कैराना, शामली (उत्तर प्रदेश)।
कभी कानून का रखवाला रहे इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा आज भ्रष्टाचार और गुनाहों की लंबी फेहरिस्त में फंसे हुए हैं। मेरठ के थाना सतर्कता अधिष्ठान में उन पर आय से अधिक संपत्ति (2 करोड़ 92 लाख रुपये) अर्जित करने का मुकदमा दर्ज हो चुका है। पर कहानी यहीं खत्म नहीं होती—यह तो सिर्फ शुरुआत है।
💰 काली कमाई और प्रॉपर्टी का खेल
कैराना में तैनाती के दौरान राणा ने प्रॉपर्टी डीलर इमरान भट्टे के साथ मिलकर काला धन सफेद किया।
- मायापुर रोड पर 18 बीघा अवैध कॉलोनी बनाई गई, जिसका नक्शा तक प्राधिकरण से पास नहीं।
- गांव मन्नामाजरा में चार बीघा बेशकीमती जमीन एक गुर्गे के नाम पर बैनामा कराई गई।
📌 हाइलाइट:
👉 “वर्दी की तनख्वाह से महल नहीं खड़े होते… लेकिन राणा का काला खेल सब बयां करता है।”
🚨 हवालात बना उगाही का अड्डा
कैराना कोतवाली के चार्ज पर रहते हुए राणा ने पीड़ितों को ही हवालात में डालकर वसूली की। झूठे मुकदमों का डर दिखाकर उनसे मोटी रकम वसूली जाती। कई बार शिकायतें हुईं, वीडियो भी वायरल हुए, लेकिन कार्रवाई ठंडी फाइलों में दबा दी गई।
💡 कोट:
"जब पुलिस ही दलाल बन जाए, तो इंसाफ सड़क पर भीख मांगता है।"
🏛 विधायक से टकराव और फर्जी मुकदमे
स्थानीय सपा विधायक चौधरी नाहिद हसन ने जब इस गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो राणा ने बदले की भावना से उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर दिए। इतना ही नहीं, अपने ही गांव के 8 निर्दोष लोगों को भी झूठा नामजद कर दिया।
🩸 दो युवतियों का ब्लाइंड मर्डर केस
सन 2020 में कैराना क्षेत्र के जगनपुर रोड पर दो युवतियों की बेरहमी से हत्या हुई थी। लेकिन यह गुत्थी आज तक सुलझी नहीं। सूत्रों का दावा है कि इंस्पेक्टर राणा ने लाखों रुपये की रिश्वत लेकर केस की फाइल दबा दी। सवाल यह है कि अगर वर्दी बिक जाएगी, तो इंसाफ कहां मिलेगा?
📌 हाइलाइट:
👉 “न्याय की फाइलें कैराना में नोटों के नीचे दबा दी गईं।”
🕶 हिस्ट्रीशीटरों को संरक्षण
राणा का राज हिस्ट्रीशीटरों को पनाह देने के लिए भी कुख्यात रहा। जो भी पुलिस की शिकायत करता, उसे इन्हीं गुंडों से धमकाया जाता। पीड़ित की तहरीर टोकरी में फेंक दी जाती और हिस्ट्रीशीटर मौज करता। लेकिन वक्त बदल चुका है—अब हिस्ट्रीशीटर सलाखों के पीछे है और राणा खुद कानून के शिकंजे में।
🗳 राजनीति का सपना
भ्रष्ट कमाई से राणा ने कैराना में जमीनें खरीदीं, मकान बनाए और राजनीति में कदम रखने की तैयारी की। उनका सपना था कैराना से चुनाव लड़ना, लेकिन अब यह सपना चकनाचूर हो चुका है।
🔥 निचोड़
इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा की पूरी कहानी इस बात का सबूत है कि जब वर्दी का इस्तेमाल सेवा नहीं बल्कि धंधे और दबंगई के लिए किया जाता है, तो समाज का सबसे बड़ा दुश्मन वही बन जाता है।
👉 आय से अधिक संपत्ति से लेकर ब्लाइंड मर्डर तक, प्रेमवीर राणा के गुनाहों की यह फेहरिस्त कानून के उन काले पन्नों को उजागर करती है, जिन्हें मिटाना अब जरूरी है।
✍️ पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका “सलाम खाकी” के लिए कैराना, शामली (उत्तर प्रदेश) से पत्रकार गुलवेज़ आलम की खास रिपोर्ट
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