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सहारनपुर में अफवाहों की जंग, लाउडस्पीकर बना हथियार — प्रशासन ने चुपचाप साजिश को तोड़ा

सहारनपुर। बीते कुछ दिनों से सहारनपुर में हवा कुछ अलग ही बह रही थी। कोई कहता आसमान में ड्रोन मंडरा रहा है, कोई बताता कि संदिग्ध लोग घूम रहे हैं, और सोशल मीडिया पर अफवाहों की बाढ़ सी आ गई थी। बात इतनी बढ़ गई कि लोग डर और भ्रम में आकर खुद ही "कानून" बनने लगे — कुछ इलाकों में निर्दोषों पर हाथ उठाने तक की नौबत आ गई।

लेकिन इससे पहले कि यह अफवाहों की आंधी बेकाबू तूफान बनती, प्रशासन ने कमान अपने हाथ में ली — और इस बार जवाब दिया गया लाउडस्पीकर से!

शहर से गांव तक गूंजा प्रशासन का संदेश

जिले में ई-रिक्शा, जीपों और मुनादी टीमों के जरिये एक स्पष्ट चेतावनी दी गई —

 "ड्रोन या संदिग्ध दिखे तो पुलिस को सूचना दें, खुद कार्रवाई करने की कोशिश न करें। अफवाहों से बचें और कानून अपने हाथ में न लें। पुलिस आपकी सुरक्षा में तत्पर है।"

यह न केवल एक अपील थी, बल्कि उन लोगों को सीधी चुनौती भी जो माहौल बिगाड़ने की फिराक में थे।

सिर्फ अफवाह नहीं — क्या थी कोई बड़ी स्क्रिप्ट?

प्रशासन इस पूरी स्थिति को महज इत्तेफाक नहीं मान रहा। जिस तरह एक जैसी खबरें एक साथ कई जगहों से आईं, और सोशल मीडिया पर एक ही पैटर्न के मैसेज वायरल हुए, उसने अधिकारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया — क्या यह किसी सोची-समझी चाल का हिस्सा था?

पुलिस सूत्रों का मानना है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने जिले की शांति को चोट पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन समय रहते यह चाल पकड़ ली गई।

सोशल मीडिया पर पैनी नजर, अफवाहबाजों की खैर नहीं

एसएसपी के निर्देश पर एक स्पेशल मॉनिटरिंग टीम सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए है। थानों को अलर्ट किया गया है और ग्रामीण क्षेत्रों में अतिरिक्त गश्त शुरू कर दी गई है।

पुलिस ने यह साफ कर दिया है कि अफवाह फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा — IPC की गंभीर धाराएं उनका इंतजार कर रही हैं।

जनता को मिला सुकून, प्रशासन ने बढ़ाया भरोसा

प्रशासन की सक्रियता से जनता को बड़ा राहत का एहसास हुआ है।
अब लोग जान चुके हैं कि डर में जीने के बजाय सही सूचना देना ज्यादा कारगर है।
कई स्थानीय लोगों ने कहा, "अगर प्रशासन वक्त पर कदम न उठाता, तो हालात हाथ से निकल सकते थे।"

सबक: अफवाह नहीं, समझदारी फैलाएं

सहारनपुर प्रशासन ने यह साबित कर दिया कि जब इरादे मजबूत हों तो अफवाहें भी दम तोड़ देती हैं।
अब जरूरत है कि आम लोग भी सतर्क रहें, अफवाहों को तुरंत रोकें, और समाज में गलत सूचना फैलाने वालों को अलग-थलग करें।

यह सिर्फ सहारनपुर की कहानी नहीं — यह उस व्यवस्था की तस्वीर है, जो वक्त पर जागे तो साजिशें भी शर्मिंदा हो जाती हैं। 

सलाम खाकी राष्ट्रीय समाचार पत्रिका सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से पत्रकार गुलवेज़ आलम की रिपोर्ट 
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