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वाणी जीवन का वो सर्वश्रेष्ठ हिस्सा है जो जीवन मे दुख - सुख भोगने पर विवश करता है - एसपी अजय कुमार पांडे

मुख्य रूप से वाणी की चार विशेषताएं होती हैं



                         साधु वचन    

    1.    व्यर्थ बोलने की अपेक्षा मौन रहना यह वाणी की प्रथम विशेषता है

          बढ़- चढ कर  व्यर्थ की बातें करने से मनुष्य यह नहीं समझ पाता कि कौन सी बात कहां कहनी है । और व्यर्थ में की गई बाते कभी-कभी  कहीं से कहीं  पहुंच जाती हैं  जिस वजह से कभी कभी इंसान को न चाहते हुए भी नुकसान उठाना पड़ सकता है ।


 2.  सत्य बोलना यह वाणी की दूसरी विशेषता है

              कहते हैं कि एक झूठ को छुपाने के लिए सौ बार झूठ बोलना पड़ता है ।मगर सच्चाई फिर भी सामने आ ही जाती है ,भले ही समय क्यों न लग जाए । और यदि इंसान हमेशा सत्य बोलने वाला हो , तो समाज मे सत्य ही उसकी पहचान बन जाती है । ऐसे में उस पर विपत्ति आते-आते भी दूर हो जाया करती है ।



  3 .       प्रिय बोलना यह वाणी की तीसरी विशेषता है

          प्रिया , मीठा और सत्य बोलने से दुश्मन भी अपने हो जाते हैं । प्रिय एवं मीठा बोलने से इंसान पर आने वाला विपत्ति का समय भी आसानी से कट जाता है । 


    4 .  धर्म के अनुसार बोलना यह वाणी की चौथी विशेषता है।

            इंसान को हमेशा धर्म की वाणी बोलनी चाहिए । धर्म के अनुसार बोलने वाला व्यक्ति समाज में हमेशा ही सम्मानित होता है । यदि किसी को समाज में उचित मान-सम्मान चाहिए तो व्यक्ति को धर्म के अनुसार बोलना पड़ेगा ।


 यह चारों ही क्रमशः एक दूसरे से श्रेष्ठ हैं।"

             भारतीय पुलिस सेवा के जांबाज ऑफिसर अजय कुमार पांडे वर्तमान में उत्तर प्रदेश के जनपद मैनपुरी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात है और इससे पूर्व शामली व अन्य जनपदों में रह कर सत्य , प्रिय और धर्मानुसार और व्यर्थ ना बोलने वाली बातों पर अमल करते हुए अपनी पहचान बना चुके हैं । उन्होंने जारी किए "वाणी की श्रेष्ठता" अपने संदेश में आम जनों से भी इन्हीं बातों पर अमल करते हुए अमल मे लाने की प्रेरणा दी  है । उन सिद्धांतों पर चलने वाला व्यक्ति अधिकांशत अपने जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ता है । 
          

सलाम खाकी न्यूज ओन लाइन एवं मासिक पत्रिका के समाचार सम्पादक सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट

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