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अगर कोई मकान मालिक यह खबर पढ़ लेगा तो अपना मकान किराए पर देना बंद कर देगा ! घटना करनाल की है



करनाल के सेक्टर 14 में बजुर्ग दम्पति के मकान पर कब्जे के मामले में पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने कब्जाधारी के पक्ष में दिया फैसला।

जज ने फैसले में लिखा " इस देश में कानून अभी जिंदा है "

हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक 1 अगस्त तक कब्जाधारी किरायेदार महिला को वापिस मकान में बिठाये जिला प्रशासन चाहें तो पुलिसबल का भी प्रयोग करें, बजुर्ग दम्पति को अपने ही मकान से जाना होगा बाहर, फैसले में कहा किरायेदार का हक छीना नहीं जा सकता, गौरतलब है कि करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव ने करीब 2 महीने पहले अपने फैसले में बजुर्ग दम्पति को कई साल बाद अपने मकान का हक वापिस दिलाया था लेकिन हाईकोर्ट ने मामले में कब्जाधारी किराएदार के हक में फैसला सुनाया है जिससे सभी लोग हैरान है क्योंकि मकान के सभी दस्तावेज बजुर्ग दम्पति के पास है और कब्जाधारी महिला लम्बे समय से बिना किराया दिए उनके मकान पर कब्जा करके बैठी हुई थी।

कोर्ट ने कहा जबकि मामला सिविल कोर्ट में लंबित था इसके बावजूद डीसी ने किरायेदार को घर से बाहर निकालने के आदेश दे दिए जोकि गलत प्रतीत होता है जबकि बजुर्ग दम्पति का दावा है कि किरायेदार महिला जिला अदालत में केवल समय खराब करने और उनके मरने का इंतजार करने के लिए पहुंची थी ताकि वो उनके मकान पर कब्जा कर सके क्योंकि मामला दायर करने के बाद वो कभी कोर्ट में अपना पक्ष रखने सबूत सहित रखने के लिए पेश ही नहीं हुई।

 उस समय लोगो ने करनाल के डीसी निशांत यादव की फैसले को ऐतेहासिक बताया था लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद से बजुर्ग दम्पति का रो रो कर बुरा हाल है। उनका कहना है कि हमारे मकान की इमारत खासी पुरानी होने के कारण 15 दिन पहले ही उन्होंने अपने मकान की पुरानी इमारत को तोड़ दिया था तथा नए मकान को बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाने ही वाली थी लेकिन हम कोर्ट के फैसले से निराश और हैरान है। 

वहीं लोग सवाल पूछ रहे है कि अगर अपने ही मकान में सभी कागज, रजिस्ट्री और सबूत आने के बाद किरायेदार के हक में फैसला आ सकता है तो क्या ऐसे में अब लोगो को किराएदारों को अपने मकान किराए पर देना बंद कर देना चाहिए?

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