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*जालसाजी और तस्करी अर्थव्यवस्था के साथ-साथ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती* - *डॉ अरूण सिंह*

*मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए जालसाजी और तस्करी की रोकथाम जरूरी  दीपचंद*

*अकादमी में जालसाजी व तस्करी की रोकथाम पर  पुलिसकर्मियों की क्षमता निर्माण कार्यशाला आयोजित*,


*सलाम खाकी न्यूज़ 


6 जुलाई 2022, मधुबन : हरियाणा पुलिस अकादमी में भारतीय वाणिज्य एवं व्यापार महासंघ (फिक्की)के सहयोग से जालसाजी और तस्करी की रोकथाम विषय पर पुलिसकर्मियों की क्षमता निर्माण कार्याशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उप निरीक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक पद के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।



 अकादमी के निदेशक डॉ सी एस राव के निर्देश पर अकादमी के पुलिस उप महानिरीक्षक डॉ अरूण सिंह ने कार्यशाला का शुभआरंभ किया।  जालसाजी और तस्करी के सामानों के प्रभाव की निरंतर जागरूकता और गंभीरता पर बल देने के लिए पुलिस अधिकारियों को जागरूक करने के उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई।




कार्यशाला में शुभारंभ संबोधन प्रस्तुत करते हुए डॉ अरूण सिंह ने कहा की जालसाजी और तस्करी संगठित अपराध है। इससे होनेवाली अवैध आमदनी को अपराधी, आतंकवाद और कानून व्यवस्था को खराब करने की गतिविधियों में प्रयोग करते हैं। पुलिस के लिए दिन-प्रतिदिन कानून व्यवस्था ड्यूटियों को निभाना प्राथमिकता रहती है।



  जालसाजी और तस्करी के मामलों को भी गंभरीता से लेने से पुलिस  की कानून -व्यवस्था की चुनौतियों से निपटने की दीर्घकालीन जरूरतों की पूर्ति हो सकेगी। उन्होंने कार्यशाला आयोजन के लिए फि क्की व उसकी टीम का आभार व्यक्त किया।  






कार्यशाला में फिक्की की, जालसाजी और तस्करी जैसी, अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली गतिविधियों खिलाफ समिति (कैसकेड) के सलाहकार और दिल्ली पुलिस के पूर्व विशेष आयुक्त दीपचंद ने जालसाजी और तस्करी के सामाजिक और आर्थिक दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोगों को धोखा देने के लिए किसी अच्छे सामान की नकल बनाना



 जालसाजी है और टेक्स दिए बिना गैर कानूनी तरीके से सामान को अवैध लाभ कमाने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना तस्करी है। जालसाजी से बनाए गए सामान न केवल आर्थिक हानि पहुंचाते हैं बल्कि ये लोगों के जीवन, सुरक्षा और उनके स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। जालसाजी और तस्करी देश के विकास की राह में एक बड़ी बाधा है। फिक्की द्वारा 5 उद्योगों में  कराए गए एक अध्ययन से सामने आया कि वर्ष 2017-18 में करीब 16 लाख 36 हजार रोजगार के अवसर जालसाजी व तस्करी के कारण छिन गए हैं। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जालसाजी और तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर लड़े। इससे हमें सही सामान तो मिलेगा ही साथ ही रोजगार और आर्थिक विकास में भी हम योगदान दे पाएंगे।




कार्यशाला में अमेजान कंपनी के नितिन सलूजा और जानसन एण्ड जॉनसन कंपनी के प्रतिनिधि असली व जालसाजी उत्पादों की पहचान और इनकी सूचना तंत्र के बारे में जानकारी प्रदान की।

कार्यशाला के सायंकालीन सत्र में एचडीएफसी बैंक की धोखाधड़ी रोकथाम इकाई के विजय कुमार व नोडल अधिकारी विपिन गुप्ता ने एटीएम फ्रॉड से बचाव व इन मामलों की तफतीश के बारे में पुलिसकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि हमेशा अपना एटीएम कार्ड ट्रांजक्शन के समय अपनी आंखों से ओझल न होने देें। यदि कार्ड गुम होने के बाद वापस मिला है तो उसका प्रयोग न करें और नया कार्ड बनाएं। अपना पिन समय-समय पर बदलते रहें और हमेशा छुपाकर ही उसे दर्ज करें। उन्होने कहा कि धोखेबाज आपको लालच देता है या फिर आपकी सेवाएं बंद होने का डर दिखाता है। दोनों से बचें।  

सलाम खाकी न्यूज़ फतेहाबाद से

 ब्यूरो चीफ़

 उजागर सिंह की रिपोर्ट 





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