि संयम की गर्लफ्रेंड को लेकर हुए विवाद ने दोस्तों के बीच दरार पैदा कर दी थीं ।
इसी रंजिश में दोस्तों ने मिलकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। चौंकाने वाली बात यह है कि इस हत्याकांड में दिल्ली पुलिस के एसएसआई का बेटा भी शामिल है।
पुलिस के अनुसार, मृतक संयम और आरोपी प्रज्ज्वल कभी बेहद करीबी दोस्त थे। दोनों साथ पढ़ते, घूमते और एक-दूसरे के घर आते-जाते थे। लेकिन कहानी में मोड़ तब आया जब प्रज्ज्वल की गर्लफ्रेंड से संयम की नजदीकियां बढ़ने लगीं।
प्रज्ज्वल को शक हुआ कि संयम उसकी गर्लफ्रेंड से ज्यादा बात करने लगा है और उनके रिश्ते में दरार डालने की कोशिश कर रहा है। यह शक धीरे-धीरे जलन और गुस्से में बदल गया। कई बार चेतावनी देने के बावजूद संयम ने बात को हल्के में लिया।
इसके बाद एक अक्टूबर की रात प्रज्ज्वल ने अपने तीन दोस्तों कृ जिनमें आशीष नामक युवक भी शामिल था कृ के साथ मिलकर संयम को मिलने के बहाने जनता वैदिक कॉलेज बडौत के सुनसान हिस्से में बुलाया। वहां चारों ने मिलकर लात-घूंसों और डंडों से उसकी बेरहमी से पिटाई की, जब तक कि उसकी सांसें थम नहीं गईं।
आरोपी संयम का शव वहीं छोड़कर फरार हो गए। अगली सुबह दो अक्टूबर को कॉलेज परिसर में टहलने निकले लोगों ने शव देखा तो इलाके में सनसनी फैल गई। शव की पहचान होने पर मामला सीधे प्रशासनिक परिवार से जुड़ने के कारण हाई-प्रोफाइल मर्डर में बदल गया।
पुलिस ने जब जांच की दिशा बदलते हुए तकनीकी साक्ष्यों और मोबाइल लोकेशन खंगाली, तो खुलासा हुआ कि घटना में शामिल आशीष, दिल्ली पुलिस में तैनात एसएसआई का बेटा है। पुलिस ने मुख्य आरोपी प्रज्ज्वल और आशीष को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि बाकी दो आरोपी अभी फरार हैं।
उन्हें पकड़ने के लिए दिल्ली और आसपास के इलाकों में दबिश दी जा रही है। एएसपी बागपत प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि दो अक्टूबर को हुई हत्या का खुलासा कर दिया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि संयम ने प्रज्ज्वल की गर्लफ्रेंड को परेशान किया था, जिससे गुस्से में उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। पुलिस विभाग को समर्पित देश की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित राष्ट्रीय समाचार पत्रिका "सलाम खाकी" के लिए ज़मीर आलम की ख़ास रिपोर्ट
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