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शामली के आमवाली गांव के मन्दिर मे आयोजित श्री राम कथा के दूसरे दिन कथावाचिका राधिका जी ने श्री राम कथा का वर्णन कैसे किया

विश्वास की छाया मे ही श्री राम कथा

 का अनुभव - राधिका जी





* आमवाली में दूसरे दिन श्री राम कथा के दौरान राम कथा का वर्णन किया गया





झिंझाना (शामली ) 3 जनवरी 2020 


 क्षेत्र के गांव आमवाली आयोजित रामकथा के दूसरे दिन कथा वाचिका पूज्य राधिका जी ने श्री राम कथा का वर्णन करते हुए कहा कि विश्वास की छाया में ही श्री राम कथा का अनुभव होता है । श्री राम कथा के बारे में आज विस्तार से वर्णन किया गया ।


              प्राप्त प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दूसरे दिन की कथा में पूजा राधिका जी के द्वारा राम कथा का शुभारंभ गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा 1631 में अयोध्या में श्री राम जन्म महोत्सव मनाने के बाद सरयू नदी तट के किनारे अपनी कुटिया में इस कथा का प्रारंभ हुआ । और श्री राम जन्म के साथ से ही श्री राम कथा का आयोजन हुआ । 


       
वेद के तीन खंड बताए गए । पहला उपासना दूसरा कर्म और ज्ञान की शुरुआत शरणा मती के घाट से शुरू हुई । दुसरी शुरुआत कर्म के घाट से हुई जहां दो संतों की मुलाकात हुई और दो महान संतों के संवाद में सत्संग में से श्री राम कथा प्रारंभ होती है । प्रयागराज में त्रिवेणी के घाट पर अक्षय वट वृक्ष के नीचे याज्ञवल्क्य जी भारद्वाज की कथा श्रवण करा रहे हैं । 


             रामायण के सभी वक्ता बड़ के वृक्ष के नीचे बैठे हैं । याज्ञवलक्य जी अक्षय वृक्ष के नीचे बैठे हैं । शंकर भगवान वटवृक्ष के नीचे मां पार्वती को श्री राम कथा का श्रवण करा रहे हैं । काक भुसुंडि जी नीलगिरी पर्वत पर बैठकर बड़ के वृक्ष के नीचे गरुड़ जी को कथा श्रवण करा रहे हैं । क्योंकि अक्षय वट वृक्ष को विश्वास का प्रतीक बताया जाता है ।


  जब तक विश्वास की छाया में नहीं आएंगे तब तक सच्चे अर्थ में रामकथा की शुरुआत नहीं होगी ।‌  रामकथा चंद्रमा की किरण के समान बताया गया है सती चरित्र और शिव विवाह का प्रसंग श्रवन कराया गया ।‌ मुख्य रूप से आज श्रद्धालुगणों में देवेंद्र गुलिया , मुकेश तोमर ,मनोज तोमर , मनवीर मलिक , प्रदीप गुलिया , कुशल पाल तोमर ,
अमित तोमर व काफी संख्या मे महिलाएं उपस्थित रही ।



सलाम खाकी न्यूज झिंझाना ( शामली ) से अफजाल की रिपोर्ट

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