डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को सजा होने के बाद डीजीपी रहे बीएस संधू को दी जेड सुरक्षा अब हटा दी गई है। अब रिटायर्ड डीजीपी की गाड़ी के साथ हरियाणा पुलिस की एस्कार्ट नहीं चलेगी। अब सुरक्षा की कैटेगरी वाई प्लस कर दी गई है। जेड सुरक्षा हटने के फैसले से नाखुश संधू ने राज्य सरकार को फिर से जेड सुरक्षा देने के लिए गुहार लगाते अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए चिट्ठी लिखी है। संधू के पंजाब स्थित माेहाली निजी आवास पर भी हरियाणा पुलिस कर्मचारियों की गारद लगी है जिसको लेकर अब विवाद गहरा गया है।
हरियाणा आर्म्ड पुलिस के आइजी ने सीआइडी प्रमुख को पत्र लिखकर हरियाणा पुलिस कर्मियों की ड्यूटी स्थायी रूप से पंजाब में लगाने को नियमों का उल्लंघन बताया है। संधू का आवास चंडीगढ़ से सटे मुल्लांपुर में है जो पंजाब के मोहाली जिले का क्षेत्र है। अभी एडीजीपी एएस चावला के आवास पर भी हरियाणा पुलिस की गारद लगाने का विवाद सुलझा भी नहीं कि अब इसी तरह का दूसरा मामला सामने आ गया है। अब दोनों अधिकारियों के आवास पर हरियाणा पुलिस की गारद रहेगी या पंजाब पुलिस की, इसका फैसला राज्य सरकार पर टिका है। हरियाणा पुलिस के आइपीएस ने डीजीपी और सीआइडी चीफ को लिखे पत्र में गादर लगाने को गृह मंत्रालय के आदेशों के विपरीत बताया है। उधर, सीआइडी प्रमुख अलोक मित्तल ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इंकार किया है, जबकि डीजीपी पीके अग्रवाल ने फोन रिसीव नहीं किया। बता दें सन 2017 में गुरमीत सिंह को सजा सुनाई गई थी जिसके बाद खतरा देखते गारद लगाई गई थी।
रिव्यू के लिए लिखा है पत्र : संधू
रिटायर्ड डीजीपी बीएस संधू ने बताया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह को सजा के बाद उनको धमकी मिली थी जिसके बाद जेड सुरक्षा लगाई गई थी। उन्होंने कहा कि जेड सुरक्षा को हटाकर दूसरी कैटेगरी में शामिल किया गया जिसको लेकर उन्होंने पुनर्विचार के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब उनका आवास पंजाब में है लेकिन पहले वह हरियाणा क्षेत्र में ही रहते थे। उनका कहना था कि इस तरह से गारद लगा दी जाती है।
इस तरह एडीजीपी की गारद पर भी उठे सवाल
एडीजीपी एएस चावला के मोहाली स्थित आवास पर हरियाणा पुलिस कर्मचारियों की गारद पर हरियाणा पुलिस के आइपीएस अधिकारी ने ही सवाल उठाए हैं। एचएपी के आइजी ने डीजीपी को पत्र लिखकर पंजाब में हरियाणा पुलिस की गारद लगाना गृह मंत्रालय के कानून का उल्लंघन बताया। गारद हटाने के एक दिन बाद डीजीपी पीके अग्रवाल के आदेश मिलते फिर से लगा दी गई है। बता दें कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को मोहाली के लोगों ने लिखित शिकायत कर एडीजीपी की गारद को नियमों के खिलाफ बताया था। गारद में लगे पुलिस कर्मचारियों पर भी अभद्र भाषा के आरोप लगाए थे। हालांकि गारद पर लगे आरोपों को तो जांच में क्लीन चिट दे दी गई लेकिन पंजाब में हरियाणा पुलिस की गारद लगाना नियमों के खिलाफ है।
गारद पर विवाद के बाद रेवेन्यू पर भी उठाए सवाल
एचएपी के आइजी और डीजीपी के बीच हुए पत्राचार पर गौर करें तो इसे राज्य सरकार के राजस्व का नुकसान भी बताया गया और इसकी जांच भी वित्त विभाग से कराने का इशारा किया गया। दरअसल, पंजाब के मोहाली में करीब साढे़ 4 साल से एडीजीपी की प्राइवेट कोठी पर गारद लगी हुई है। इस गारद में चार प्लस एक मुलाजिम तैनात हैं। यदि यह गारद नियमों के खिलाफ है तो हरियाणा पुलिस कर्मचारियों का दुरुपयोग हुआ क्योंकि नियमों के मुताबिक पंजाब पुलिस की गारद होना बताया जा रहा है।
सलाम खाकी न्यूज से क्राईम रिपोर्ट सुमित कुमार
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