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ललितपुर के मंडावरा में जिनबिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का शानदार समारोह आप भी देखें‌‌ , कैसा जीता दर्शकों का दिल

नीलांजना नर्तकी का नृत्य देख महाराज आदिकुमार को हुआ वैराग्य,दीक्षा लेने को किया प्रस्थान






ललितपुर (उ०प्र०) 15 नवम्बर 2019


आध्यात्मिक संत गणेश प्रसाद जी वर्णी महाराज की कर्मस्थली मड़ावरा में आयोजित किये जा रहे जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव का आचार्य विशुद्ध सागर जी के आशीर्वाद व् मुनि सुप्रभ सागर,प्रणत सागर जी के मंगल सानिध्य में भव्यता के साथ आयोजन किया जा रहा है कार्यक्रम दिन ब दिन अपने सबाब की ओर अग्रसर हो रहा है क्षेत्रीय समाज के साथ ही अन्य जनपदों से कार्यक्रम में पहुँच लोग धर्मलाभ ले रहे हैं विधानसभ क्षेत्र के विधायक,राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ ने पंचकल्याणक महोत्सव में पहुँच मुनि संघ से आशीर्वाद लेकर कार्यक्रम की सफलता हेतु आयोजक समिति को शुभकामनायें प्रेषित कीं समिति द्वारा राज्यमंत्री व् साथ में आये आगंतुक अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

      पाषाण से भगवान बनाने की प्रक्रिया के नित्य चलने वाले कार्यक्रम अनुसार सुबह के समय भगवान जिनेन्द्र का अभिषेक, शांतिधारा, नित्य पूजन आदि मुनि श्री सुप्रभ सागर जी महाराज मुनि श्री प्रणत सागर जी महाराज के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य राजकिंग अशोकनगर के दिशा निर्देशन व् राजीव एंड पार्टी के मधुर संगीत के साथ पूजन अर्चन किया जा रहा है।तप कल्याणक के दिवस अयोध्या नगरी में राजा नाभिराय का दरबार आयोजित किया जाता है जिसमें आदि कुमार के विवाह की स्वीकृति होती है सौधर्म इंद्र आदि संपूर्ण इंद्रलोक युवराज आदि कुमार की गाजे बाजे के साथ बारात निकालते है विवाह क्रिया आदि संपन्न होती है। महाराज आदि कुमार का राज दरबार लगता है, और विभिन्न देशों से आये राजा

महाराजा,मंडलेश्वर,महामंडलेश्वर आदि से भेंट होती है। महाराजा आदि कुमार के द्वारा अशी, मशी, कृषि वाणिज्य की स्थापना होती है राज्य की सेनाओं द्वारा दरवार में सलामी देते हुए अपनी सीमाओं के विषय में सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी दी महाराज ऋषभराज की दोनों पुत्रियों ब्राम्ही व् सुंदरी ने आजीवन विवाह न करने संकल्प लिया दरवार में नर्तकी नीलांजना द्वारा नृत्य किया जाता है  जिसे देख कर महाराजा आदि कुमार को वैराग्य उतपन्न हो जाता है लोकांतिक देवों ने आकर महाराज आदिकुमार को वैराग्य उतपन्न होने की सराहना की और महराज आदि कुमार ने दीक्षा लेने के लिए वन की ओर प्रस्थान किया।


जो जितना तपता है उतना ही  कुंदन होकर चमकता है-मुनि सुप्रभ सागर----


        मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान प्रकाशक है और तपशोधक है, तप करने से पूर्वकृत कर्मों का क्षय होता है, जो कर्म क्षय के लिए किया जाय; वह तप है। तपस्वी के चरणों में देव भी नमस्कार करते हैं  तपस्वियों की वृत्ति आलौकिक होती है। शुद्धता के लिए तप अत्यंत आवश्यक है, जो जितना तपता है वह उतना ही के कुंदन होकर चमकता है, बिना तपे वस्तु की कीमत होती नहीं है। तप ही सर्व सुखों को प्रदान करने वाली महानिधि है, जो मनुष्य भव प्राप्त करके तप नही करते उनका जन्म लेता निष्फल है, जो आत्मा को तपन से बचाए, पतन से रक्षा करें, उसका नाम तप है। जहां इच्छा का निरेाध है, आकांक्षाओं का शमन है, संयमन है वही तप है, जो सर्व इच्छाओं से रहित होकर तप आराधना करता है, वही परम गति को शीघ्र प्राप्त करता है।

भोजन एवं सुरक्षा व्यवस्था का किया जा रहा है कुशल इंतजाम-----


      इस दौरान सकल दिगम्बर जैन समाज की सभी सामाजिक संस्थाओं व् प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल का भरपूर सहयोग रहा।महोत्सव में सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा के साथ ही सादूमल,बम्होरी,सैदपुर,ललितपुर,टीकमगढ़,सागर मैनवार सोजना नैकोरा करिटोरन रमगढ़ा गिरार बरायठाआदि जगहों की समाज ने कार्यक्रम उपस्थित रहकर धर्मलाभ ले रहे हैं महोत्सव के प्रतिदिन की भोजन व्यवस्था सामाजिक संस्था जैन युवा जाग्रती सेवा समिति द्वारा बडी ही कुशलता से संभाली जा रही है।

आज महोत्सव में मनाया जायेगा ज्ञान कल्याणक महोत्सव--------


महोत्सव के मीडिया प्रभारी प्रियंक सर्राफ,उमेश जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि महोत्सव के पंचम दिवस को आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में आज नित्य आयोजित होनी वाली धार्मिक क्रियाओं के साथ ही ज्ञान कल्याणक की क्रिया सम्पन्न की जायेगी दीक्षा के उपरांत मुनि आदिकुमार के प्रथम आहार राजा श्रेयांस द्वारा इक्षु रस से करवाये जाएंगे महोत्सव में राजा श्रेयांस बनने का सौभाग्य शरद जैन सिलोनियां को प्राप्त हुआ है।


सलाम खाकी न्यूज ललितपुर से पत्रकार इन्द्रपाल सिंह/मान सिंह की रिपोर्ट

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