साथियों समाज में पुलिस पर नए नए सवाल उठाए जाते हैं और उनको एक अपराधी के साथ जोड़कर देखा जाता मानो जैसे यही अपराध कराते हो । यह हमारी गलत सोच है चंद पुलिस वालों की वजह से सारा डिपार्टमेंट को हम गलत नहीं कह सकते दोस्तों कभी यह सोचा है हमने आज जो हम सुरक्षित हैं वह इन पुलिस जवानों की ही वजह से वह हमारे पुलिस के जवान ही थे जब संसद भवन की रक्षा करते हुए शहीद हो गए वीरप्पन नक्सलियों तथा आतंकवादियों से ही लड़ते हैं सर्दी हो आंधी हो तूफान हो आधी रात को नगर शहरों में गश्त लगाते है कभी कभी चोर लुटेरों की सीने पर गोलियां भी खाते हैं और इस समाज को सुरक्षित रखते हैं ।
राज्य सरकार का 90 से 80% पुलिस बल कांस्टेबलों का होता है जिनके कंधों पर होता है उनके कंधों पर देश की अंदरूनी सुरक्षा टिकी होती है। आज बड़ा दुर्भाग्य का विषय है जवानों की स्थिति सबसे सोचनीय है अनुशासन के नाम पर इनका ज्यादातर शोषण होता है और समाज में सबसे ज्यादा अ शब्दों से अपमानित किया जाता है और उसकी मेहनत पर नए नए सवाल खड़े होते हैं एक आम नागरिक से लेकर प्रधानमंत्री तक की सुरक्षा का भार इनके कंधों पर है साथियों पुलिस के जवानों के साथ हमें मित्र और भाई की तरह देखना चाहिए क्योंकि यह भी उसी समाज में से हैं जिस समाज में से आप और हम हैं।
दोस्तों एक मछली तालाब में खराब हो सकती है सारी मछलियां खराब नहीं होती उसी तरह चंद गलत पुलिस वालों की वजह सभी पुलिसवाले गलत नहीं होते हम सब का दायित्व बनता है इनके कठिन परिश्रम व जिम्मेदारियों का हमें सम्मान करना चाहिए और उन्हें सामाजिक प्रतिष्ठा देनी चाहिए ताकि लोग उन्हें मित्र की नजरों से देखें न कि अपराधिक नजर से आओ जिम्मेदार नागरिक बनें और प्रण करें देश की अखंडता समाज की सुरक्षा पुलिस के सहयोगी बनकर भ्रष्टाचार अपराध मुक्त स्वच्छ भारत देश बनाएं और सुरक्षित कहलाए । जय हिंद जय भारत । बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन
राज्य सरकार का 90 से 80% पुलिस बल कांस्टेबलों का होता है जिनके कंधों पर होता है उनके कंधों पर देश की अंदरूनी सुरक्षा टिकी होती है। आज बड़ा दुर्भाग्य का विषय है जवानों की स्थिति सबसे सोचनीय है अनुशासन के नाम पर इनका ज्यादातर शोषण होता है और समाज में सबसे ज्यादा अ शब्दों से अपमानित किया जाता है और उसकी मेहनत पर नए नए सवाल खड़े होते हैं एक आम नागरिक से लेकर प्रधानमंत्री तक की सुरक्षा का भार इनके कंधों पर है साथियों पुलिस के जवानों के साथ हमें मित्र और भाई की तरह देखना चाहिए क्योंकि यह भी उसी समाज में से हैं जिस समाज में से आप और हम हैं।
दोस्तों एक मछली तालाब में खराब हो सकती है सारी मछलियां खराब नहीं होती उसी तरह चंद गलत पुलिस वालों की वजह सभी पुलिसवाले गलत नहीं होते हम सब का दायित्व बनता है इनके कठिन परिश्रम व जिम्मेदारियों का हमें सम्मान करना चाहिए और उन्हें सामाजिक प्रतिष्ठा देनी चाहिए ताकि लोग उन्हें मित्र की नजरों से देखें न कि अपराधिक नजर से आओ जिम्मेदार नागरिक बनें और प्रण करें देश की अखंडता समाज की सुरक्षा पुलिस के सहयोगी बनकर भ्रष्टाचार अपराध मुक्त स्वच्छ भारत देश बनाएं और सुरक्षित कहलाए । जय हिंद जय भारत । बी एस बेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष संस्था आप और हम राष्ट्रीय भ्रष्टाचार अपराध मुक्ति संगठन
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