पुलिस अधीक्षक ने हत्या का किया खुलासा : पकडे गये हत्यारोपी से आलाकत्ल बरामद
बस्ती। कप्तानगंज थाना क्षेत्र के कलिगढा निवासी लाल जी चौधरी की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। एसपी हेमराज मीणा के अनुसार लालजी के दामाद पैकोलिया थाना क्षेत्र के भैसाराजा निवासी राम जनक से उधार लिए गए50 हजार रुपए वापस लौटाने का दबाव बनाने के चलते उसकी हत्या की गई थी।
हत्यारोपी राजवन्त उर्फ बबलू चौधरी निवासी कलिगढ़ा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मुखबिर की सूचना पर उसे गोडसरा नहर पुलिया के पास से गिरफ्तार किया गया । उसकी निशानदेही पर 315 बोर का एक कट्टा,एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया। बरामद कट्टे के बट से उसने सोते समय लालजी के सिर पर प्रहार किया था। मेडिकल कालेज लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस विवेचना कर रही थी।
एसपी के अनुसार राजवन्त उर्फ बबलू चौधरी ने पूछताछ पर बताया कि सन् 2015 की प्रधानी चुनाव में वह प्रत्याशी था उसी समय पैसे की आवश्यकता थी तो लाल जी चौधरी के दामाद रामजनक से सत्तर हजार रुपए उधार लिया था , करीब एक वर्ष बाद उसने रामजनक को 20 हजार रुपया वापस कर दिया था । 50 हजार रुपया शेष रह गया था, उसी शेष 50 हजार रुपये के लिए लाल जी चौधरी अपने दामाद के कहने पर उस पर दबाव बना रहे थे कि अगर दो दिन के अन्दर रूपया नही दिये तो, हम तुम्हे मार देगें । गन्ना बेचकर वापस करने को कहा परन्तु फिर भी वह नही माने और कहे कि कही से भी मेरे दामाद का पैसा दो दिन के अन्दर वापस करो नही तो हम तुम्हे मार देगें ।
मेरे ग्राम प्रधानी चुनाव में भी लाल जी चौधरी ने विरोध कर पंकज चौधरी को सपोर्ट किया था । उनकी धमकी से वह डर गया और उन्हें मारने की योजना बना लिया। 3 नवंबर की रात्रि मे कट्टा, कारतूस लेकर अपने घर से निकला और रात्रि करीब 12.30 बजे उसे घारी में चारपाई पर सोता देखा तो अपने जैकेट मे रखा कट्टा निकाला,फायर करने की जगह कट्टे के कुंदे से जोर से उसके सिर पर मारा तथा वहां से भागकर अपने गन्ने के खेत मे छिप गया,दूसरे दिन अंधेरे का लाभ उठाकर बेलघाट होते हुए महाराजगंज पहुंचा और बस पकडकर दिल्ली होते हुए बवाना चला गया,जब पता चला कि पुलिस ढूढ रही है तो वकील से सम्पर्क करने के लिए बस्ती आ रहा था कि पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया ।
बस्ती। कप्तानगंज थाना क्षेत्र के कलिगढा निवासी लाल जी चौधरी की हत्या का पुलिस ने खुलासा किया है। एसपी हेमराज मीणा के अनुसार लालजी के दामाद पैकोलिया थाना क्षेत्र के भैसाराजा निवासी राम जनक से उधार लिए गए50 हजार रुपए वापस लौटाने का दबाव बनाने के चलते उसकी हत्या की गई थी।
हत्यारोपी राजवन्त उर्फ बबलू चौधरी निवासी कलिगढ़ा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मुखबिर की सूचना पर उसे गोडसरा नहर पुलिया के पास से गिरफ्तार किया गया । उसकी निशानदेही पर 315 बोर का एक कट्टा,एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया। बरामद कट्टे के बट से उसने सोते समय लालजी के सिर पर प्रहार किया था। मेडिकल कालेज लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस विवेचना कर रही थी।
एसपी के अनुसार राजवन्त उर्फ बबलू चौधरी ने पूछताछ पर बताया कि सन् 2015 की प्रधानी चुनाव में वह प्रत्याशी था उसी समय पैसे की आवश्यकता थी तो लाल जी चौधरी के दामाद रामजनक से सत्तर हजार रुपए उधार लिया था , करीब एक वर्ष बाद उसने रामजनक को 20 हजार रुपया वापस कर दिया था । 50 हजार रुपया शेष रह गया था, उसी शेष 50 हजार रुपये के लिए लाल जी चौधरी अपने दामाद के कहने पर उस पर दबाव बना रहे थे कि अगर दो दिन के अन्दर रूपया नही दिये तो, हम तुम्हे मार देगें । गन्ना बेचकर वापस करने को कहा परन्तु फिर भी वह नही माने और कहे कि कही से भी मेरे दामाद का पैसा दो दिन के अन्दर वापस करो नही तो हम तुम्हे मार देगें ।
मेरे ग्राम प्रधानी चुनाव में भी लाल जी चौधरी ने विरोध कर पंकज चौधरी को सपोर्ट किया था । उनकी धमकी से वह डर गया और उन्हें मारने की योजना बना लिया। 3 नवंबर की रात्रि मे कट्टा, कारतूस लेकर अपने घर से निकला और रात्रि करीब 12.30 बजे उसे घारी में चारपाई पर सोता देखा तो अपने जैकेट मे रखा कट्टा निकाला,फायर करने की जगह कट्टे के कुंदे से जोर से उसके सिर पर मारा तथा वहां से भागकर अपने गन्ने के खेत मे छिप गया,दूसरे दिन अंधेरे का लाभ उठाकर बेलघाट होते हुए महाराजगंज पहुंचा और बस पकडकर दिल्ली होते हुए बवाना चला गया,जब पता चला कि पुलिस ढूढ रही है तो वकील से सम्पर्क करने के लिए बस्ती आ रहा था कि पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया ।
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