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"जनसुनवाई में गूंजा शामली – फरियादियों की आवाज़ बनी पुलिस की पहली प्राथमिकता या अब भी बाकी है राज़?"

शिकायतों का पहाड़… लेकिन क्या पुलिस कप्तान का आश्वासन बदलेगा हक़ीक़त?"

"फरियादियों से भरे दफ़्तर में कौन-कौन पहुँचा और किसकी समस्या बनी सबसे बड़ी पहेली?"


शामली, 20 अगस्त 2025।
जिला शामली के पुलिस अधीक्षक श्री राम सेवक गौतम ने बुधवार को पुलिस कार्यालय में आयोजित जनसुनवाई में आम लोगों की समस्याएँ सुनीं।
लेकिन यह सुनवाई साधारण नहीं थी…
क्योंकि इस दौरान उठी आवाज़ों में कहीं दर्द था, कहीं गुस्सा और कहीं इंसाफ़ की तलाश का सन्नाटा


🔹 फरियादी बोले – कप्तान ने सुना ध्यान से!

जनसुनवाई में बड़ी संख्या में फरियादी अपनी समस्याएँ लेकर पहुँचे।

  • किसी ने ज़मीन के विवाद की शिकायत रखी,
  • किसी ने थाने में हो रही लापरवाही का ज़िक्र किया,
  • तो कोई महीनों से अटका मुक़दमा लेकर पहुँचा।

हर शिकायत पर एसपी शामली ने अधिकारियों को समयबद्ध व प्राथमिकता आधारित निस्तारण का निर्देश दिया।
लेकिन असली सवाल यह है कि – क्या यह आदेश ज़मीनी स्तर तक पहुँचेगा, या फिर फाइलों के ढेर में ही दब जाएगा?


🔹 पुलिस कप्तान के निर्देश – पर कितनी होगी असरदार?

श्री गौतम ने साफ़ कहा –
"किसी भी फरियादी की समस्या अनसुनी नहीं जाएगी। हर शिकायत पर गुणवत्तापूर्ण कार्रवाई होनी चाहिए।"

उनके निर्देशों से वहाँ मौजूद लोग संतुष्ट दिखे, लेकिन आमजन के मन में सस्पेंस यही रहा –
क्या हर फरियादी को समय पर इंसाफ़ मिलेगा, या यह भी एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी?


🔹 सस्पेंस बना रहा…

जनसुनवाई ख़त्म हुई तो बाहर निकले लोगों की आँखों में उम्मीद की चमक और शंका की झलक दोनों दिखाई दीं।
कोई बोला – “आज हमारी बात सुनी गई, शायद अब समाधान मिलेगा।”
तो कोई बुदबुदाया – “देखते हैं, हकीकत में क्या होता है…”


🕯️ जनसुनवाई ने शामली में नई उम्मीदें तो जगाईं हैं, लेकिन असली इम्तिहान अब पुलिस के सामने है – क्या फरियादियों के आँसुओं को राहत में बदला जा सकेगा या फिर यह सस्पेंस अधूरा ही रह जाएगा?


📌 विशेष रिपोर्ट
ज़मीर आलम, पत्रकार
जिला शामली,

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