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गढ़ीपुख्ता में परिजनों से विवाद के बाद घर से निकली युवती, मिशन शक्ति टीम ने की काउंसलिंग और सौंपा परिजनों को

गढ़ीपुख्ता (शामली)। शुक्रवार सुबह एक युवती का परिजनों से विवाद हो गया, जिसके बाद वह नाराज होकर घर से निकल गई। गढ़ीपुख्ता बस स्टैंड पर उसे रोते हुए देखकर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती को थाने ले जाकर काउंसलिंग की और फिर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।


क्या हुआ पूरा मामला

गढ़ीपुख्ता क्षेत्र के गांव दुल्लाखेड़ी निवासी युवती कोमल का सुबह किसी बात पर परिजनों से विवाद हो गया। नाराज होकर वह बिना बताए घर से निकल गई और कस्बे के बस स्टैंड पर आकर बैठ गई। कुछ देर बाद कोमल अचानक रोने लगी, जिसे देखकर वहां मौजूद लोगों ने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह चुप रही।

इसी दौरान गढ़ीपुख्ता थाने में तैनात मिशन शक्ति अभियान प्रभारी रामकिशन वहां से गुजरे। उन्होंने भीड़ और रोती हुई युवती को देखकर कारण पूछा। कोमल ने बताया कि परिजनों से विवाद होने के कारण वह घर छोड़कर आ गई है।


पुलिस ने दिखाई संवेदनशीलता

रामकिशन ने युवती को समझाकर थाने लाया और परिजनों को सूचना दी। कुछ समय बाद उसके पिता सुखपाल और चाचा थाने पहुंच गए।

थाने की मिशन शक्ति टीम में शामिल महिला पुलिसकर्मी – शर्मिला, कविता, अन्नू, शिवानी और कविता सैनी – ने कोमल की काउंसलिंग की। बातचीत के बाद युवती का गुस्सा शांत हुआ और पुलिस ने उसे सुरक्षित परिजनों के सुपुर्द कर दिया।


“मिशन शक्ति” का असर

यह घटना दिखाती है कि उत्तर प्रदेश पुलिस का मिशन शक्ति अभियान सिर्फ महिला सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि संवेदनशील परिस्थितियों में महिला पुलिसकर्मी परिवार और समाज के बीच पुल का काम भी कर रही हैं।


पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका "सलाम खाकी" के लिए गढ़ी पुख्ता, जिला शामली (उत्तर प्रदेश) से पत्रकार पप्पू राणा की खास रिपोर्ट

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