जांच में सामने आया कि कटहल जैसे हरे-भरे और कीमती पेड़ों का अवैध कटान माफियाओं द्वारा लंबे समय से किया जा रहा था। वन विभाग की टीम ने मौके पर कटान और परिवहन संबंधी दस्तावेज़ दिखाने को कहा, लेकिन माफिया कोई वैध कागज़ात पेश नहीं कर सके। इस कार्रवाई में लगभग दस बड़े कटहल के पेड़ जब्त किए गए, जिनकी अनुमानित कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है।
वन रेंजर विनय राठी ने इस कार्रवाई को वन माफियाओं के लिए कड़ी चेतावनी बताया और स्पष्ट किया कि क्षेत्र में अवैध कटान रोकने के लिए विभाग की निगरानी लगातार जारी रहेगी। साथ ही, इस मामले में वन अधिनियम की संबंधित धाराओं में सख्त मुकदमा दर्ज कर मुख्य सरगनाओं की पहचान की जा रही है।यह कार्रवाई न केवल वन संपदा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि किसी भी कीमत पर प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुँचाने वालों को वन विभाग बख्शेगा नहीं।
इस छापामारी से वन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है और यह दिखाता है कि वन संपदा की रक्षा में विभाग पूरी गंभीरता से जुटा हुआ है।
स्रोत: पिरान कलियर, हरिद्वार से तसलीम अहमद की रिपोर्ट, राष्ट्रीय समाचार पत्रिका "सलाम खाकी"
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