पीकेसीसी योजना का लाभ उठाकर किसान बन सकते हैं आत्मनिर्भर और प्रगतिशील : डीसी
-जिला स्तर पर एडीसी व उपमंडल स्तर पर एसडीओ व सीमन बैंक अधिकारी होंगे नोडल ऑफिसर
फतेहाबाद, 26 जून।
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने किसानों से आग्रह किया है कि वे खेती के साथ-साथ पशुधन व्यवसाय को बढ़ावा दें, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो सके। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि किसानों के लिए पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना (पीकेसीसी) लागू की गई है। इस योजना का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।
उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने बताया कि जिला में अतिरिक्त उपायुक्त अजय चोपड़ा को पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है जबकि विभाग के सभी संबंधित एसडीओ और सीमन बैंक अधिकारी इस योजना के कार्यांवयन के लिए अपने क्षेत्र में नोडल अधिकारी होंगे। योजना के क्रियांवयन में पशु चिकित्सक, ब्लॉक स्तरीय एक्सटैंशन अधिकारी, वीएलडीए, पशु प्रीचर सभी को लक्ष्य दिए जाएंगे, ताकि वे अपनी भूमिका निभा सकें। उपायुक्त ने इस योजना का किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे जिला के पशुधन व कुक्कट किसानों तक इस योजना की जानकारी पहुंचाएं, ताकि लाभार्थियों की पहचान करके उन्हें पशुपालन के लिए पशु क्रेडिट कार्ड मुहैया करवाया जा सके। पशु क्रेडिट कार्ड योजना किसानों के लिए एक अद्भुत योजना है, जिसका वे लाभ उठाकर आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बन सकते हैं।
पशु किसान के्रडिट कार्ड की मुख्य विशेषताएं
-जिला स्तर पर एडीसी व उपमंडल स्तर पर एसडीओ व सीमन बैंक अधिकारी होंगे नोडल ऑफिसर
फतेहाबाद, 26 जून।
उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने किसानों से आग्रह किया है कि वे खेती के साथ-साथ पशुधन व्यवसाय को बढ़ावा दें, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो सके। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि किसानों के लिए पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना (पीकेसीसी) लागू की गई है। इस योजना का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।
उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने बताया कि जिला में अतिरिक्त उपायुक्त अजय चोपड़ा को पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त किया गया है जबकि विभाग के सभी संबंधित एसडीओ और सीमन बैंक अधिकारी इस योजना के कार्यांवयन के लिए अपने क्षेत्र में नोडल अधिकारी होंगे। योजना के क्रियांवयन में पशु चिकित्सक, ब्लॉक स्तरीय एक्सटैंशन अधिकारी, वीएलडीए, पशु प्रीचर सभी को लक्ष्य दिए जाएंगे, ताकि वे अपनी भूमिका निभा सकें। उपायुक्त ने इस योजना का किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ देने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे जिला के पशुधन व कुक्कट किसानों तक इस योजना की जानकारी पहुंचाएं, ताकि लाभार्थियों की पहचान करके उन्हें पशुपालन के लिए पशु क्रेडिट कार्ड मुहैया करवाया जा सके। पशु क्रेडिट कार्ड योजना किसानों के लिए एक अद्भुत योजना है, जिसका वे लाभ उठाकर आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बन सकते हैं।
पशु किसान के्रडिट कार्ड की मुख्य विशेषताएं
पशु किसान क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा एक लाख 60 हजार रुपये तक की राशि बिना कुछ गिरवी रखे किसी भी बैंक से ली जा सकती है। इससे एक रुपये भी अधिक होने पर कोलेटरोल सिक्योरिटी चाहिए होगी। सभी बैंकों द्वारा पशु किसान क्रेडिट कार्ड धारक को सलाना 7 प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। इस 7 प्रतिशत ब्याज दर में से समय पर भुगतान करते रहने पर भारत सरकार की ओर से 3 प्रतिशत दर का अनुदान तीन लाख रुपये तक की ऋण राशि पर दिया जाता है। इस प्रकार इस वर्ष पशु क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा तीन लाख रुपये तक का ऋण 4 प्रतिशत सलाना साधारण ब्याज दर पर कुछ गिरवी रख कर लिया जा सकता है और 1.6 लाख रुपये तक बिना कोलेटरोल सिक्योरिटी के ले सकता है। इसके अतिरिक्त पशु किसान क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा तीन लाख रुपये से अधिक बकाया राशि का ऋण 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज की दर पर लिया जा सकता है।
