📞 संपर्क: 8010884848 | 📧 samjhobharat@gmail.com
🧭 गुफा में जिंदगी: कर्नाटक के जंगलों से पुलिस ने बचाई रूसी महिला और उसकी मासूम बेटियाँ
कर्नाटक, 9 जुलाई 2025 – एक बेहद हैरान करने वाली और मानवीय दृष्टिकोण से झकझोर देने वाली घटना में पुलिस ने कर्नाटक के गोकर्ण क्षेत्र के रामतीर्थ पहाड़ियों के घने जंगल में एक रूसी महिला और उसकी दो बेटियों को एक खतरनाक गुफा से रेस्क्यू किया।
📍 घटना की पूरी जानकारी
👉 यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय लोगों ने जंगल से बच्चों की आवाज़ें और हलचल महसूस की।
👉 पुलिस ने मौके पर जाकर गुफा में छानबीन की तो एक रूसी महिला अपनी दो छोटी बेटियों के साथ बेहद दयनीय हालत में मिली।
👉 प्रारंभिक पूछताछ में महिला ने बताया कि उसका वीजा समाप्त हो गया था और वह गोवा से कर्नाटक आ गई थी।
🚨 "हमने उन्हें बेहद खतरनाक और अस्वस्थ परिस्थितियों में पाया। तुरंत मेडिकल चेकअप कराया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है।"
— कर्नाटक पुलिस
🧒👧 मासूमों की हालत देखकर पसीज गया दिल
- दोनों बच्चियाँ कुपोषण और डर की स्थिति में पाई गईं।
- गुफा में बिजली, पानी, स्वास्थ्य सेवाओं का कोई नामोनिशान नहीं था।
- महिला अपनी बच्चियों को बचाने के लिए जंगलों में छिपकर जिंदगी बिता रही थी।
❓ क्यों बनी गुफा घर?
- वीजा एक्सपायर हो चुका था, जिससे वह कानूनी तौर पर असहाय हो गई थी।
- भाषा, संसाधन और मदद की कमी के कारण वह किसी सहायता केंद्र या दूतावास तक नहीं पहुंच सकी।
- डर के कारण उसने जंगल की शरण ली, लेकिन यह शरण एक त्रासदी में बदल गई।
🛡️ पुलिस और स्थानीय प्रशासन का सराहनीय कार्य
कर्नाटक पुलिस ने न केवल उन्हें बचाया बल्कि इंसानियत की मिसाल पेश की।
- मेडिकल जांच कराई गई
- चाइल्ड वेलफेयर विभाग को सूचना दी गई
- अब दूतावास के माध्यम से महिला और बच्चियों की वापसी या वैध मदद की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
🤝 "सलाम खाकी" की राय:
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि पुलिस सिर्फ कानून की रखवाली ही नहीं, बल्कि इंसानियत की भी प्रहरी है।
गुफा में छिपकर जी रही महिला की तकलीफ एक वैश्विक मानवीय मुद्दा है—जहां वीज़ा, पहचान और सरहदें ज़रूरी हैं, वहीं जीवन और सुरक्षा सबसे पहले हैं।
📢 ऐसी घटनाएँ समाज को यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि "क्या हर गुमशुदा, विस्थापित या असहाय व्यक्ति के लिए कोई सुरक्षित विकल्प मौजूद है?"
#SalamKhaki #KarnatakaRescue #RussianWomanInCave #ZameerAlam #JungleRescue #HumanRights #PoliceHumanity #खाकी_की_संवेदना
✒️ लेखक: ज़मीर आलम
राष्ट्रीय संवाददाता – "सलाम खाकी"
📞 8010884848 | 📧 samjhobharat@gmail.com
© 2025 – Salam Khaki News Blog | जहां वर्दी सिर्फ ताक़त नहीं, संवेदना का प्रतीक भी है
No comments:
Post a Comment