10 फीट लंबा सीमेंट का पाइप, 15 फीट लंबा लोहे का पाइप, और कई वजनदार पत्थर रखकर ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रची।
जैसे ही तेज़ रफ्तार ट्रेन ट्रैक के उस हिस्से तक पहुंची, चालक की नजर दूर से ही उन भारी वस्तुओं पर पड़ गई। एक पल की देरी किए बिना, उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन कुछ ही मीटर पहले रुक गई। अगर ब्रेक कुछ सेकेंड भी देर से लगता, तो एक भीषण रेल हादसा तय था।
ट्रेन के अचानक रुकने से यात्रियों में कुछ देर के लिए दहशत फैल गई, लेकिन जब उन्हें घटना की वास्तविकता का पता चला, तो सभी ने चैन की सांस ली और चालक की तेज़ नज़र और त्वरित निर्णय की जमकर तारीफ़ की।
घटना की सूचना मिलते ही शामली के एसपी राम सेवक गौतम, जीआरपी, और रेलवे सुरक्षा बल मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद ट्रैक से मलबा हटाया गया और ट्रेन को सुरक्षित रवाना किया गया। इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन रेलवे प्रशासन ने इसे राष्ट्रीय संपत्ति पर हमले की साजिश मानते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया है।
पुलिस आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि दोषियों तक पहुंचा जा सके। रेलवे ने भी अपने स्तर पर ट्रैक की सुरक्षा व्यवस्था को हाई-अलर्ट पर डाल दिया है और संभावित खतरों से निपटने के लिए अतिरिक्त निगरानी दल तैनात किए गए हैं।
रेल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि इस तरह की हरकतें न केवल यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ हैं, बल्कि यह देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर सीधा हमला है। फिलहाल, इस गंभीर साजिश के पीछे किसका हाथ है — इसका खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा, लेकिन इतना ज़रूर तय है कि एक बहादुर चालक की सतर्क नज़रों ने एक काले दिन को इतिहास बनने से रोक लिया। सलाम खाकी न्यूज से पत्रकार गुलवेज आलम की रिपोर्ट
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