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करनाल रोड पर स्थित ईदगाह पर जमीयत उलेमा ए हिंद के बैनर तले कौमी एकता और आपसी भाईचारे के लिए आयोजित महापंचायत में वक्ताओं ने देश में हिंदू मुस्लिम सिख इसाई एकता व आपसी सौहार्द कायम रखने के लिए जन समुदाय को धर्म से ऊपर उठकर जीने का संदेश दिया

झिंझाना 24 नवंबर।।

रिपोर्ट प्रेमचंद वर्मा

 
  रविवार को करनाल रोड पर स्थित कस्बा झिंझाना की ईदगाह पर स्थानीय जमीयत ए उलेमा हिंद के नेतृत्व में एक जलसे का आयोजन किया गया। जिस का संचालन कारी अरशद पलठेड़ी, मुफ्ती मुबारक , एवं अदनान ने संयुक्त रूप से किया।
जलसे की अध्यक्षता दारुल उलूम देवबंद से पधारे मौलाना असजद मदनी ने की । जबकि मौलाना अजहर मदनी , मौलाना असद रसीदी मुरादाबादी ,
जनपद शामली के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडे , बुद्धिस्ट मेहरबान (राजस्थान अलवर ) बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए ।
 

  कार्यक्रम की शुरुआत  कारी अब्दुल रऊफ देवबंदी ने कुरान की तिलावतो को सुरीले अंदाज में सुना कर की । मुख्य अतिथि मौलाना असद रसीदी मुरादाबादी ने कहा
कि देश का मुस्लिम समाज खौफ ज्यादा है । परंतु मुस्लिम समाज चार बातों पर अमल करेगा तो उसे अल्लाह के अलावा किसी का खौफ नहीं हो सकता ।

 उन्होंने कहा कि आज मुस्लिम समाज  गुनाह , बदअखलाक व बेमुरव्वत होकर दीन के रास्ते से भटक रहा है।
जिसके लिए उसे अपने जीवन में गुनाहों से तौबा करना चाहिए।और तालीम हासिल कर कुशल व्यवहार करते हुए आपसी भाईचारे के साथ दीन के रास्ते पर चलना चाहिए।

     मुख्य अतिथि जनपद शामली के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडे ने जलसे में बैनर पर छपी शाब्दिक त्रुटि की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस त्रुटि से शब्द के अर्थ पर कोई फर्क नहीं पड़ता।














इसलिए समाज को छोटी-मोटी कमियों को नजर अंदाज कर तालीम हासिल करते हुए जीवन की आखिरी सांस तक कुछ सीखने की तमन्ना रखना चाहिए ।











 जलसे में एक मौलाना द्वारा मुस्लिम खौफ ज्यादा  बताया जाने पर गौर फरमाते हुए पुलिस अधीक्षक पांडे ने जन समुदाय से  पूछा कि क्या वास्तव में  देश का मुस्लिम  खौफ जदा जिंदगी जी रहा है । जिस पर  तमाम  जन समुदाय ने हाथ उठाकर बताया कि नहीं । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि धर्म जीने का तरीका सिखाता है जबकि इंसान खुद को बुलंद किए बिना सफल नहीं हो सकता। और तालीम के बगैर वह वेद , कुरान को नहीं समझ सकता। उन्होंने आव्हान किया कि इंसान को हमेशा  सीखने की ललक होनी चाहिए । जो उसको बुलंदियों पर पहुंचा सकती है। उन्होंने कहा हिंदुस्तान में सभी धर्मों के लोग रहते हैं । सभी को कानून एवं संविधान का हमेशा सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा मैंने 1 वर्ष के कार्यकाल मैं हमेशा युवा वर्ग से नशाखोरी व आपराधिक कार्यों से दूर रहकर खुद को साबित करने के लिए तालीम हासिल कर बुलंदियों पर पहुंचने का आह्वान किया है।
    मौलाना असद मदनी देवबंदी ने जमीयत उलेमा हिंद के इतिहास को समझाते हुए कहा कि संगठन ने हमेशा देश में एकता और आपसी भाईचारे के लिए काम किया है । उन्होंने कुरान को समझने एवं दीन के रास्ते पर चलकर मुस्लिम समाज को हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई के आपसी भाई चारे के साथ जीवन जीने की प्रेरणा दी।
    सम्मेलन की व्यवस्था में कारी  अरशद पलठेडी , कस्बा चेयरमैन नौशाद कुरेशी , हाफिज अयूब , इरशाद का सहयोग सराहनीय रहा।
      कौमी एकता सम्मेलन में मंच पर आर्य समाज प्रधान अशोक बहादुर गोयल , व्यापारी नेता विनोद कुमार संगल , आशीष मित्तल , विश्व हिंदू महासंघ के जिला उपाध्यक्ष प्रेम चंद वर्मा , सिख समाज से अर्जुन सिंह , बुद्ध समाज से मेहरबान (राजस्थान अलवर ) सहित अनेक मौलाना मंचासीन थे।

प्रेम चन्द वर्मा

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