पशुपालक द्वारा लिए गए ऋण की राशि जरूरत के अनुसार समय-समय पर ली जा सकती है और अपनी सुविधानुसार जमा करवा सकता है। सिर्फ यह याद रखना है कि पहली बार राशि निकलवाने या खर्च करने के एक साल की समयावधि के अंदर किसी भी एक दिन एक बार पूरी राशि जमा करवाई जानी अनिवार्य है, ताकि साल में एक बार ऋण मात्रा शून्य हो जाए। अन्यथा उसे ब्याज राशि पर 4 प्रतिशत की छूट नहीं मिल पाएगी और डिफाल्ट के दिनों में 12 प्रतिशत ऋण का भुगतान करना होगा। पशु किसान क्रेडिट कार्ड बाजार में प्रचलित अन्य किसी भी साधारण डेबिट कार्ड की भांति किसी भी एटीएम मशीन से राशि निकलवाने/बाजार से कोई भी खरीददारी करने हेतु प्रमाणित लिमिट अनुसार प्रयोग किया जा सकता है।
यदि किसी पशु किसान क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा लिया गया ऋण एक साल की समयावधि के दौरान वापिस जमा नहीं करवाया जाता, तो उसे 12 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर से भुगतान करना होगा और वह जब तक इसका भुगतान नहीं कर देता, तब तक वह अपनी क्रेडिट कार्ड की लिमिट के हिसाब से आगामी राशि नहीं निकाल पाएगा। इस राशि का भुगतान करने के उपरांत वह फिर से आगामी 1 साल के लिए ऋण लेने का हकदार हो जाएगा। पशुओं की भिन्न-भिन्न श्रेणियों और वितीय पैमाने की अवधि के अनुसार ही पशुपालक को प्रत्येक माह वित्तीय अवधि के हिसाब से बराबर ऋण दिया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने हेतू जरूरी दस्तावेज:-
बैंक प्रारूप अनुसार आवेदन फार्म, हाईपोथिकेशन करार, केवाईसी पहचान हेतु दस्तावेज जैसे वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि या अन्य दस्तावेज बैंक की मांग अनुसार।
प्रति पशु वित्तीय पैमाने का विवरण:-
गाय के लिए एक साल हेतू 40783 रुपये, भैस के लिए एक साल हेतू 60249 रुपये, भेड़/बकरी के लिए एक साल हेतू 4063 रुपये, सूअर के लिए एक साल हेतू 16337 रुपये, लेयल पोल्ट्री के लिए एक साल हेतू 720 रुपये तथा ब्रायलर पोल्ट्री के लिए 3 माह हेतू 161 रुपये निर्धारित किए गए है। उदाहरण के लिए यदि किसी पशुपालक के पास एक गाय है तो वह 40783 रुपये तक का ऋण ले सकता है। पशु किसान क्रेडिट कार्ड एक गाय के लिए 40783 रुपये के ऋण हेतु बैंक से आधारित वित्तीय पैमाने के आधार पर पशुपालक को ऋण 6 बराबर प्रतिमाह किश्तों में दिया जाएगा अर्थात पशुपालक अपनी इस गाय के पालन पोषण के लिए हर महीने 6797 रुपये अपने क्रेडिट कार्ड से ऋण के तौर पर प्राप्त कर सकता है। यदि किसी कारणवश किसी माह यह क्रेडिट प्राप्त नही कर पाता है तो पिछले महीने/महीनों का क्रेडिट वह अगले महीने भी ले सकता है। इस प्रकार 6 महीने में प्राप्त कुल राशि 40783 रुपये अब उसे एक साल के अंतराल के अंतर्गत 4 प्रतिशत सलाना ब्याज के साथ लौटानी होगी। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि कार्ड धारक का एक वर्ष राशि लौटाने का समय अंतराल उसी दिन से शुरू होगा, जिस दिन वही पहली किश्त प्राप्त करेगा।
विभागीय अधिकारियों के लिए जरूरी दिशा निर्देश:-
विभाग के पशु चिकित्सक/ब्लॉक स्तरीय एक्सटैंशन अधिकारी/वीएलडीए/पशु प्रीचर राज्य के सभी पशुपालकों और विशेष तौर पर दुग्ध शीतन केंद्रों एवं दुग्ध संचयन केंद्रों के स्तर पर संबंधित बैंकों के पशु किसान क्रेडिट कार्ड हेतु किसानों के आवेदन पत्र भरवाने में मदद करेंगे और वहां के नियोजित सर्विस एरिया के बैंक में जमा करवाएंगे। इसके अलावा विभाग दुग्ध संयंत्रों/दुग्ध संग्रह केन्द्रों/दुग्ध शीतन केंद्रों और दुग्ध सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादकों व विक्रेताओं को पशुपालन एवं डेयरी विभाग के लिए पशु किसान क्रेडिट कार्ड का फार्म मुहैया करवाएंगे। यह फार्म ऑनलाईन भी भरवाया जा सकता है। विभाग संबंधित बैंकों द्वारा प्रदान किए गए पशु किसान क्रेडिट कार्ड के आवेदन भरवाने के लिए ब्लॉक स्तरीय एक्सटैंशन अधिकारी/वीएलडीए/पशु प्रीचरों की प्रतिनियुक्ति करेगा।
पशुपालकों के किसान क्रेडिट कार्ड के आवेदन फार्म उनसे संबंधित दुग्ध संयंत्रों/ दुग्ध संग्रह केन्दों/दुग्ध शीतन केंद्रों और दुग्ध सहकारी समितियों पर पशु प्रीचरों को एचएलडीबी द्वारा उपलब्ध करवाए गए टैब्स के माध्यम से भरे जाएंगे। अगले दिन पशु प्रीचर इस फार्म का प्रिंट आउट लेकर संबंधित किसान से हस्ताक्षर करवाएंगे और संबंधित बैंक में विविधत हस्ताक्षरित मूल प्रति जमा करवाएंगे तथा आवश्यकतानुसार प्रार्थी का डाटा बैंक की साईट पर अपलोड करवा कर पशुपालक को सूचित करेंगे कि उनका कार्ड कब और कहां आएगा। भरे गए फार्म की एक प्रति संबंधित उपमंडल अधिकारी/सीमन बैंक अधिकारी को सूचनार्थ एवं आगामी आवश्यक कार्यवाही हेतु जमा करवाई जाएगी। बैंको को प्रेरित किया जाए कि उनके बीसीए पशुपालक के घर /दुग्ध शीतन केंद्र से उनके पीकेसीसी खाते पैसे वापिस जमा करने मे मदद कर सकते हैं।
ब्युरो चीफ़
उजागर सिंह की रिपोर्ट
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