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उत्तर प्रदेश के भाजपा संगठन से क्यों नाराज है कश्यप समाज , और किसी विपक्षी पार्टी का पल्लू थामकर , कैसे दे सकता है प्रदेश भाजपा को बड़ा झटका

" सबका साथ सबका विकास " का नारा देने वाली भाजपा का , कश्यप समाज के साथ भेदभाव क्यों




*  प्रदेश के जिलाध्यक्षों में कश्यप समाज की कोई भागीदारी न होने से लोगों में रोष


*  विपक्षी पार्टियां इसका उठा सकती हैं लाभ



  शामली  (उ०प्र०) 1 फरवरी 2020 :


        अभी कुछ समय पूर्व प्रदेश भाजपा द्वारा बनाए गए जिला अध्यक्षों में कश्यप समाज की कोई भागीदारी प्रतीत नहीं हो रही है । जिस वजह से कश्यप समाज के लोगों में रोष पनपता दिखाई दे रहा है । इस तरह के  टोंट  कसने वाले मैसेज भी सोशल मीडिया पर देखे गए हैं । लोगों का तो यहां तक भी मानना है कि वह आगे आने वाले चुनाव से पहले किसी अन्य पार्टी का दामन भी संभाल कर भाजपा को बड़ा झटका दे सकते हैं।

             मिली जानकारी के अनुसार उतर प्रदेश में भाजपा द्वारा जिलाध्यक्षों के चयन में कश्यप समाज की कोई भागीदारी नहीं दिखाई दी। इस वजह से सोशल मीडिया पर कई मैसेज वायरल हुए दिखाई दिए हैं जिनमें टोंटिंग के रूप मे कश्यप समाज का कोई भी जिलाध्यक्ष ना होने पर प्रदेश की भाजपा को बधाई दी जा रही है । प्रदेश में  नियुक्त किए गए जिला अध्यक्षों में  कोई भी जिला अध्यक्ष कश्यप समाज से नहीं लिया गया है । 

      प्रदेश भाजपा की इस अनदेखी और सौतेले व्यवहार से खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कश्यप अच्छे खासे नाराज है और आवेश में आकर भाजपा पर कई सवाल दाग रहे हैं । महर्षि कश्यप उत्थान सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष एवं झिंझाना ( शामली ) के नगर अध्यक्ष सुरेश पाल कश्यप कहते हैं कि प्रदेश में कश्यप समाज काफी बड़ा समाज है जो देश प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है । यदि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 19 जिले जिनमें 14 जिले और 5 महानगर है इन सभी में करीब 21 लाख मतदाता कश्यप समाज के हैं ।

 और करीब 14 लोकसभा क्षेत्रों में प्रत्येक लोकसभा में करीब सवा लाख कश्यप है । और प्रदेश भाजपा ने जिला अध्यक्षों के चयन में कश्यप समाज की जो अनदेखी की है कश्यप समाज इस को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा । और  प्रदेश भाजपा को उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी । जबकि कश्यप समाज भाजपा में एक निर्णायक भूमिका अदा करता है । क्या प्रदेश सरकार कश्यप समाज का एक मंत्री बनाकर आगे सब कुछ खत्म कर देना चाहती है , ऐसा नहीं होगा और समाज इस का मुंहतोड़ जवाब देगा ।


               कश्यप समाज की इस पीड़ा पर प्रदेश के संगठन मंत्री सुनील बंसल के फोन पर उनका पक्ष जानना चाहा और अलग-अलग  दिनों में कई बार फोन करने के बावजूद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया साथ ही व्हाट्सएप पर किए गए सवाल का भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया । तो ऐसे में कैसे विश्वास किया जाए कि भाजपा के बड़े पदाधिकारी आम जनता की सेवा करते हैं , जो फोन रिसीव करने से भी गुरेज करते हैं ।


‌              कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर यहां तक बता दिया कि भाजपा से नाराज कश्यप समाज में तोड़फोड़ होकर एक बड़ा विघटन हो सकता है जिसमें भाजपा को अच्छा खासा नुकसान होने की संभावना है । सुनने में यहां तक भी आ रहा है कि कुछ लोगों ने सपा के मुखिया से वार्ता भी कर ली है इसी वजह से कश्यप समाज की नाराजगी के कारण विपक्षी पार्टियां इसका लाभ उठा सकती है ।    


          भाजपा के शामली जिलाध्यक्ष सतेन्द्र तोमर ने कहा है कि भाजपा ने कश्यप समाज को हर कदम पर साथ लिया हुआ है चरथावल के विजय कश्यप जी राज्य मंत्री जी है। और पूर्वी यूपी मे निषाद जाति के कई जिलाध्यक्ष है । दिल्ली मे भी कई कश्यपो को विधायकी के टिकट दिये हुए है। कश्यपों का भाजपा पर गलत आरोप है।




सलाम खाकी न्यूज मुख्यालय नई दिल्ली से सलेक चन्द वर्मा की रिपोर्ट

1 comment:

  1. बिल्कुल सत्य है बात 75 जिले 98 जिलाध्यक्ष कितने कश्यप समाज के जिलाध्यक्ष बनाएं जो भारतीय जनता पार्टी का यह नारा था सबका साथ सबका विकास लेकिन होता जा रहा है उसका उल्टा दबंग जातियों का विकास अति पिछड़े वर्ग का सत्यानाश किक जैसे कि अच्छी शिक्षा नहीं मिल रही है रोजगार नहीं मिल रहे हैं अति पिछड़े वर्ग को राजनीतिक में से जारी नहीं मिल रही धन्यवाद

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