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ललितपुर न्यूज:- शरद पूर्णिमा को आचार्य विद्यासागर जी महाराज एवं आर्यिका ज्ञानमति माताजी के अवतण दिवस पर हुए धार्मिक अनुष्ठान।बुन्देलखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ ललितपुर ने मनाया राष्ट्रीय एकता दिवस। महर्षि वाल्मीकि एवं महाराजा मर्दन सिंह को किया नमन।

ललितपुर न्यूज:- शरद पूर्णिमा को आचार्य विद्यासागर जी महाराज एवं आर्यिका ज्ञानमति माताजी के अवतण दिवस पर हुए धार्मिक अनुष्ठान।
बुन्देलखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ ललितपुर ने मनाया राष्ट्रीय एकता दिवस।
 
महर्षि वाल्मीकि एवं महाराजा मर्दन सिंह को किया नमन।
ललितपुर। तालबेहट के वासुपूज्य दिगंबर जैन मंदिर में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर राष्ट्र संत आचार्य प्रवर श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का 75 वां एवं भारत गौरव आर्यिका गणिनी 105 ज्ञानमती माताजी का 87 वां अवतरण दिवस विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के मध्य हर्ष उल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर अहिंसा सेवा संगठन के संस्थापक विशाल जैन पवा ने कहा शरद पूर्णिमा के दिन दिगम्बर जैन समाज के सबसे बड़े संत प्रातः स्मरणीय संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का 75 वां अवतरण दिवस मनाया गया। कर्नाटक राज्य के सदलगा के समीप स्थित चिक्कोड़ी गांव में वर्ष 1946 में एक बालक का जन्म हुआ था। आचार्य श्री का गृहस्थ अवस्था में नाम विद्याधर जैन अष्टगे था। वर्ष 1967 में आचार्य श्री देशभूषण जी महाराज से ब्रह्मचर्य व्रत लिया और उसके बाद आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज से 30 जून 1968 को दीक्षा ली थी। फिर 22 नवम्बर 1972 को आचार्य बने थे। सबसे ख़ास बात यह है की आचार्य श्री के माता-पिता सहित दोनो बहनें और दो भाई ने भी गृहस्थ अवस्था को त्याग कर दीक्षा का मार्ग लिया। आचार्यश्री ने 300 से अधिक मुनिराज और माता जी को दीक्षा दी है। आचार्य श्री के संघ में जितने भी मुनिराज और आर्यिका माता जी है वे सभी बाल ब्रह्मचारी है। इसी तरह हज़ारों की संख्या में बाल ब्रह्मचारी भाई-बहन अभी भी आचार्य श्री की प्रेरणा से देश भर में समाज की सेवा में लगे है।आचार्य श्री ने अनेक ग्रंथ लिखे है। इसमें सबसे प्रमुख मूकमाटी महाकाव्य है। संस्कृत, कन्नड़, बंगला सहित अनेक भाषाओं में भी आचार्य श्री ने ग्रंथ लिखे हैं।आचार्य श्री के सानिध्य में 70 से अधिक मंदिर के पंचकल्याणक हुए है। इसमें सिर्फ़ मप्र में ही 55 से अधिक मंदिर के पंच कल्याणक हुए है। आचार्य श्री ने देश के विभिन्न जेलो में बंद क़ैदियों के उद्धार के लिए भी अनेक कार्य किए है। इसमें सबसे प्रमुख जेलों में हथकरघा लगवाए है। हथकरघा से अहिंसक धागा या कपड़ा बनता है। आचार्य श्री की प्रेरणा से देश में अनेक अहिंसा, शिक्षा, स्वस्थ्य और गौ सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं। 
आदर्श ग्राम पवा में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के तत्वाधान में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के आदर्श चरित्र को लिपिबद्ध कर सम्पूर्ण सृष्टि को कालजयी रचना 'रामायण' का अनुपम उपहार देने वाले आदिकवि महर्षि बाल्मीकि की जयंती मनायी गयी। इस मौके पर अरविन्द सिंह, गजेंद्र बुंदेला, प्रजापाल सिंह, दुष्यंत सिंह, रवींद्र झा, रामप्रसाद, ज्योति मिश्रा, अंचल राजा, रश्मि बुंदेला, मनोरमा आदि मौजूद रहे।
 बुंदेलखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ललितपुर के तत्वाधान में राष्ट्रीय एकता दिवस पर भारतीय गणराज्य को एकता के सूत्र में बांधने वाले लौह पुरुष, कुशल प्रशासक, अद्भुत संगठनकर्ता, भारत के प्रथम गृहमंत्री, भारत भाग्य विधाता, श्रेष्ठ भारत- अखंड भारत के प्रणेता सरदार बल्लभभाई पटेल की 145 वीं जयंती पर वक्ताओं ने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अग्रदूत अमर शहीद तालबेहट-बानपुर-चन्देरी नरेश महाराजा मर्दन सिंह जू देव की 218 वीं जयंती (30 अक्टूबर) पर सादर नमन किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष मनोहर सिंह बुंदेला, जिला प्रवक्ता विशाल पवा, महामंत्री गजराज सिंह परमार, उपाध्यक्ष सुरेंद्र पाल सिंह यादव एवं आज़ाद सिंह बघेल, कोषाध्यक्ष राम प्रकाश तिवारी आदि मौजूद रहे।

सलाम खाकी न्यूज से प्रदेश ब्यूरो
पत्रकार इन्द्रपाल सिंह की रिपोर्ट

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