प्रयागराज। प्रयागराज के नैनी थाना क्षेत्र की महेवा नई बस्ती से उठी चीख-पुकार ने पूरे शहर को झकझोर दिया। 11 वर्षीय मासूम शरद की लाश गुलाब के खेत से बरामद हुई तो इलाके में मातम पसर गया। यह मामला न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार करने वाला था बल्कि परिवारिक रंजिश से उपजे उस बदले की कहानी को भी सामने लाया जिसने एक मासूम की जान ले ली। हालांकि राहत की बात यह रही कि नैनी पुलिस ने महज़ 48 घंटे के भीतर हत्या की गुत्थी सुलझा दी और आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
घटना: मासूम की मासूमियत पर भारी पड़ा खून का खेल
22 अगस्त की शाम शरद, जोकि 11 साल का बच्चा था, अपने घर से दुकान पर सामान लेने निकला। परिवार को लगा वह थोड़ी देर में लौट आएगा, लेकिन जब रात ढल गई और बच्चा वापस नहीं आया तो घरवालों की बेचैनी बढ़ने लगी। अगले दिन सुबह ही पारस कुंज अपार्टमेंट और विद्यापीठ स्कूल के सामने स्थित गुलाब के खेत से मासूम का शव बरामद हुआ।
लाल कपड़े से गला कसकर हत्या की गई थी। यह दृश्य इतना भयावह था कि मौके पर पहुंचे लोगों की रूह कांप उठी। इलाके में मातम और गुस्से का माहौल छा गया।
परिजनों की तहरीर और पुलिस की कार्रवाई
मृतक के पिता मोहनलाल ने थाने पहुंचकर तहरीर दी और अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया। मामला बेहद गंभीर था, इसलिए पुलिस ने देर न लगाते हुए तुरंत पांच टीमों का गठन किया।
पुलिस ने घर से लेकर घटनास्थल तक के हर रास्ते की तलाशी ली, मोहल्ले-मोहल्ले में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई और चश्मदीदों से पूछताछ की गई। इसी दौरान शक की सुई मृतक के चचेरे भाई आदित्य भारतीया की ओर घूमी।
पुलिस की बड़ी सफलता — 48 घंटे में गिरफ्तारी
26 अगस्त को मुखबिर से मिली जानकारी पर पुलिस ने आदित्य भारतीया (21 वर्ष) को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने जुर्म कबूल कर लिया। उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त लाल रंग का कपड़ा और साइकिल भी बरामद कर ली गई।
आरोपी की दास्तान — “चाची के ताने ने बना दिया कातिल”
पुलिस पूछताछ में आदित्य ने कबूला कि अप्रैल 2024 में उसके चाचा प्रह्लाद की मौत एक्सीडेंट में हुई थी और उसके भाई ने भी आत्महत्या कर ली थी। इन घटनाओं के बाद उसकी चाची मीना देवी ने कभी सहानुभूति नहीं दिखाई, बल्कि आए दिन ताने मारती रहीं। इन्हीं बातों से क्षुब्ध होकर उसने बदला लेने के लिए चाची के बेटे की हत्या की योजना बनाई।
आदित्य ने बताया कि 22 अगस्त को उसने शरद को पतंग दिलाने के बहाने साइकिल पर बैठाया और गुलाब के खेत में ले जाकर लाल कपड़े से गला घोंट दिया। बाद में कपड़े को खेत में गाड़ दिया और साइकिल छिपा दी
पुलिस की सराहना — "जनता का भरोसा कायम"
इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी, लेकिन जिस तरह से नैनी पुलिस ने तेजी और तकनीकी साधनों का इस्तेमाल करते हुए अपराधी को बेनकाब किया, उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अपराध कितना भी पेचीदा क्यों न हो, तकनीकी साक्ष्य और टीमवर्क से हर गुत्थी सुलझाई जा सकती है। इस केस ने जनता का पुलिस पर भरोसा और मजबूत कर दिया है।
पड़ोसियों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी विजय सिंह ने कहा — “इतना छोटा बच्चा, उसके साथ इस तरह की वारदात, यह सोचकर भी रूह कांप जाती है। पुलिस ने बहुत अच्छा काम किया कि तुरंत कातिल को पकड़ लिया, नहीं तो मोहल्ले में डर और बढ़ जाता।”
मोहल्ले की महिलाओं ने घटना के बाद आक्रोश जताते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए ताकि कोई और मासूम निशाना न बने।
पुलिस टीम — जिनकी मेहनत लाई रंग
प्रभारी निरीक्षक बृजकिशोर गौतम के नेतृत्व में उपनिरीक्षक सोहराब अहमद, उत्कर्ष सिंह, बृजेश यादव, धर्मेंद्र यादव, प्रभाकर शुक्ला, हर्ष यादव, अभियज बोहत, महिला उपनिरीक्षक ज्योति सचान, नेहा चौधरी और हेड कांस्टेबल राजकुमार राय ने मिलकर यह सफलता हासिल की।
निष्कर्ष: मासूम की हत्या से सबक और संदेश
यह घटना परिवारिक कलह और बदले की भावना से उपजे अपराध की दर्दनाक मिसाल है। लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून के हाथ उससे कहीं तेज़ हैं।
शहरवासियों की मांग है कि आरोपी को कड़ी सज़ा मिले और मासूम शरद को न्याय दिलाया जाए। पुलिस विभाग को समर्पित देश की एकमात्र राष्ट्रीय समाचार पत्रिका "सलाम खाकी" के लिए पत्रकार गुलवेज आलम की खास रिपोर्ट
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