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गजब का शातिर था विकास दुबे , सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सीबीआई से की थी जांच कराने की मांग और व्यक्त की थी यूपी पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मार गिराने की आशंका

महाराष्ट्र के एक वकील ने विकास दुबे की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को भेजी एक याचिका सोशल मीडिया पर वायरल







सलाम खाकी डेस्क दिल्ली 10 जुलाई 2020

            आज 10 जुलाई में सुप्रीम कोर्ट को भेजी गई एक पीडीएफ वायरल हो रही है । जिस पर यदि गौर किया जाए तो पता चलता है कि कानपुर का हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर और 5 लाख का इनामी विकास दुबेे कितना शातिर था कि उसके‌ किसी सलाहकार की सलाह पर सुप्रीम कोर्ट में देनेे के लिए एक फाइल तैयार कर दी । 


       और उस फाइल को उनके महाराष्ट्र निवासी जिसका नाम घनश्याम उपाध्याय एडवोकेट बताया गया है केे द्वारा तैयार किया गया । जिसमें सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जेसीबी मशीन से उसके आवास व घरेलू सामान को तोड़ना संविधान के विरुद्ध बताया गया । इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की तथा उज्जैन में मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा पकड़े जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारे जाने की भी आशंका व्यक्त की गई थी । 


        वायरल पीडीएफ फाइल में यह भी बताया गया कि महाकाल के मंदिर में उसने स्वयं को कानून के हवाले करने की घोषणा की थी । जिसे गलत तरीके से मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार दिखाया गया । और इस बारे में एक पत्र उत्तर प्रदेश लखनऊ गृह मंत्रालय और एसएसपी कानपुर तथा वरिष्ठ निरीक्षक चौबेपुर पुलिस स्टेशन कानपुर तथा एक प्रति सीबीआई को भेजी गई । याचिका का कोई मतलब ही नहीं रह जाता उसे सब जानते थे कि इसने जो कृत्य किए हैं वे केवल और केवल क्रूरता वाली अपराधिक श्रेणी में आते हैं ।



      आतंक का पर्याय बना विकास दुबे का फाइल फोटो

            कानपुर का विकास दुबे जिसे कानपुर के इलाके को छोड़कर 2 जुलाई 2020 से पहले कोई नहीं जानता था । मगर उत्तर प्रदेश पुलिस के 3 अधिकारियों समेत 8 पुलिसकर्मियों को बड़ी बेरहमी से मौत के घाट उतारने वाला विकास दुबे की पहचान का पूरे भारत में आज कोई भी मोहताज नहीं है ।

         प्रसारित खबरों से पता चलता है कि पुलिस के लोगों को मारने में विकास अकेला नहीं था मगर हां पुलिस के आने की सूचना मिलते ही उसने अपनी पूरी टीम को हथियारों से लैस कर रखा था ताकि आते ही बिना किसी रूकावट के धाय धाएं कर सके और हुआ भी वही ..



सलाम खाकी न्यूज ओन लाईन एवं मासिक पत्रिका के समाचार संपादक सलेक चंद वर्मा की रिपोर्ट

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