सिरसा-- तुलसी का भी हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है, तुलसी के पुष्प पत्र बीज और मूल को औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है उक्त विचार बड़ागुढ़ा क्षेत्र के अंतर्गत आयुष हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर अलीकां के प्रभारी डॉ सुरेंद्र नागर ने अपने परिवार संग तुलसी का पौधा रोपित कर विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हुए व्यक्त किए। डाक्टर नागर का मानना है
कि हमारे आसपास स्वच्छ वातावरण और हरियाली बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है जगह के अनुसार
चाहे वह छायां दार पौधे हों या तुलसी आदि सहित औषधीय पौधे लगा कर रखने से भी
हमारा वातावरण स्वच्छ रहता है। उन्होंने बताया कि अन्य गुण कारी औषधीय पौधे भी लगा सकते हैं। लेकिन तुलसी का पौधा हर घर में जरुर होना चाहिए क्योंकि तुलसी एक, गुण अनेक , इसलिए यदि अपने घर में गमलों आदि ने तुलसी के पौधा भी अवश्य रोपित करने चाहिए। उन्होंने तुलसी के गुणों का जिक्र करते हुए कहा कि एक चौथाई चम्मच तुलसी बीज चूर्ण को शहद के साथ चाटने से सिर दर्द में लाभ होता है, त्वचा विकार और दाद में इसकी पत्तियां पीसकर लगाते हैं ।
सिर के रोगों के लिए इसके पत्ते का रस नाक में डालकर प्रयोग करना चाहिए ,वायरल बुखार और पसलियों का दर्द ठीक होता है ,5 से 6 तुलसी के पत्ते एक तिहाई चम्मच अदरक और एक चुटकी काली मिर्च को एक गिलास पानी में काढ़ा बना कर दो दो चम्मच दिन में तीन बार सेवन करने से सर्दी खांसी व जुकाम में राहत मिलती है। तुलसी के पत्ते शार्ट और शहद मिलाकर चाटने से सूखी खांसी और बच्चों के दमा रोग में लाभ होता है। तुलसी, नीम शुद्ध गुग्गुल एवं लाल के सूखे पत्तों का रोज शाम को घर में धुंआ करने से मच्छर कीड़े आदि घर से बाहर निकल जाते हैं। हमें पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अपने घरों में गमलों आदि में तुलसी का पौधे रोपित करने के अलावा अन्य औषधीय पौधे लगा कर रखने चाहिए।




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