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बांदा न्यूज:- विद्युत विभाग की लापरवाही का दंश झेल रहे करतलवासी

बांदा न्यूज:- विद्युत विभाग की लापरवाही का दंश झेल रहे करतलवासी

              आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

बांदा:
 जनपद के नरैनी तहसील क्षेत्र अंतर्गत कस्बा..करतल में आज प्रशासन की लचर ब्यवस्था का बेजोड़ नमूना देखने को मिला की किस प्रकार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का माखौल उड़ाते है।आइये हम आपको इस भीषण गर्मी मेंबिद्युत बिभाग की वर्षों से चली आ रही लापरवाही से रूबरू कराते हैं मामला है कस्बा करतल का जहां बिगत लगभग 45 वर्ष पूर्व शासन द्वारा कस्बे में बिद्युतीकरण किया गया था जिसमें सभी हरिजन एवँ दलित बस्तियों को दरकिनार कर आधे कस्बे में लाइन डालकर तथा दो ट्राँसफार्मर से कस्बाइयों को इसका लाभ दिया गया किन्तु ज्यों-ज्यों समय बीता किसी प्रकार लोगों ने बिद्युत उपयोग के लिये 100-500 मीटर तक निजी केबिल द्वारा सप्लाई प्राप्त की फिर कुछ वर्षों बाद एक ट्राँसफार्मर खराब हो जाने पर दूसरा ट्राँसफार्मर लगाना तो दूर उस ट्राँसफार्मर तक जाने वाली समूची 11000k.v.a की लाइन ही बिभाग द्वारा गायब कर उससे मिलने वाली सप्लाई को दूसरे ट्राँसफार्मर से जोड़ दिया उपभोक्ता फिर बढ़े और परिणाम लो बोल्टेज एवँ पुरानी खुली लाइन में आये दिन तार टूटना एवँ फाल्ट की समस्या ने जन्म ले लिया जिसका दँश आज भी उपभोक्ता झेल रहे हैं अब समय गुजरा प्रदेश तथा केन्द्र में भा. ज.पा की सरकार आई और  प्रधानमंत्री  ने सौभाग्य योजना केअँतर्गत सभी को बिद्युत के उपयोग हेतु इस योजनाँन्तर्गत लाभ दिलाने की अनूठी पहल चालू की जिससे बिगत 10माह पूर्व कस्बे की हरिजन एवँ दलित बस्तियों काभाग्य उदय हुआऔर शासन ने इन बस्तियों में बिद्युतीकरण का कार्य टाटा कम्पनी को सौपा जिन्होने लाइन बिछाई और बिना ट्राँसफार्मर लगाये सैकड़ों कनेक्शन भी कर दिये जिन्हे बिजली तो नहीं मिली बल्कि बिना बिद्युत उपयोग के हजारों के बिल जरूर मिल गये इन दस माह  गुजर जाने के बाद पुनः दूसरे ठेकेदार ने बस्ती में लगे पुराने तारों को बदलने का काम शुरू किया तो अनायास ही गरीब हरिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने बिजली जलाने हेतु पहले उनकी डाली गयी लाइन पर ट्राँसफार्मर लगाने की माँग करते हुये ठेकेदार से भिड़ गये ठेकेदार भी चालाक उसने बस्ती को जाने वाली लाइन से बिजली जोड़ने का प्रयास किया किन्तु पहले से ही लो बोल्टेज का दँश झेल रहे उपभोक्ताओं में आक्रोश फैल गया और सभी स्वीकृत 4 जगहों पर अलग-अलग ट्राँसफार्मर लगाकर सप्लाई देने की जिद करने लगे मामला बढ़ते देख ठेकेदार ने कहा यदि बिभाग मुझे ट्राँसफार्मर दे दे तो मैं सभी जगहों पर लगा दूँगा किन्तु जब उक्त समस्या के बारे में सम्बन्धित उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया तो उन्होंने सीधे चुप्पी साध ली जिससे साफ जाहिर होता है की पूर्व के ठेकेदार और बिभागीय अधिकारियों के बीच जरूर कोई खेल खेला गया है वरना कस्बे में लगने वाले ट्राँसफार्मर कहाँ गायब हो गये तथा बिना जाँच किये बँद कमरे में भुगतान कैसे हुआ और एक बँद पड़ी लाइन कागजों में चालू कैसे ?यह एक बहुत बड़ा सवाल है जबकि बिद्युत उपभोक्ताओं में रोष ब्याप्त है और उन्होंने हर हाल में समस्या हल ना होने पर आन्दोलन ,धरना प्रदर्शन करने का पूरा पूरा मन बना लिया है उनका सँकल्प है की समस्याओं का निस्तारण नहीं होने पर आर पार की लड़ाई लड़ने के लिये तैयार हैं ।

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