( किसानो से रूठे इन्द्रदेव )
बेमौसम बारिश,ओले से तबाह हुई फसल
ललितपुर उत्तर प्रदेश 13 मार्च 2020
जनपद में मौसम किसानों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। बेमौसम बारिश से अब गेहूं और सरसों की फसल पर खतरा मंडराने लगा है। जल्द मौसम साफ न हुआ तो खेतों में गेहूं और सरसों खराब होना शुरू हो जाएगी। शुक्रवार को कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। मौसम विभाग ने भी बारिश की आशंका जताई थी। शुक्रवार को बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई। सुबह से शाम 5 बजे तक रुक-रुककर बारिश होती रही। सबसे अधिक बारिश गिरार क्षेत्र और बहादुरपुर क्षेत्र में हुई। बहादुरपुर क्षेत्र में ओलावृष्टि होने के चलते सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
गांव बहादुरपुर निवासी दीपक दुबे ने बताया कि उनके गांव में और पडोसी गॉवो में लगभग 30 मिनट तक ओले पड़े। इससे खेतों में खड़ी सरसों की फसल टूट गई तो गेहूं को भी नुकसान हुआ है। वहीं अन्य क्षेत्रों में भी फसल खेतों में बिछ गई है। इससे गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका और भी प्रबल हो गई है।
वहीं गिरार,बहादुरपुर क्षेत्र में अधिक बारिश होने के चलते खेतों में जलभराव हो गया है। आलू में जलभराव के चलते सबसे अधिक नुकसान होने की आशंका है। अगर कुछ दिन पानी भरा रहा तो मटर खराब होना शुरू हो जाएगा। ऐसे में किसान परेशान हैं। वहीं आसमान में छाए बादलों से अभी बारिश का खतरा टला नहीं है।
फसलों में लगातार हो रहे नुकसान से किसान परेशान हैं। उनकी चिंता जायज है। उर्द,मूंग की पैदावार कम होने के चलते पहले ही किसान परेशान थे। अब बेमौसम बारिश ने गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद भी तोड़ दी है। अब अगर बारिश नहीं रुकी तो किसानों को फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा। कुछ दिन पूर्व भी तेज हवा के साथ हुई बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ था।
इनका कहना-
चाहे कोई भी मौसम हो किसान तो हर बार ही नुकसान उठाता है। लगातार हो रही बारिश से इस बार गेहूं की फसल में नुकसान होगा।
पी0 देवेन्द्र कुमार (कृषक भड़ौला)
लाख कोशिशों के बाद भी किसानों को खेती में कुछ भी लाभ नहीं हो पा रहा है। चाहे कोई भी फसल केवल नुकसान ही होता है।
हाकम पाल(सैदपुर)
मौसम विभाग द्वारा बारिश की चेतावनी जारी कर दी जाती है। लेकिन इस चेतावनी से आखिर किसान क्या कर सकते हैं।
मजबूत सिंह लोधी (पूर्व प्रधान पिसनारी)
सरकार को नुकसान का आकलन कराना चाहिए। किसानों को उनकी भूमि के अनुसार मुआवजा दिलाना चाहिए।
धर्मेन्द्र सिंह परमार(प्रधान प्रतिनिधि सौंरई)
बेमौसम बारिश,ओले से तबाह हुई फसल
ललितपुर उत्तर प्रदेश 13 मार्च 2020
जनपद में मौसम किसानों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। बेमौसम बारिश से अब गेहूं और सरसों की फसल पर खतरा मंडराने लगा है। जल्द मौसम साफ न हुआ तो खेतों में गेहूं और सरसों खराब होना शुरू हो जाएगी। शुक्रवार को कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। मौसम विभाग ने भी बारिश की आशंका जताई थी। शुक्रवार को बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। अचानक तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई। सुबह से शाम 5 बजे तक रुक-रुककर बारिश होती रही। सबसे अधिक बारिश गिरार क्षेत्र और बहादुरपुर क्षेत्र में हुई। बहादुरपुर क्षेत्र में ओलावृष्टि होने के चलते सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
गांव बहादुरपुर निवासी दीपक दुबे ने बताया कि उनके गांव में और पडोसी गॉवो में लगभग 30 मिनट तक ओले पड़े। इससे खेतों में खड़ी सरसों की फसल टूट गई तो गेहूं को भी नुकसान हुआ है। वहीं अन्य क्षेत्रों में भी फसल खेतों में बिछ गई है। इससे गेहूं का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका और भी प्रबल हो गई है।
वहीं गिरार,बहादुरपुर क्षेत्र में अधिक बारिश होने के चलते खेतों में जलभराव हो गया है। आलू में जलभराव के चलते सबसे अधिक नुकसान होने की आशंका है। अगर कुछ दिन पानी भरा रहा तो मटर खराब होना शुरू हो जाएगा। ऐसे में किसान परेशान हैं। वहीं आसमान में छाए बादलों से अभी बारिश का खतरा टला नहीं है।
फसलों में लगातार हो रहे नुकसान से किसान परेशान हैं। उनकी चिंता जायज है। उर्द,मूंग की पैदावार कम होने के चलते पहले ही किसान परेशान थे। अब बेमौसम बारिश ने गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद भी तोड़ दी है। अब अगर बारिश नहीं रुकी तो किसानों को फसल की लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा। कुछ दिन पूर्व भी तेज हवा के साथ हुई बारिश से खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान हुआ था।
इनका कहना-
चाहे कोई भी मौसम हो किसान तो हर बार ही नुकसान उठाता है। लगातार हो रही बारिश से इस बार गेहूं की फसल में नुकसान होगा।
पी0 देवेन्द्र कुमार (कृषक भड़ौला)
लाख कोशिशों के बाद भी किसानों को खेती में कुछ भी लाभ नहीं हो पा रहा है। चाहे कोई भी फसल केवल नुकसान ही होता है।
हाकम पाल(सैदपुर)
मौसम विभाग द्वारा बारिश की चेतावनी जारी कर दी जाती है। लेकिन इस चेतावनी से आखिर किसान क्या कर सकते हैं।
मजबूत सिंह लोधी (पूर्व प्रधान पिसनारी)
सरकार को नुकसान का आकलन कराना चाहिए। किसानों को उनकी भूमि के अनुसार मुआवजा दिलाना चाहिए।
धर्मेन्द्र सिंह परमार(प्रधान प्रतिनिधि सौंरई)
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