रजाक नगर गांव के तालाब में
गोवंश गिरा , ग्रामीणों ने बमुश्किल बचाया
* पिछले 1 माह में 2 गोवंशो के गिरने में एक की जान भी चली गई थी
* गांव का उक्त तालाब है करीब 15 फुट गहरा , जो घास फूस जैसी गंदगी से भरा पड़ा है ।
झिंझाना 20 फरवरी : थाना क्षेत्र के गांव रजाक नगर के पूर्वी छोर में मौजूद तालाब मे आज सुबह एक गोवंश अचानक गिर गया । तालाब में गिरते ही गोवंश छटपटाते हुए डूबने लगा । और जब लोगों ने देखा तो ग्रामीणों में हड़कंप मच गया ।
उन्होंने रस्से व सीडी आदि की मदद से जान पर खेलकर गोवंश को बचाने में सफलता हासिल की । इससे करीब एक माह पहले तक गोवंश गिरने की दो-तीन घटनाएं हो चुकी हैं । जिनमे से एक गोवंश की मौत हो चुकी है। ग्रामीणों ने इस तालाब की चार दीवारी व तालाब की सफाई कराने की मांग प्रशासन से की है ।
मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के गांव रजाक नगर में गांव के पूर्वी किनारे पर एक तालाब है जो घास फूस जैसी गंदगी से भरा पड़ा है । आज सुबह तालाब में एक गोवंश गिर गया बताया जाता है । बताया जाता है कि यह तालाब करीब 15 फीट गहरा है । गोवंश के गिरते ही वह डूबने लगा और बचने के लिए छटपटाने लगा । ग्रामीणों ने देखा तो गोवंश को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य शुरू कर दिया । सीडी और रस्सी आदि से किसी तरह गोवंश को बाहर निकालने मे ग्रामीणों को अपनी जान पर खेलना पडा । जिससे इस गोवंश की जान बच गई ।
ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब में 15 दिन पहले भी एक गोवंश गिरा था मगर तुरन्त निकालने से वह बच गया था और इससे पहले गांव के किरण दास कश्यप की गाय गिर गई थी । जिसे ट्रैक्टर से खींच लाया गया था गांव के लोगों का कहना है कि इस संबंध में 1076 पर शिकायत की गई । मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई । ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस तालाब मे से फैले घासफूस व इसकी चारदीवारी और सफाई अति आवश्यक है । इस संबंध में उन्होंने प्रशासन से मांग की है ।
तालाब की सफाई और चार दिवारी इसके लिए परमिशन लेनी पड़ती है । जो काफी मुश्किल होती है । फिर से कोशिश करेंगे कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो ।
विनोद कश्यप
( ग्राम प्रधान पति )
गांव - रजाक नगर
तालाब के अवैध कब्जे की परमिशन जल्द ही हो जाती है और तालाब की सफाई के संबंध में मैं अभी विचार विमर्श करके बताती हूँ । वैसे परमीशन होनी चाहिए ।
मणि अरोड़ा
उप जिलाधिकारी
कैराना
सलाम खाकी न्यूज झिंझाना से अफजाल के साथ ऊन ( शामली ) विक्रान्त वर्मा की रिपोर्ट
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