दिनांक: 12 सितम्बर 2025
स्थान: हैदराबाद / उत्तर प्रदेश
हैदराबाद में 9 से 11 सितम्बर तक आयोजित 7वें ऑल इंडिया प्रिजन ड्यूटी मीट में उत्तर प्रदेश कारागार विभाग ने अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया। 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के बीच हुई इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश ने पहली बार भाग लेकर एक से बढ़कर एक पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन किया।
प्रतियोगिता में मिली महत्वपूर्ण उपलब्धियां
इस मीट में उत्तर प्रदेश कारागार विभाग ने कई श्रेणियों में शानदार प्रदर्शन कर पदक अपने नाम किए। इनमें प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- पहली बार कराटे (महिला–50 किलोग्राम से कम वर्ग) में स्वर्ण पदक
- पहली बार जूडो में कांस्य पदक
- पहली बार ड्रामा प्रतियोगिता में रजत पदक
- पहली बार क्विज़ प्रतियोगिता में कांस्य पदक
- पहली बार सिंगिंग प्रतियोगिता में रजत पदक
- कंप्यूटर एवं टेक्नोलॉजी इवेंट में रजत पदक
इसके अलावा विभिन्न अन्य प्रतियोगिताओं में भी उत्तर प्रदेश की टीम ने कांस्य पदक जीतकर शानदार उपस्थिति दर्ज कराई।
विजेताओं की सूची
🏅 कराटे (स्वर्ण) – मोना भारती (जेल वार्डर)
🥈 कंप्यूटर एवं टेक्नोलॉजी (रजत) – सौरभ श्रीवास्तव (जेल अधीक्षक), सुकन्या पाराशर (उपकारापाल)
🥉 विवेक (कांस्य) – पी.एन. उपाध्याय (डिप्टी जेलर), रवि आनंद (उपकारापाल)
🥈 ड्रामा (रजत) – रिंकू कुमार मिश्रा (उपकारापाल), रवि आनंद (उपकारापाल), पवन सिंह (जेल वार्डर)
🥉 क्विज़ (कांस्य) – विनोद कुमार (जेल वार्डर)
🥉 जूडो (कांस्य) – पूजा यादव (जेल वार्डर), करिश्मा सिंह (जेल वार्डर), अमित दुबे (उपकारापाल), अभिनव श्रीवास्तव (जेल वार्डर), दीपक कुमार (जेल वार्डर)
🥈 सिंगिंग (रजत) – प्रशांत कुमार सिंह (जेल वार्डर)
सराहना और शुभकामनाएँ
इस अवसर पर महानिदेशक कारागार श्री पी.सी. मीना ने सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल कारागार विभाग बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है।
उन्होंने आगे कहा कि –
"यह उपलब्धियां दर्शाती हैं कि उत्तर प्रदेश कारागार विभाग सुधार और पुनर्वास के साथ-साथ खेल, संस्कृति और तकनीकी प्रतियोगिताओं में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है। यह विभाग अब केवल अनुशासन और सुरक्षा का ही प्रतीक नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और प्रतिभा का भी केंद्र है।"
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश कारागार विभाग का यह प्रदर्शन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। पहली बार भाग लेने के बावजूद इतने अधिक पदक जीतकर विभाग ने साबित कर दिया है कि प्रतिभा और मेहनत के बल पर हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है।
यह उपलब्धि न केवल प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाली है बल्कि यह संदेश भी देती है कि कारागार केवल सुधार और पुनर्वास का स्थान नहीं, बल्कि संभावनाओं और उपलब्धियों की नई दुनिया भी है।
✍️ विशेष ब्लॉग रिपोर्ट
पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र पत्रिका "सलाम खाकी" के लिए
मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश से पत्रकार ज़मीर आलम की खास रिपोर्ट
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